World Women Day 2022: चीन में कब आएंगे महिलाओं के अच्छे दिन? शोषण सहने के लिए विवश है आधी आबादी
World Women Day 2022 चीन भले ही महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर हो लेकिन वहां महिलाओं की स्थिति बेहतर नहीं है। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन में आधी आबादी शोषण का शिकार है। अत्याचार के बाद वह उफ तक नहीं कर सकती है।

नई दिल्ली, जेएनएन। World Women Day 2022: चीन में महिलाओं की स्थिति बहुत बेहतर नहीं है। हाल में कनाडा स्थित थिंक टैंक इंटरनेशनल फोरम फार राइट्स एंड सिक्युरिटी की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि चीन में महिलाओं के प्रति हो रहे शोषण व जुल्म के आंकड़े छिपाए जाते हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन में केंद्रीय सरकार से लेकर स्थानीय स्तर पर महिलाओं के शोषण के आंकड़ों को दबाया जाता है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल में चीन में महिलाओं के ऊपर अत्याचार के दो मामले सामने आए हैं। इसमें एक पूर्व टेनिस खिलाड़ी पेंग शुआई के यौन शोषण के मामले को पूरी दुनिया को चौंका कर रख दिया था। एक अन्य मामला चीन के ज्यांग्सु प्रांत का है। यहां एक चीनी महिला को बंधक बनाकर रखा गया था। एक शिविर में उस महिला को जंजीर बांधकर रखा गया। इन दो घटनाओं के जरिए चीन में महिलाओं की स्थिति पर आंकलन किया गया है।
पेंग शुआई ने लगाया यौन उत्पीड़न का मामला
1- नवंबर, 2021 में 35 साल की पेंग शुआई ने चीन की सोशल साइट वीबो पर चीन के पूर्व उप प्रधानमंत्री जांग गाओली पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। इसके तुरंत बाद पेंग कई हफ्तों के लिए लापता हो गई थीं। पेंग के इस आरोप के बाद यह पोस्ट डिलीट कर दी गई थी। पूरी दुनिया में इसकी निंदा हुई थी। पेंग इसके बाद 2022 के बीजिंग विंटर ओलंपिक में ही सामने आई थी। इसके बाद पेंग ने यह भी कहा कि उन्होंने कभी किसी पर आरोप नहीं लगाए। बता दें कि पेंग ने महिला डबल्स में अपने करियर को ऊंचाई दी और दो ग्रैंड स्लैम जीते। वह फरवरी 2014 में पहली बार डबल्स में विश्व की नंबर एक खिलाड़ी बनी थी।
2- इस रिपोर्ट में ज्यांग्सु प्रांत के एक शिविर में गले में चेन से बंधी मिली महिला का जिक्र है। यह महिला वर्षों से यौन शोषण की शिकार हो रही थी। इस दौरान उसने आठ बच्चों को जन्म दिया। ड्रैगन ने इस पीड़िता को न्याय दिलाने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई और उल्टा इस मामले को दबाने का प्रयास किया। चीन के सोशल मीडिया पर उससे संबंधित सभी पोस्टों को भी हटवा दिया गया। इसके अलावा चीन में मानव तस्करी के सबसे गंभीर मामले सामने आए हैं। चीन में मानव तस्करी का सबसे बड़ा नेटवर्क है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2016 में चीन में लापता लोगों की संख्या 39 लाख थी, जबकि वर्ष 2020 में यह 10 लाख के ऊपर थी। अमेरिका की एक रिपोर्ट के मुताबिक लापता लोगों में अधिकांश महिलाएं हैं। इसमें से अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय की हैं।
3- लैंगिक समानता की दिशा में प्रगति के तमाम दावों के बावजूद चीन में महिलाओं के लिए मुश्किल हालात बने हुए हैं। बीजिंग में 1980 के दशक में लागू एक बच्चा नीति की सबसे ज्यादा शिकार महिलाएं ही हुईं। इससे आज चीन की हालात यह है कि वहां महिलाओं की संख्या के मुकाबले 30 लाख पुरुष ज्यादा हैं। इस कारण महिलाओं के शोषण व तस्करी के मामले बढ़ गए हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनियाभर में महिलाएं जंजीरों में जकड़ी हुई हैं। कुछ पितृसत्तात्मक समाज के चलते तो कुछ सरकारों की नीतियों के चलते। अलबत्ता कुछ जंजीरें ऐसी हैं जो दिखाई नहीं देतीं।
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