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श्रीलंका सरकार के आदेश मिलने तक महिलाएं न पहने बुर्का, इस्‍लामिक संगठन की अपील

इस्‍टर के मौके पर हुए विस्‍फोटों के बाद श्रीलंका सरकार ने वहां की मुस्‍लिम महिलाओं को बुर्का न पहनने का आदेश दिया। सरकार का कहना है कि चेहरा ढके होने से लोगों की पहचान में कठिनाई ह

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 27 Aug 2019 05:28 PM (IST)Updated: Tue, 27 Aug 2019 05:32 PM (IST)
श्रीलंका सरकार के आदेश मिलने तक महिलाएं न पहने बुर्का, इस्‍लामिक संगठन की अपील
श्रीलंका सरकार के आदेश मिलने तक महिलाएं न पहने बुर्का, इस्‍लामिक संगठन की अपील

कोलंबो, एपी। श्रीलंका में इस्‍लामी मौलवियों ने मुस्‍लिम महिलाओं से मंगलवार को बुर्का न पहनने की अपील की है। उनका कहना है कि जब तक सरकार की ओर से आदेश नहीं दिया जाए वे बुर्का न पहनें। देश के सबसे बड़े संगठन इस्‍लामिक संगठन ऑल सीलोन जमीयतुल उलमा ने भी मुस्लिम महिलाओं से बुर्का न पहनने की अपील की है। संस्था के प्रवक्ता फजिल फारूक ने की ओर से कहा गया कि जब तक सरकार आदेश नहीं देती, तब तक महिलाएं बुर्का पहनने और सार्वजनिक जगह पर किसी भी तरह से चेहरा ढंकने से बचें।’ बता दें कि गत 21 अप्रैल को इस्टर के दिन हुए बम धमाकों में 11 भारतीय समेत 258 लोगों की जान गई थी।

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बुर्का पहनने की जल्‍दबाजी न करें मुस्‍लिम महिलाएं

इस हमले के लिए दो इस्‍लामी समूहों पर आरोप लगाया गया है। फारूक ने कहा, ईस्टर बम धमाकों के बाद मुस्लिमों खासकर मौलवियों के साथ हिंसा की घटनाएं हुईं थीं। यह फिर से शुरू हो गई हैं। हम मुस्लिम महिलाओं से अपील करते हैं कि वे अपने धार्मिक लिबास पहनने में जल्दबाजी न करें। सरकार के आदेश का इंतजार करें। हाल ही में सरकार ने पिछले चार महीनों से लगा आपातकाल खत्म किया है।’

श्रीलंका में चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध

बता दें कि श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने 29 अप्रैल को आदेश जारी कर यहां की महिलाओं के चेहरा ढंकने पर प्रतिबंध लगा दिया था। राष्ट्रपति कार्यालय की ओर जारी किए गए बयान के अनुसार, यह प्रतिबंध देश की सुरक्षा के लिए लगाया गया। चेहरा ढंके होने से उस व्‍यक्‍ति की पहचान में कठिनाई होती है। सरकार ने 11 मई को इस्‍लामी कट्टरपंथ को खत्‍म करने के लिए एक और आदेश दिया। इसके अनुसार, देश के सभी मस्जिदों में जो सुनाए जाने वाले उपदेशों की कॉपी को जमा करना आवश्‍यक कर दिया गया।

 

श्रीलंका में इस्टर के दिन तीन चर्च और पांच होटलों में कुल 8 सीरियल बम धमाके हुए थे। धमाकों की जिम्मेदारी इस्लामिक जिहादी संगठन नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) और इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने ली थी। इसके बाद ही श्रीलंका में इस्लामी कट्टरपंथ खत्म करने के लिए सख्त फैसले लिए जा रहे हैं। 

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