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    Turkey Earthquake: तुर्किये और सीरिया में भूकंप से मरने वालों की संख्या 4 हजार से अधिक, ढह गईं सैकड़ों इमारतें

    Turkey Earthquake तुर्किये और सीरिया में आए 7.8 तीव्रता के भूकंप ने 4000 से ज्यादा लोगों की जान ले ली। सोमवार को तुर्किये के नूर्दगी से 23 किमी पूर्व में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया। तकरीबन एक मिनट तक आए इस भूकंप की वजह से कई इमारतें धराशायी हो गईं।

    By Jagran NewsEdited By: Piyush KumarUpdated: Tue, 07 Feb 2023 07:38 AM (IST)
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    तुर्किये और सीरिया में आए भूकंप में 4000 से ज्यादा लोगों की मौत हुई।

    अंकारा, एजेंसी : तुर्किये और सीरिया (Turkey Earthquake) में लोग सोमवार सुबह नींद से उठे भी नहीं थे कि प्राकृतिक आपदा ने उन्हें आ घेरा। रिक्टर पैमाने पर 7.8 की तीव्रता वाले भूकंप से दोनों देश दहल उठे। यहीं नहीं, इसके कुछ ही घंटों भीतर 7.6 और 6.0 तीव्रता के दो और भूकंप भी आए। इस आपदा में 4000 से ज्यादा मौत हो गईं, जबकि 10 हजार से ज्यादा लोग जख्मी हो गए। तुर्किये में 2,316 और सीरिया में 1999 से अधिक लोग मारे गए हैं। भूकंप से सैकड़ों इमारतें ढह गईं। लोग बचने के लिए बर्फीली सड़कों पर जमा हो गए।

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    दक्षिणी तुर्किये और उत्तरी सीरिया में सबसे ज्यादा तबाही हुई। राहत और बचाव कार्य जारी हैं। हताहतों की संख्या बढ़ने की आशंका है क्योंकि बचावकर्मी अभी प्रभावित इलाकों में मलबे में फंसे लोगों की तलाश में जुटे हैं। काफी लोग अभी भी मलबे में दबे हैं। यहां ये भी बता दें कि इससे पहले तुर्किये में वर्ष 1939 में 7.8 की तीव्रता वाला भूकंप आया था, जिसमें 32 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे।

    सुबह आए भूंकप का मुख्य केंद्र तुर्किये के गजियांटेप प्रांत में नूरदगी से 23 किलोमीटर दूर पूर्व में रहा। इस भयानक प्राकृतिक आपदा आने के बाद तुर्की में 7 दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की गई है। तुर्की की अनादोलु समाचार एजेंसी ने राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन के हवाले से बताया कि तुर्की और विदेशी अभ्यावेदनों में 12 फरवरी की सूर्यास्त तक देश का झंडा आधा झुका रहेगा। 

    तुर्किये में मची तबाही के कई वीडियो हो रहे वायरल

    करीब एक मिनट तक भूकंप के झटके महसूस किए गए। स्थिति की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भूकंप के केंद्र से साढ़े पांच हजार किलोमीटर दूर ग्रीनलैंड तक झटके महसूस किए गए। लेबनान में लोगों ने करीब 40 सेकंड तक कंपन महसूस किया और राजधानी बेरूत में लोग घरों से बाहर खुले में निकल आए।

    इस बीच तुर्किये में मची तबाही के कई वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं। इसमें ऊंची-ऊंची इमारतों को जमींदोज होते हुए दिखाया गया है। लोग बदहवास हालत में इधर-उधर अपनों की तलाशते नजर आ रहे हैं। कई लोग सड़कों से गुजरते हुए वीडियो के जरिये तबाही का मंजर दिखा रहे हैं।

    उधर नीदरलैंड के एक शोधकर्ता फ्रैंक हूगरबीट्स ने तीन फरवरी को एक ट्वीट कर भविष्यवाणी की थी कि इस क्षेत्र में 7.5 तीव्रता से अधिक का भूकंप आने वाला है। उनकी भविष्यवाणी तीन दिन बाद एकदम सही साबित हुई। सोमवार को तुर्किये में कुल मिलाकर भूकंप के करीब 78 से अधिक झटके लगे।

