Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    तालिबान सरकार का हिस्सा होगा आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क, अमेरिका ने जताई चिंता

    By Avinash RaiEdited By:
    Updated: Sat, 28 Aug 2021 04:54 PM (IST)

    अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज हो जाने से आगामी सरकार के नेतृत्व में हक्कानी नेटवर्क सरकार का एक हिस्सा है। पहली बार 2012 में अमेरिका द्वारा हक्कानी नेटवर्क को एक आतंकवादी समूह के रूप में नामित किया गया था।

    Hero Image
    तालिबान की आगामी सरकार का हिस्सा है आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क

    काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज हो जाने से आगामी सरकार के नेतृत्व में हक्कानी नेटवर्क सरकार का एक हिस्सा है। पहली बार 2012 में अमेरिका द्वारा हक्कानी नेटवर्क को एक आतंकवादी समूह के रूप में नामित किया गया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    क्लीयरेंस जॉब्स में लिखते हुए जेसन क्रिस हॉक ने कहा आने वाले कुछ हफ्तों में कई मौतें होंगी, बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन होगा, खासकर महिलाओं के साथ। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक अंतरराष्ट्रीय समुदाय अफगानों को नुकसान पहुंचाए बिना तालिबान नेतृत्व को अलग-थलग करने का कोई रास्ता नहीं ढूंढता, तब तक यह युद्ध फिर से खूनी हो जाएगा।

    क्लीयरेंस जॉब्स की रिपोर्ट के अनुसार, खलील हक्कानी, जिस पर अमेरिका द्वारा आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद 5 मिलियन अमरीकी डालर का इनाम है। नई सरकार बनाने पर बातचीत से पहले, अफगान की राजधानी काबुल में खलील हक्कानी को देखा गया था।

    रिपोर्ट ने यह भी कहा गया है कि हक्कानी नेटवर्क के संस्थापक जलालुद्दीन के भाई खलील हक्कानी ने पुल-ए-खेशती मस्जिद की सभा में भाग लिया था। मस्जिद में खलील ने अपने वफादार लोगों को संबोधित किया था। जहां रिपोर्टों में कहा गया है कि सैकड़ों ने तालिबान के प्रति अपनी निष्ठा का संकल्प लिया।

    इसके अलावा, एक पूर्व गणतंत्र नेता और आगामी सरकार के वार्ताकार, अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने भी पुष्टि की है कि काबुल सुरक्षा के लिए हक्कानी जिम्मेदार होगा।

    धीरे -धीरे देश इस्लामी आतंकवादी संगठनों का केंद्र बनता जा रहा है। हक्कानी नेटवर्क इस अफगानिस्तान के सबसे शक्तिशाली और भयभीत उग्रवादी संगठनों में से एक है। पिछले कुछ वर्षों में अफगान बलों और उनके पश्चिमी सहयोगियों के खिलाफ सबसे हिंसक हमलों में से कुछ हमलें हक्कानी नेटवर्क द्वारा किए गए थे।

    अमेरिकी सरकार ने 2012 में अफगान विद्रोह में शामिल होने के कारण हक्कानी नेटवर्क को एक विदेशी आतंकवादी संगठन के रूप में नामित किया था। संगठन ने अफगानिस्तान में अमेरिकी सैन्य और नागरिकों पर हमले किए थे। तालिबान और अल-कायदा से इसके संबंध भी थे।