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जलवायु परिवर्तन पर धनी व विकासशील देशों की 'जंग' में फंसी यूएन की अहम रिपोर्ट, इन देशों ने जताई आपत्ति

वर्तमान में जलवायु परिवर्तन वैश्विक समाज के समक्ष मौजूद सबसे बड़ी चुनौती है एवं इससे निपटना वर्तमान समय की बड़ी आवश्यकता बन गई है। चीन ब्राजील सऊदी अरब जैसे बड़े देशों के साथ-साथ अमेरिका और यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने रिपोर्ट में कुछ अंशों को लेकर सप्ताहांत में आपत्ति जताई।

By AgencyEdited By: Mohd FaisalPublished: Mon, 20 Mar 2023 04:45 AM (IST)Updated: Mon, 20 Mar 2023 04:45 AM (IST)
जलवायु परिवर्तन पर धनी व विकासशील देशों की 'जंग' में फंसी यूएन की अहम रिपोर्ट, इन देशों ने जताई आपत्ति
जलवायु परिवर्तन पर धनी व विकासशील देशों की 'जंग' में फंसी यूएन की अहम रिपोर्ट (फाइल फोटो)

बर्लिन, एजेंसी। जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र की एक अहम रिपोर्ट का प्रकाशन धनी और विकासशील देशों के बीच उत्सर्जन लक्ष्यों और कमजोर देशों को वित्तीय सहायता को लेकर चल रही लड़ाई के कारण नहीं हो पा रहा है। दुनिया के सैकड़ों शीर्ष वैज्ञानिकों की इस रिपोर्ट को स्विटजरलैंड के शहर इंटरलेकन में एक सप्ताह की बैठक के अंत में सरकारी प्रतिनिधिमंडलों द्वारा अनुमोदित किया जाना था।

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इन देशों ने रिपोर्ट को लेकर जताई आपत्ति

बता दें कि वर्तमान में जलवायु परिवर्तन वैश्विक समाज के समक्ष मौजूद सबसे बड़ी चुनौती है एवं इससे निपटना वर्तमान समय की बड़ी आवश्यकता बन गई है। इसकी समय सीमा को बार-बार बढ़ाया गया क्योंकि चीन, ब्राजील, सऊदी अरब जैसे बड़े देशों के साथ-साथ अमेरिका और यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने रिपोर्ट में कुछ अंशों को लेकर सप्ताहांत में आपत्ति की।

दुनिया के पास बहुत कम समय बचा है-गुटेरस

वैज्ञानिक रिपोर्ट पर देशों के हस्ताक्षर करने की प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारें इसके निष्कर्षों को आधिकारिक सलाह के रूप में स्वीकार करें और उसी मुताबिक आगामी योजना तैयार करें। बैठक की शुरुआत में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने प्रतिनिधियों को मजबूत तथ्य प्रदान करने का आह्वान किया, ताकि यह संदेश दिया जा सके कि ग्लोबल वार्मिंग को 1.5 डिग्री सेल्सियस (2.7 फ़ारेनहाइट) तक सीमित करने के लिए दुनिया के पास बहुत कम समय बचा है।

सभी को मिलकर तेजी से काम कराना होगा-गुटेरस

गुटेरस ने कहा कि 19वीं शताब्दी के बाद से औसत वैश्विक तापमान पहले ही 1.1 सेल्सियस बढ़ चुका है। उन्होंने जोर देकर कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में उत्सर्जन में कमी लाने के लिए सभी को मिलकर तेजी से काम कराना होगा, तभी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।


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