वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो के अपहरण की अमेरिका ने रची थी साजिश, विमान को डायवर्ट कर पकड़ने का था प्लान
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को सत्ता से हटाने के लिए अमेरिकी एजेंसी के एक एजेंट द्वारा रचा गया गुप्त अभियान किसी जासूसी थ्रिलर की तरह सामने आया है।एचएसआइ के एजेंट एडविन लोपेज ने मादुरो के मुख्य पायलट जनरल बिटनर विल्गास को गुप्त रूप से मनाने की कोशिश की थी कि वह राष्ट्रपति के विमान को किसी ऐसी जगह पर मोड़ दें, जहां अमेरिकी एजेंसियां मादुरो को गिरफ्तार कर सकें।

वेनेजुएला के राष्ट्रपति मादुरो के अपहरण की अमेरिका ने रची थी साजिश (फोटो- रॉयटर)
एपी, मियामी। वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो को सत्ता से हटाने के लिए अमेरिकी एजेंसी के एक एजेंट द्वारा रचा गया गुप्त अभियान किसी जासूसी थ्रिलर की तरह सामने आया है।
अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी इंवेस्टिगेशंस (एचएसआइ) के एजेंट एडविन लोपेज ने मादुरो के मुख्य पायलट जनरल बिटनर विल्गास को गुप्त रूप से मनाने की कोशिश की थी कि वह राष्ट्रपति के विमान को किसी ऐसी जगह पर मोड़ दें, जहां अमेरिकी एजेंसियां मादुरो को गिरफ्तार कर सकें।
बदले में एजेंट ने पायलट को अकूत धन, अमेरिका में सुरक्षित जीवन और “हीरो'' का दर्जा देने का प्रस्ताव दिया था।योजना कैसे शुरू हुईअप्रैल 2024 में डोमिनिकन गणराज्य में अमेरिकी दूतावास को सूचना मिली कि मादुरो द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले दो फ्रेंच निर्मित विमान महंगे मरम्मत कार्य के लिए वहां पहुंचे हैं।
अमेरिका की नजर में यह प्रतिबंधों का उल्लंघन था और इन विमानों को जब्त किया जा सकता था। एजेंट लोपेज, जो उस समय कैरिबियाई ड्रग और मनी लांड्रिंग नेटवर्क पर काम कर रहे थे, ने इन विमानों की जांच शुरू की और पांच वेनेजुएलियाई पायलटों से पूछताछ की। इनमें सबसे महत्वपूर्ण थे जनरल विल्गास, जो कि मादुरो के भरोसेमंद प्राइवेट पायलट माने जाते थे।
गुप्त बातचीत और प्रस्तावलोपेज ने विमान हैंगर में विल्गास को अलग बुलाकर बातचीत शुरू की। विल्गास वेनेजुएला एयर फोर्स में कर्नल रह चुके थे और उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका था।
लोपेज ने अनौपचारिक चर्चा के बाद विल्गास को प्रस्ताव दिया कि यदि वह मादुरो को किसी अमेरिकी अधिकार क्षेत्र वाले हिस्से तक ले आएंगे तो उन्हें करोड़ों डॉलर और सुरक्षा दी जाएगी। ये जगह डोमिनिकन गणराज्य, प्यूर्टो रिको या क्यूबा के पास ग्वांतानामो बे स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डा हो सकता है।
पायलट ने तत्काल प्रस्ताव को खारिज कर दिया, लेकिन अपना फोन नंबर देकर संकेत दिया कि वह बातचीत जारी रखने को तैयार है। अगले 16 महीनों तक व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से दोनों के बीच बातचीत होती रही।
इसी दौरान अमेरिका ने मादुरो पर घोषित इनाम को बढ़ाकर 50 मिलियन डॉलर (442 करोड़ रुपये) कर दिया और इसे भी लोपेज ने पायलट को भेजा। लोपेज भले ही जुलाई में सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन मिशन जारी रखा। वेनेजुएला के विपक्षी नेताओं ने भी इसे मादुरो के शासन को कमजोर करने का सुनहरा अवसर माना।
अमेरिका की सख्त नीति और सैन्य दबाव
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने मादुरो को सत्ता से हटाने के लिए सैन्य दबाव बढ़ाया। जुलाई में कैरिबियाई सागर में अमेरिकी सेना ने ड्रग तस्करी के शक में कई नौकाओं पर हमले किए जिनमें 57 लोगों की मौत हुई है। इस बीच सीआइए को वेनेजुएला के अंदर गुप्त अभियानों की अनुमति दी गई।
अंतिम मुकाबला और असफलता
सितंबर 2025 में जब लोपेज ने फिर से पायलट को संदेश भेजा, तो बातचीत तनावपूर्ण हो गई। पायलट ने अमेरिकी प्रस्ताव को “देशद्रोह का प्रयास'' बताते हुए साफ इनकार कर दिया और लोपेज का नंबर ब्लाक कर दिया।
अमेरिकी एजेंटों ने आखिरी दांव के तौर पर सोशल मीडिया पर पायलट की तस्वीरें पोस्ट कर मादुरो सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की, जिससे काराकस में हड़कंप मच गया और मादुरो के विमान ने उड़ान के कुछ मिनट बाद ही वापसी कर ली।
पायलट टीवी पर सरकार के साथ खड़े नजर आए
कुछ दिनों तक गायब रहने के बाद पायलट टीवी पर सरकार के साथ खड़े नजर आए। आंतरिक मंत्री कैबेलो ने उन्हें “राष्ट्रवादी और वफादार सैनिक'' बताते हुए अमेरिका की कोशिशों का मजाक उड़ाया।

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