श्रीलंका प्रत्यर्पण मामला: ऑस्ट्रेलिया में दो दिन और रह सकेगा तमिल परिवार
ऑस्ट्रेलियाई प्रत्यर्पण की कड़ी नीतियों के कारण यहां रह रहे एक तमिल परिवार को संघर्ष का सामना करना पड़ रहा है। इनके साथ इनकी दो बेटियां भी हैं।
मेलबर्न, प्रेट्र। श्रीलंका प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में रह रहा तमिल परिवार कानूनी लड़ाई लड़ रहा है। उनके वकील की ओर से कोर्ट में बुधवार को याचिका दी गई। याचिका में उनकी दो वर्ष की बेटी थारनिका की वीजा रिन्यूअल के लंबित मामले का जिक्र हुआ और इसके बाद परिवार को शुक्रवार तक ऑस्ट्रेलिया में ही रहने की अनुमति मिल गई है।
ऑस्ट्रेलिया की सख्त आव्रजन नीतियां
ऑस्ट्रेलिया में आव्रजन की सख्त नीतियों के अनुसार, नावों के जरिए आने वाले लोगों को शरणार्थी का दर्जा नहीं दिया जाता है। इसलिए ही यह परिवार निशाने पर है और इसे श्रीलंका भेजने की कवायद चल रही है। 2012 और 2013 में अलग अलग नावों के जरिए प्रिया और नादेसालिंगम ऑस्ट्रेलिया में शरण लेने आए थे। ऑस्ट्रेलिया में ही दोनों शादी के बंधन में बंधे और दो बेटियों कोपिका (4) और थारुनिक्का (दो) को जन्म दिया। दोनों ही कभी श्रीलंका नहीं गई।
ऑस्ट्रेलिया की आव्रजन नीतियों के तहत नावों के जरिए ऑस्ट्रेलिया पहुंचकर शरण चाहने वालों को या तो लौटाया जा सकता है या फिर उन्हें नौरु या पापुआ न्यू गिनी स्थित शिविरों में भेजा जा सकता है।
इस बात का है डर
तमिल दंपती प्रिया और नादेसालिंगम अपने ऑस्ट्रेलिया में जन्मे दो बच्चों के साथ ऑस्ट्रेलिया में ही रहने के लिए संघर्ष कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि श्रीलंका में उनपर मुकदमा चलाया जाएगा। फिलहाल इस परिवार को क्रिसमस आइलैंड पर रखा गया है।
ऑस्ट्रेलियाई पीएम का मामले में हस्तक्षेप से इंकार
ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने सोमवार को इस मामले में हस्तक्षेप से इंकार किया। उन्होंने कहा, अपवाद की वजह से लोगों की स्मगलिंग जैसे व्यापार में इजाफा होगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ‘जन प्रतिक्रिया’ के समर्थन में उस परिवार का साथ देती है जिसे शरणार्थी नहीं पाया गया है तो इससे मानव तस्करी में इजाफा हो सकता है। उन्होंने कहा, आप इस तरह मजबूत सीमाएं नहीं चलाते, यह जनता की भावना के बारे में नहीं है, यह इस बारे में है कि सीमा सुरक्षा व्यवस्था की अक्षुणता को बरकरार रखने में ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रीय हित सुनिश्चित करने के लिहाज से सही फैसला क्या है।
ऑस्ट्रेलिया में निकाली जा रही रैलियां
गृहमंत्रालय के अनुसार, परिवार से कई बार संपर्क किया गया और इन्हें वास्तविक तौर पर शरणार्थी नहीं पाया गया। रविवार को ऑस्ट्रेलिया में सैंकड़ों लोगों ने रैली में हिस्सा लिया और सरकार से परिवार को देश में रहने देने की अपील की। रैली में लोगों ने नारे ‘let them stay’ भी लगाए। गृह मंत्रालय ने पहले ही परिवार को श्रीलंका भेजने का आदेश दे दिया था। लेकिन शुक्रवार को मेलबर्न की अदालत ने बुधवार तक प्रत्यर्पण पर रोक लगा दी और उस एयरक्राफ्ट को ऑस्ट्रेलिया में ही रोक लिया गया जिसमें परिवार को श्रीलंका भेजा जा रहा था।
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