    जानिये, तुर्किये में क्यों बार-बार डोलती है धरती

    तुर्किये को भूकंप के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक स्थानों में से एक माना जाता है। यहां बार-बार भूकंप आने की वजह टेक्टोनिक प्लेट्स हैं। आठ करोड़ की जनसंख्या वाला ये देश चार टेक्टोनिक प्लेटों पर बसा है। इनमें से एक प्लेट हिलते ही पूरे क्षेत्र में जोरदार झटके लगते हैं।

    तुर्किये का सबसे बड़ा हिस्सा एनाटोलियन प्लेट पर बसा है जोकि दो प्रमुख प्लेटों, यूरेशियन और अफ्रीकी के अलावा एक छोटी अरेबियन प्लेट के बीच स्थित है। अफ्रीकी और अरब प्लेटें जैसे ही शिफ्ट होती हैं, पूरा तुर्किये हिलने लगता है। तुर्किये के आपदा और आपातकालीन प्रबंधन प्राधिकरण के आंकड़ों के अनुसार साल 2020 में ही यहां 33,000 से अधिक भूकंप के झटके लगे। इनमें से 322 की तीव्रता 4.0 से ज्यादा थी।

    सीरिया में इसलिए ज्यादा तबाही भूकंप सीरिया के उस क्षेत्र में आया, जहां एक दशक से अधिक समय से गृह युद्ध जारी है और प्रभावित इलाका सरकार और विद्रोहियों में बंटा हुआ है। विरोधियों के कब्जे वाले सीरियाई इलाके में लड़ाई की वजह से यहां इमारतें पहले ही कमजोर या क्षतिग्रस्त थीं। भूकंप ने इस आग में घी का काम किया।

    टाइम लाइन : पिछले दो दशक में आए बड़े भूकंप और जनहानि

    14 अगस्त, 2021 : हैती में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया। 2,200 से अधिक लोग मारे गए और लगभग 13,000 घर क्षतिग्रस्त हुए।

    28 सितंबर, 2018: इंडोनेशिया के सुलावेसी द्वीप में 7.5 तीव्रता का भूकंप आया। इससे सुनामी आई और 4,300 से अधिक लोग मारे गए।-

    25 अप्रैल, 2015: नेपाल में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया। लगभग 9,000 लोग मारे गए और 80 लाख से अधिक लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया।-

    11 मार्च, 2011: जापान के पूर्वोत्तर में 9.0 तीव्रता का भूकंप और सुनामी आई। इसमें लगभग 15,690 लोग मारे गए और 5,700 घायल हुए।

    13 जनवरी, 2010: हैती में 7.0 तीव्रता के भूकंप ने राजधानी पोर्ट-ओ- प्रिंस को तबाह कर दिया और लगभग 3,16,000 लोग मारे गए। 80,000 इमारतें नष्ट हो गईं।

    12 मई, 2008:  चीन के सिचुआन प्रांत में 7.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसमें लगभग 87,600 लोग मारे गए।

    26 दिसंबर, 2004: सुमात्रा में 9.15 तीव्रता के भूकंप से सुनामी आई जो इंडोनेशिया, थाईलैंड, भारत, श्रीलंका और इस क्षेत्र के कई अन्य देशों में फैल गई। इस आपदा में लगभग 2,30,000 लोग मारे गए।

    8 अक्टूबर, 2005: पाकिस्तान के उत्तर पूर्व में आए 7.6 तीव्रता के भूकंप में कम से कम 73,000 लोग मारे गए। इस भूकंप से जम्मू-कश्मीर में भी 1,244 लोग मारे गए।

    26 दिसंबर, 2003: ईरान में 6.6 तीव्रता का भूकंप दक्षिणपूर्वी कर्मन प्रांत में आया और बाम शहर को तहस-नहस कर दिया। इसमें 31,000 लोग मारे गए।

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