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    रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच UN का बड़ा बयान, कहा- दोनों देशों ने युद्ध बंदियों को किया प्रताड़ित

    संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय ने कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों देशों ने लगभग नौ महीने के संघर्ष के दौरान युद्ध के कैदियों को प्रताड़ित किया है जिसमें बिजली के झटके और जबरन नग्नता का उपयोग शामिल है।

    By Shashank MishraEdited By: Updated: Tue, 15 Nov 2022 04:46 PM (IST)
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    रूस ने हिरासत स्थलों तक पहुंच की अनुमति नहीं दी थी।

    जेनेवा, रायटर। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय (OHCHR) ने मंगलवार को कहा कि रूस और यूक्रेन दोनों ने लगभग नौ महीने के संघर्ष के दौरान युद्ध के कैदियों को प्रताड़ित किया है, जिसमें बिजली के झटके और जबरन नग्नता का उपयोग शामिल है। संयुक्त राष्ट्र यूक्रेन स्थित निगरानी टीम ने संघर्ष के प्रत्येक पक्ष पर युद्ध के 100 से अधिक कैदियों के साथ साक्षात्कार पर अपने निष्कर्ष निकाले। युद्ध के यूक्रेनी कैदियों के साथ साक्षात्कार उनकी रिहाई के बाद आयोजित किए गए थे। रूस ने हिरासत स्थलों तक पहुंच की अनुमति नहीं दी थी। रूस युद्धबंदियों के साथ यातना या अन्य प्रकार के दुव्र्यवहार से इनकार करता है। कीव ने पहले कहा है कि वह युद्धबंदियों के इलाज के बारे में सभी सूचनाओं की जांच करता है और किसी भी उल्लंघन की जांच करेगा और उचित कानूनी कार्रवाई करेगा।

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    संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर हुई वोटिंग में अनुपस्थित रहने के बाद भारत ने भी युद्ध की स्थिति को लेकर चिंता जताई थी। संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा था कि भारत ने लगातार इस बात की वकालत की है कि मानवीय कीमत पर कोई समाधान नहीं निकाला जा सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि युद्ध को बढ़ाना किसी के भी हित में नहीं है। कंबोज ने कहा कि भारत लगातार कहता कहा है कि शत्रुता को तत्काल समाप्त कर बातचीत और कूटनीति के रास्ते पर लौटने के सभी प्रयास किए जाने चाहिए।

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    उन्होंने कहा कि भारत जिस वैश्विक व्यवस्था की सदस्यता लेता है वह अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और सभी राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान पर आधारित है। कंबोज ने कहा कि भारत युद्ध के बीच तनाव कम करने के उद्देश्य से ऐसे सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए भी हर वक्त तैयार है।

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