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    Covid in China: सरकार विरोधी प्रदर्शनों का दिखने लगा अंतरराष्ट्रीय असर, समर्थन में उतरे प्रवासी चीनी छात्र

    By AgencyEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Mon, 28 Nov 2022 05:42 PM (IST)

    चीनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बीजिंग सहित दुनिया के कम से कम एक दर्जन शहरों में फैल चुका है। चीन के कई प्रवासी छात्र अलग- अलग देशों में शी जिनपिंग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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    चीनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बीजिंग सहित दुनिया के कम से कम एक दर्जन शहरों में फैल चुका है।

    जेसी पैंग, एजेंसी। चीन की जनता कोविड-19 लॅाकडाउन की वजह से परेशान हो चुकी है। सरकार द्वारा कोरोना महामारी को रोकने के लिए जीरो कोविड नीति और सख्त प्रतिबंधों  का जबरदस्ती पालन कराए जाने के खिलाफ चीन की जनता सड़कों पर आ चुकी है। समाचार एजेंसी रॅायटर्स के मुताबिक, चीन नें शी जिनपिंग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।  गौरतलब है कि चीनी सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन बीजिंग सहित दुनिया के कम से कम एक दर्जन शहरों में फैल चुका है।

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    चीन के कई प्रवासी छात्र अलग- अलग देशों में शी जिनपिंग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्रों द्वारा आयोजित रॉयटर्स टैली के अनुसार, एशिया और उत्तरी अमेरिका के शहरों में भी विरोध प्रदर्शन हुए। जानकारी के मुताबिक, 100 से अधिक लोगों के साथ दर्जनों लोगों ने अधिकांश विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया।

    सख्त कोविड 19 प्रतिबंधों से चीन की जनता हुई परेशान 

    बता दें कि पिछले हफ्ता झिंजियांग क्षेत्र की राजधानी उरुमकी में एक ऊंची इमारत में घातक आग लगने के बाद यह प्रदर्शन व्यापक रूप से शुरू हुआ है। क्योंकि इस आग में 10 लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि लॉकडाउन के कारण बचाव अभियान में परेशानी हुई और इस कारण जनहानि हुई। रॉयटर्स के मुताबिक, उरुमकी के 40 लाख निवासियों में से बहुत से लोग देश के सबसे लंबे लॉकडाउन्स में फंसे रहे हैं। उनपर 100 दिनों तक घर से निकलने पर रोक लगा दी है। उरुमकी में आग की घटना के बाद चीन के अलग-अलग शहरों में लोग सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

    चीनी सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे चीन के प्रवासी छात्र

    एक दशक पहले राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद से सरकारी अधिकारियों ने असहमति पर कड़ा शिकंजा कस दिया है। चीन में अभिव्यक्ति की आजादी, मीडिया और इंटरनेट पर नियंत्रण कड़ा कर दिया है। हालांकि,  कई देशों की तुलना में चीन की कोरोना की वजह से मौत की संख्या काफी कम रही है। लेकिन, कोरोना के खिलाफ चीनी सरकार द्वारा लगाए गए सख्त लॅाकडाउन की वजह से लाखों लोगों को घरों में लंबे समय तक कैद रहना पड़ा।

    विरोध प्रदर्शन में मौजूद एक स्नातक छात्र च्यांग सीता ने कहा, ' जब ​​मैंने इतने सारे चीनी नागरिकों और छात्रों को सड़कों पर उतरते देखा, तो मुझे लगता है कि उन्होंने हमसे कहीं अधिक हिम्मत है।' बता दें कि रविवार को पेरिस में लगभग 200 लोगों ने विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

    चीनी विदेश मंत्रालय ने विरोध प्रदर्शन को लेकर दी सफाई

    च्यांग ने कहा, 'अब हम विदेशों से चीनी नागरिकों के लिए समर्थन दिखा रहे हैं।' एक चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को एक नियमित ब्रीफिंग में बताया कि चीन को शून्य-कोविड नीति को समाप्त करने के लिए विदेश में किसी भी विरोध प्रदर्शन की जानकारी नहीं थी। चीन में विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर, प्रवक्ता ने कहा कि चीन का मानना है कि सरकार के लोगों के सहयोग से कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई सफल होगी।

    बता दें कि विरोध प्रदर्शन में शामिल कुछ प्रदर्शनकारियों ने शिनजियांग आग में मारे गए लोगों के लिए फूल लाए और मोमबत्तियां जलाईं। कुछ ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कम्युनिस्ट पार्टी को दोषी ठहराया और उन्हें पद से हटाने की मांग की थी। रविवार को टोक्यो के सबसे व्यस्त ट्रेन स्टेशनों में से एक, शिंजुकु में लगभग 90 लोग इकट्ठा हुए, उनमें से एक बीजिंग का एक विश्वविद्यालय का छात्र था। 

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