Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    अमेरिका-दक्षिण कोरिया के बीच बड़ा समझौता, ट्रंप ने परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बियां बनाने की मंजूरी दी

    Updated: Thu, 30 Oct 2025 06:31 AM (IST)

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अपने सहयोगी दक्षिण कोरिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बनाने की मंजूरी दे दी है। इससे एक दिन पहले दोनों देशों ने कहा था कि वे व्यापक व्यापार समझौते पर पहुंच गए हैं।ट्रंप ने बुधवार को दक्षिणी शहर ग्योंगजू में अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष ली जेम्युंग से मुलाकात की

    Hero Image

    ट्रंप ने दक्षिण कोरियाई समकक्ष ली जे म्युंग से मुलाकात की (फोटो- एक्स)

    एएफपी, सियोल। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने अपने सहयोगी दक्षिण कोरिया को परमाणु ऊर्जा से चलने वाली पनडुब्बी बनाने की मंजूरी दे दी है। इससे एक दिन पहले दोनों देशों ने कहा था कि वे व्यापक व्यापार समझौते पर पहुंच गए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ट्रंप ने बुधवार को दक्षिणी शहर ग्योंगजू में अपने दक्षिण कोरियाई समकक्ष ली जे म्युंग से मुलाकात की, जहां अमेरिकी नेता एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) फोरम के शिखर सम्मेलन के लिए पहुंचे हैं।

    बुधवार कोदक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने कहा कि दोनों देश निवेश और जहाज निर्माण को कवर करने वाले एक व्यापक समझौते पर पहुंच गए हैं, जबकि ट्रंप ने कहा कि समझौता काफी हद तक अंतिम रूप ले चुका है।

    ट्रंप ने गुरुवार को ट्रुथ सोशल पर कहा कि मैंने उन्हें पुराने जमाने की, और बहुत कम फुर्तीली, डीजल चालित पनडुब्बियों के बजाय परमाणु चालित पनडुब्बी बनाने की मंजूरी दे दी है, जो उनके पास अभी हैं।

    एक अलग पोस्ट में उन्होंने लिखा कि दक्षिण कोरिया अपनी परमाणु ऊर्जा चालित पनडुब्बी का निर्माण फिलाडेल्फिया शिपयार्ड में करेगा, जो अमेरिका में है। उन्होंने कहा, "हमारे देश में जहाज निर्माण जल्द ही बड़ी वापसी करेगा।"

    लेकिन परमाणु हथियार संपन्न उत्तर कोरिया के साथ तनाव अभी भी उच्च बना हुआ है, क्योंकि प्योंगयांग ने ली की पहल को दरकिनार कर दिया है और इसके बजाय रूस के साथ सैन्य और आर्थिक संबंधों को गहरा करना जारी रखा है।

    ट्रंप ने बुधवार को कहा कि वह दक्षिण कोरिया की अपनी यात्रा के दौरान उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ बैठक की व्यवस्था नहीं कर पाए, जिससे वर्षों के कूटनीतिक गतिरोध के बाद संभावित शिखर सम्मेलन को लेकर चल रही अटकलों पर विराम लग गया।