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अफगानिस्‍तान में अमेरिकी राजदूत का कार्यकाल खत्‍म, लौटे स्‍वदेश

तालिबान के साथ अमेरिका की वार्ता ठप पड़ी है। इस बीच अफगानिस्‍तान में कार्यरत अमेरिकी राजदूत का कार्यकाल खत्‍म हो गया है और वे वापस स्‍वदेश लौट गए हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 07 Jan 2020 11:31 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jan 2020 11:31 AM (IST)
अफगानिस्‍तान में अमेरिकी राजदूत का कार्यकाल खत्‍म, लौटे स्‍वदेश
अफगानिस्‍तान में अमेरिकी राजदूत का कार्यकाल खत्‍म, लौटे स्‍वदेश

वाशिंगटन, एएफपी। अफगानिस्‍तान में वाशिंगटन के राजदूत का कार्यकाल समाप्‍त हो गया। इसके बाद जैसा कि तय था सोमवार को वे अपने देश रवाना हो गए। यह जानकारी देश के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता ने एएफपी को दी। बता दें कि अमेरिका-तालिबान के बीच शांति वार्ता अभी भी लंबित है। वर्ष 2017 के दिसंबर माह से जॉन बास (John Bass) काबुल में अपनी सेवा दे रहे थे।

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बता दें कि वे दो साल तक अफगानिस्‍तान की राजधानी काबुल में रहे। छह जनवरी को उनके कार्यकाल का अंतिम दिन था। विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘राजदूत बास की विदाई पूर्वनियोजित थी और यह सामान्‍य प्रक्रिया है। दिसंबर के शुरुआत में अमेरिका ने ऐलान किया था कि अफगानिस्‍तान में बगराम मिलिट्री बेस पर हमले के बाद तालिबान इस्‍लामिक चरमपंथियों के साथ वार्ता को रोक दिया गया है।

उन्‍होंने आगे बताया, ‘जॉन बास ने बड़ी कुशलता के साथ अफगानिस्तान में राजनीतिक समझौते तक पहुंचने के ट्रंप प्रशासन के लक्ष्य को आगे बढ़ाया। इसके बाद यह सुनिश्चित हुआ कि अफगान की ओर से अमेरिका को किसी तरह का आतंकी खतरा नहीं होगा। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने कई खतरों का सामाना किया और विशाल राजनयिक मिशन का नेतृत्‍व किया।’

इसके बाद इस पद के लिए राजदूत रॉस विलसन का नाम पेश किया गया है। इस बीच पद का प्रभार दूतावास के उपप्रमुख केरेन डेकर संभालेंगे।

कुछ दिनों पहले ही अमेरिका व चरमपंथियों के बीच कतर में बातचीत शुरू की गई है। इसका उद्देश्‍य है कि हिंसा को कम करने के लिए राह निकाली जा सके या फिर सीजफायर को लागू किया जाए जिससे 18 सालों बाद अफगानिस्‍तान से अमेरिकी सेनाओं की वापसी की अनुमति मिले।

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