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    France Riots: कौन था 17 वर्षीय नाहेल? जिसकी मौत के बाद फ्रांस में भड़की हिंसा; एम्बाप्पे ने की शांति की अपील

    By Anurag GuptaEdited By: Anurag Gupta
    Updated: Sat, 01 Jul 2023 10:34 PM (IST)

    पुलिस फायरिंग में मंगलवार को मारा गया 17 वर्षीय नाहेल नाइजीरियाई मूल का किशोर है। वह नैनटेरे शहर में एक डिलीवरी ड्राइवर के तौर पर काम करता था। साथ ही ...और पढ़ें

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    फ्रांस में थम नहीं रही हिंसा (फोटो: रायटर)

    पेरिस, ऑनलाइन डेस्क। फ्रांस में 17 वर्षीय किशोर की पुलिस फायरिंग में मौत के बाद हिंसा और विरोध प्रदर्शन पांचवें दिन भी जारी है। कई जगहों पर अभी भी तोड़फोड़ और आगजनी हो रही है। अभी तक करीब तीन हजार कारें-वाहन तोड़े-जलाए जा चुके हैं, ढाई हजार से ज्यादा दुकानें जलाई या लूटी जा चुकी हैं और सैकड़ों पुलिस थानों-सरकारी भवनों पर हमले हुए हैं। ऐसे में अबतक 2,400 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

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    कौन था पुलिस फायरिंग में मारा गया नाहेल?

    पुलिस फायरिंग में मंगलवार को मारा गया 17 वर्षीय नाहेल नाइजीरियाई मूल का किशोर था। वह नैनटेरे शहर में एक डिलीवरी ड्राइवर के तौर पर काम करता था। साथ ही वह पिछले 3 वर्षों से पाइरेट्स ऑफ नैनटेरे रग्बी क्लब का सक्रिय सदस्य था।

    पुलिस के मुताबिक, किशोर तेज रफ्तार से गाड़ी ड्राइव कर रहा था। ऐसे में पुलिस ने उसे रोकने का प्रयास किया। हालांकि, नाहेल रुका नहीं और पुलिस ने पॉइंट ब्लैंक रेंज से गोली दाग दी। जिसमें उसकी मौके पर ही मौत हो गई।

    इस घटना के बाद फ्रांस के कई हिस्सों में नस्लीय भेदभाव को लेकर हिंसा भड़क उठी। इस बीच, नाहेल का शनिवार को अंतिम संस्कार किया गया। एकलौते बेटे की मौत की वजह से मां मौनिया सदमे में हैं। उन्होंने कहा कि गोली मारने वाले पुलिसकर्मी के प्रति उनके मन में गुस्सा है, लेकिन बाकी लोगों से उन्हें कोई शिकायत नहीं है। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके बेटे के चेहरे को देखने के बाद फायरिंग की।

    नाहेल की शिक्षा अभी संपन्न नहीं हुई थी। हालांकि, वह इलेक्ट्रीशियन बनने का सपना देख रहे थे। ऐसे में उन्होंने सुरेसनेस के एक कॉलेज में दाखिला भी लिया, लेकिन अटेंडेंस रिकॉर्ड काफी खराब था।

    मैक्रों ने रद्द किया जर्मनी दौरा

    फ्रांस में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है और कई शहरों में हालात ज्यादा बेकाबू होते दिखाई दे रहे हैं। वहीं, कुछ जगहों पर बीते दिनों की तुलना में थोड़ी शांति दिखाई दी। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांस की मौजूदा स्थिति को देखते हुए सर्वप्रथम ब्रसेल्स में हो रही यूरोपीय संघ की बैठक को बीच में ही छोड़कर पेरिस लौट आए थे और अब उन्होंने जर्मनी का दौरा भी रद्द कर दिया।

    कैसे भड़की हिंसा?

    नाहेल की मौत के बाद लोगों के मन में पुलिस के खिलाफ नफरत पनपने लगी और सोशल मीडिया ने 'आग में घी' डालने का काम किया। वहीं, राष्ट्रपति मैक्रों ने देश में बेकाबू हालात के लिए सोशल मीडिया को काफी हद तक जिम्मेदार ठहराया है।

    शांति की अपील

    हिंसाग्रस्त फ्रांस के फुटबॉल स्टार किलियन एम्बाप्पे सहित कई अन्य शख्सियतों ने शांति की अपील की है और कहा कि हिंसा से कोई समाधान नहीं निकलता। हालांकि, इस अपील का कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में सरकार ने उपद्रवियों को रोकने के लिए सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ाकर 45 हजार कर दी।