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अफगान महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता, कहा- उनके अधिकारों का सम्मान करे तालिबान

संयुक्त राष्ट्र महिला आफिसर-इन-चार्ज प्रमिला पैटन ने कहा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहीं अफगान महिलाओं को कोड़े मारे जाने और डंडों से पीटे जाने जैसी घटनाओं की तस्वीरें देखकर मैं स्तब्ध और आक्रोशित हूं। मैं उन महिलाओं के साथ खड़ी हूं।

By Neel RajputEdited By: Published: Fri, 10 Sep 2021 12:42 PM (IST)Updated: Fri, 10 Sep 2021 12:42 PM (IST)
अफगान महिलाओं की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता, कहा- उनके अधिकारों का सम्मान करे तालिबान
संयुक्त राष्ट्र महिला प्रभारी अधिकारी प्रमिला पैटन ने कहा

संयुक्त राष्ट्र, आइएएनएस। संयुक्त राष्ट्र की एक उच्च पदस्थ महिला अधिकारी ने अफगानिस्तान में तालिबान अधिकारियों से महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि, 'महिलाओं को शांतिपूर्ण विरोध और हिंसा से मुक्त जीवन का अधिकार है। अफगानिस्तान पर नियंत्रण करने के साथ ही तालिबानी अधिकारियों ने देश की जनता के अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी ली थी, उनके अधिकारों का सम्मान और रक्षा करें।'

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समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र महिला की आफिसर-इन-चार्ज प्रमिला पट्टन ने कहा, 'शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहीं अफगान महिलाओं को कोड़े मारे जाने और डंडों से पीटे जाने जैसी घटनाओं की तस्वीरें देखकर मैं स्तब्ध और आक्रोशित हूं। मैं उन सभी अफगान महिलाओं के साथ एकजुटता से खड़ी हूं जो अपने मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता के अधिकार के लिए लड़ रही हैं।'

उन्होंने कहा, मैं फिर से तालिबान से अफगानिस्तान में सभी महिलाओं और लड़कियों के पूर्ण अधिकारों को सुनिश्चित करने के अपने कर्तव्य का पालन करने का आह्वान करती हूं। उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ इस तरह की घटनाओं की समाप्ति सुनिश्चित करें और इनकी निगरानी की जाए ताकि जब भी और कहीं भी ऐसी हिंसा हो तो अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।

अधिकारी ने कहा, तालिबान अधिकारियों द्वारा महिलाओं और लड़कियों के अधिकारों का सम्मान करने के लिए किए गए वादों की कुछ विश्वसनीयता हो सकती है, जबकि इस तरह की घटनाएं खुलेआम हो रही हैं और इनके खिलाफ कोई कार्रवाई भी नहीं की जाती है। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए कि महिलाएं अफगानिस्तान के सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में भागीदारी के अपने अधिकार का पूरी तरह, समान और सुरक्षित रूप से प्रयोग कर सकती हैं।

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