'US ने भारत को खो दिया', अमेरिका पर ही भारी पड़ा ट्रंप टैरिफ; दुनिया भर में मचा हंगामा
भारत पर 50% अमेरिकी टैरिफ लगने की चर्चा वैश्विक स्तर पर है। पश्चिमी मीडिया के अनुसार इस टैरिफ विवाद से अमेरिका ने भारत को खो दिया है जिसके परिणाम अमेरिका के हितों के लिए बुरे हो सकते हैं। अमेरिकी मीडिया भी टैरिफ से हैरान है क्योंकि भारत अमेरिका का सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत पर 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ लागू होने की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है। पश्चिमी मीडिया का कहना है कि टैरिफ विवाद से अमेरिका ने भारत को खो दिया और अमेरिका के हितों के लिहाज से इसके नतीजे बेहद बुरे हो सकते हैं।
भारत पर ट्रंप के टैरिफ की इसलिए भी ज्यादा चर्चा हो रही है क्योंकि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा ट्रे्ड पार्टनर हैं और दोनों देशों के संबंध रणनीतिक भागीदारी के स्तर पर हैं। अमेरिकी मीडिया में भी भारत पर टैरिफ को लेकर हैरानी है और अमेरिकी ब्राडकास्टर सीएनएन ने भारत पर टैरिफ की खबर को प्रमुखता से कवर किया है।
'अमेरिका ने भारत को खो दिया'
सीएनएन ने विश्लेषकों के हवाले से लिखा है कि टैरिफ विवाद से अमेरिका ने भारत को खो दिया है और इसका नतीजा बहुत बुरा होने वाला है। लेख में कहा गया कि रूसी तेल की खरीद को लेकर ट्रंप का भारत पर टैरिफ लगाना भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए स्वीकार करना खास तौर पर मुश्किल रहा है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि ट्रंप के पहले कार्यकाल में दोनों नेताओं के रिश्ते बहुत अच्छे थे। विश्लेषकों का कहना है कि भारत को खोना अमेरिकी हितों के लिए बेहद बुरा साबित होने वाला है। सीएनएन की एक अलग खबर में कहा गया है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत से आने वाले सभी उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है।
भारतीय सामानों की बढ़ी कीमतें
इससे अमेरिका के सबसे अहम व्यापारिक साझेदारों में से एक भारत के साथ रिश्ता मुश्किल में पड़ गया है। अमेरिका में भारत से आने वाले सामान की कीमतें भी बढ़ गईं हैं। भारत पर टैरिफ से अमेरिका को भी नुकसान हो रहा है लेकिन ट्रंप यह बात समझ नहीं रहे हैं।
सीएनएन ने अमेरिका में हो रहे नुकसान पर लिखा है कि भारत पर लगाए गए टैरिफ से अमेरिकी कंपनियां और उपभोक्ता पहले से महंगाई का सामना कर रहे हैं। लेबर मार्केट की हालत खराब है। भारतीय उत्पादों पर टैरिफ बढ़ने से स्थिति और भी बिगड़ सकती है।
केंद्र सरकार की अपील
ब्रिटेन के अखबार द गार्डियन ने ट्रंप के 50 प्रतिशत टैरिफ को भारत अमेरिका के संबंधों में अब तक की सबसे बड़ी क्षति बताया है। एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी के हवाले से अखबार ने लिखा है कि ट्रंप ने सब कुछ गंवा दिया है। दोनों देश भले ही एक-दूसरे पर आंख-मूंदकर भरोसा नहीं करते थे लेकिन फिर भी वो एक मजबूत रणनीतिक रिश्ता बनाने में कामयाब रहे थे।
इस रिश्ते को फिर से बनाने में काफी वक्त लगेगा और ट्रंप के राष्ट्रपति रहने तक ऐसा होना मुश्किल है। अखबार ने लिखा है कि ट्रंप के टैरिफ को लेकर भारत में विद्रोही माहौल है। पीएम मोदी की सरकार ने रूस से तेल की खरीद रोकने से इनकार कर दिया है और वह लोगों से देश में बनी वस्तुएं खरीदने की अपील कर रहे हैं।
द गार्डियन के राजनीतिक संपादक पैट्रिक विन्टार ने एक लेख में कहा है कि ट्रंप टैरिफ के जरिये अपनी राजनीतिक और आर्थिक ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन ब्राजील और भारत जैसे देश मिल कर उनका विरोध कर रहे हैं।
भारत-अमेरिका में बढ़ा तनाव
हाल के हफ्तों में ब्राजील, रूस, भारत और चीन के नेताओं ने इस पर विरोध जताया है। यह दिखाता है कि ट्रंप का टैरिफ दांव किस तरह से उलटा पड़ सकता है। कई देश मिल कर प्रतिरोध की एक धुरी बना सकते हैं और ट्रंप की ताकत को दरकिनार कर सकते हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर ने लिखा है कि टैरिफ को लेकर दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतांत्रिक देशों और रणनीतिक साझेदारों में तनाव बढ़ गया है।
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