UK PM Race 2022: आखिर कौन होगा ब्रिटेन का नया PM? किस एजेंडे के साथ आगे बढ़ रही है ट्रस? चीन-ताइवान पर क्या होगी उनकी रणनीति
UK PM Race 2022 आखिर ट्रस अगर ब्रिटेन की नई पीएम बनती हैं तो लोगों की उनसे क्या उम्मीदें होंगी। उनके समक्ष क्या होंगी बड़ी चुनौतियां। चुनाव प्रचार के दौरान खुद ट्रस ने लोगों को क्या भरोसा दिलाया है। क्या अपने वादों पर वह खरी उतरेगी।
नई दिल्ली, जेएनएन। पांच सितंबर को कंजर्वेटिव पार्टी के नेता और देश के अगले प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा की जाएगी। इस बीच कई तरह की अनिश्चितताओं के बीच पीएम बनने की दौड़ में लिज ट्रस के मौके 90 फीसद तक बढ़ गए हैं। हालांकि, ब्रिटेन का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा, इस पर दुविधा बनी हुई है। बता दें कि इस चुनाव में प्रमुख मुकाबला ट्रस और पूर्व वित्त मंत्री ऋषि सुनक के बीच है। लंदन में हुए सर्वे और पोल के नतीजों के बाद इस दौड़ में आगे चल रहे सुनक की उम्मीदें कम हो गई हैं। सर्वे में ट्रस आगे चल रही हैं। आखिर ट्रस अगर ब्रिटेन की नई पीएम बनती हैं तो लोगों की उनसे क्या उम्मीदें होंगी। उनके समक्ष क्या होंगी बड़ी चुनौतियां। चुनाव प्रचार के दौरान खुद ट्रस ने लोगों को क्या भरोसा दिलाया है। क्या अपने वादों पर वह खरी उतरेगी।
टैक्स और विदेश नीति होगा बड़ा मुद्दा
विदेश मामलों के जानकार प्रो हर्ष वी पंत का कहना है कि ट्रस या सुनक चाहे जो भी ब्रिटेन का पीएम बने उसे देश की आंतरिक और वाह्य चुनौतियों का सामना करना होगा। नए पीमए के समक्ष देश में बढ़ती महंगाई और टैक्स बड़ा मुद्दा होगा। दूसरे, विदेश नीति के मोर्चे पर भी चीन और ताइवान भी एक बड़ा मुद्दा होगा। यूक्रेन जंग के बीच ब्रिटेन ने सख्त रुख अपनाया है। ऐसे में दोनों नेताओं के पास चीन के साथ संबंधों को लेकर चुनौती होगी। ब्रिटेन में चीन के विरोध को देखते हुए चीन पर नकेल लगाने की बड़ी चुनौती होगी। सुनक ने टीवी शो में चली बहस के दौरान कहा था कि ट्रस ने अपने कार्यकाल में चीन के शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा दिया है।
महंगाई से निपटने का ट्रस का क्या है फार्मुला
प्रो पंत ने कहा कि यूक्रेन जंग के बाद पूरी दुनिया महंगाई की मार झेल रही है। ब्रिटेन भी इससे अछूता नहीं है। ट्रस ने हाल में कहा था कि वह तेल और गैस कंपनियों पर कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाएंगी। इसका सीधा अर्थ यह है कि आम जनता पर महंगाई का बोझ नहीं बढ़ेगा। कंजरवेटिव पार्टी के सदस्यों और आम जनता ने इसे सकारात्मक ढंग से लिया है। ब्रिटेन इन दिनों 9.4 फीसद वाली महंगाई दर से गुजर रहा है। ट्रस ने कहा है कि वह पीएम बनने के बाद सबसे पहले टैक्स में कटौती करेंगी। इतना ही नहीं वह आयकर टैक्स में कटौती करेंगी। कारपोरेशन टैक्स में इजाफे को वापस लेने का भी वादा किया है। ट्रस का मानना है कि संकट के दौर में करों में इजाफा करना नैतिक रूप से गलत है। ट्रस ने इसके साथ ही ऊर्जा बिल पर मिलने वाली ग्रीन लेवी को खत्म करने की बात कही है। यह छूट रिन्यूबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स पर मिलती है।
चीन के प्रति कड़ा रवैया अपनाने का तय किया एजेंडा
ट्रस ने चीन के प्रति कड़ा रवैया अपनाने की बात स्वीकार की है। उनका कहना है कि चीन के राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव को खत्म करने के लिए वो एक खास नेटवर्क को तैयार करेंगी। साथ ही यूके में चीनी निवेश और न्यूक्लियर प्लांट जैसे इनफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स का भी उन्होंने विरोध किया है। कई तरह की अनिश्चितताओं के बीच पीएम बनने के ट्रस के मौके 90 फीसद तक बढ़ गए हैं। हर सर्वे और पोल में ट्रस बढ़त बनाए हुईं हैं। यह माना जा रहा है कि ट्रस देश की पीएम होंगी इस बात की संभावनाएं ज्यादा हैं। वह अब बुकीज की भी फेवरिट हो गई हैं। हालांकि टीवी बहस में जिस तरह से ट्रस का प्रदर्शन है, वह उनके प्रधानमंत्री बनने की संभावनाओं को कमजोर करने वाला है।
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