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    अमेरिका समेत सभी देशों से संबंध बनाने की है चाहत, तालिबानी नेता अब्दुल गनी बरादर ने कही ये बात

    By Monika MinalEdited By:
    Updated: Sat, 21 Aug 2021 03:41 PM (IST)

    अफगानिस्तान में तालिबान अब सरकार गठन की तैयारी में जुटा है। इसके लिए काबुल में मौजूद समूह के सह संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर ने कहा है कि तालिबान अमेरिका समेत सभी देशों से संबंध बनाने को इच्छुक है।

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    अमेरिका समेत सभी देशों से संबंध बनाने की है चाहत, तालिबानी नेता अब्दुल गनी बरादर ने कही ये बात

    काबुल, एएनआइ। तालिबान (Taliban) ने शनिवार को यह स्पष्ट कर दिया कि अमेरिका समेत दुनिया भर के सभी देशों से आर्थिक व व्यापार संबंध बनाना चाहता है। तालिबान के सह संस्थापक मुल्ला अब्दुल गनी बरादर (Mullah Abdul Ghani) ने कहा, 'इस्लामिक अमीरात अफगानिस्तान (Islamic Emirat of Afghanistan)  सभी देशों से राजनयिक व व्यापार संबंध बनाना चाहता है विशेषकर अमेरिका से।' बरादर ने शनिवार को ट्वीट कर यह बात कही है। अमेरिका के साथ राजनयिक व व्यापार संबंध नहीं चाहने वाली मीडिया रिर्पोर्ट को खारिज करते हुए तालिबानी नेता ने कहा, ' हमने किसी देश से संबंध तोड़ने के बारे में बात नहीं की। इस तरह का अफवाह एक प्रोपगैंडा है। यह सच नहीं है।'

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    2010 में पाकिस्तान में हुआ था गिरफ्तार, ट्रंप के निर्देश पर 2018 में रिहा 

    तालिबानी नेता बरादर काबुल में अफगान के राजनेताओं से सरकार के गठन के लिए बातचीत करने को मौजूद है। उल्लेखनीय है कि बरादर को 2010 में पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया था। बाद में 2018 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दिए गए निर्देश के बाद उसे रिहाई मिली और फिर उसे कतर भेज दिया गया। इसके बाद दोहा स्थित तालिबान के पॉलिटिकल ऑफिस के प्रमुख के तौर पर बरादर को नियुक्त किया गया। इससे पहले हिज्ब-ए-इस्लामी अफगानिस्तान (HIA) के नेता गुलबादीन हेकमातयार (Gulbadin Hekmatyar) ने जानकारी दी थी कि तालिबानी नेताओं के काबुल पहुंचने के बाद समूह व अफगान नेताओं के बीच वार्ता की जाएगी।

    मुल्ला अब्दुल गनी बरादर 20 साल बाद कतर से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पहुंचा है। कतर में वह महीनों तक अमेरिका और फिर अफगान शांति वार्ताकारों के साथ बातचीत में शामिल था।  तालिबान दुनिया को यह विश्वास दिलाने की कोशिश कर रहा है कि 20 साल बाद अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद यह अलकायदा जैसे आतंकी संगठनों से संबंध तोड़ देगा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार तालिबान दुनिया की मान्यता व अनुमोदन चाहता है।