Move to Jagran APP

Srilanka Serial Blast: पूर्व पुलिस प्रमुख ने धमाकों के लिए राष्ट्रपति को ठहराया जिम्मेदार

निलंबित पुलिस अधिकारी जयसुंदरा ने सरकार की खुफिया एजेंसियों और सशस्त्र बलों के बीच की गंभीर संवादहीनता पर से पर्दा हटाया है। ये सारी एजेंसियां राष्ट्रपति सिरिसेन के अंतर्गत कार्य

By Nitin AroraEdited By: Published: Sun, 02 Jun 2019 09:14 PM (IST)Updated: Sun, 02 Jun 2019 09:14 PM (IST)
Srilanka Serial Blast: पूर्व पुलिस प्रमुख ने धमाकों के लिए राष्ट्रपति को ठहराया जिम्मेदार
Srilanka Serial Blast: पूर्व पुलिस प्रमुख ने धमाकों के लिए राष्ट्रपति को ठहराया जिम्मेदार

कोलंबो, एएफपी। श्रीलंका में निलंबित पुलिस प्रमुख ने अपने खिलाफ हुई कार्रवाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में पुलिस महानिरीक्षक पूजित जयसुंदरा ने राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेन पर ईस्टर सनडे पर हुए सिलसिलेवार बम धमाकों को रोक पाने में विफल रहने का आरोप लगाया गया है। इन धमाकों में 258 लोग मारे गए थे। आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने से इन्कार करने पर राष्ट्रपति सिरिसेन ने जयसुंदरा को निलंबित कर दिया था।

loksabha election banner

अपनी 20 पेज की याचिका में निलंबित पुलिस अधिकारी जयसुंदरा ने सरकार की खुफिया एजेंसियों और सशस्त्र बलों के बीच की गंभीर संवादहीनता पर से पर्दा हटाया है। ये सारी एजेंसियां राष्ट्रपति सिरिसेन के अंतर्गत कार्य करती हैं।

याचिका में जयसुंदरा ने कहा है कि श्रीलंका की प्रमुखतम खुफिया एजेंसी स्टेट इंटेलीजेंस सर्विस (एसआइएस) ने 2018 में उन्हें इस्लामी आतंकियों के विषय में चल रही सभी जांचों को रोक देने का आदेश दिया था। इसके चलते नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) और तमाम अन्य संगठनों की गतिविधियों की जांच का कार्य रुक गया। एनटीजे पर ही ईस्टर सनडे के धमाकों का आरोप है। एसआइएस सीधे सिरिसेन के प्रति जवाबदेह है।

जयसुंदरा ने कहा है कि एसआइएस के प्रमुख नीलांत जयव‌र्द्धने ने पड़ोसी देश भारत द्वारा एनटीजे के हमले के बारे में खुफिया सूचना को गंभीरता से नहीं लिया। एसआइएस ने भारत से मिली खुफिया सूचना को पुलिस के साथ भी साझा नहीं किया। खुफिया संगठन ने हमलों को रोकने के लिए खुद भी कुछ नहीं किया।

जयसुंदरा ने कहा है कि राष्ट्रपति के कहने के अनुसार अगर वह हमला रोक पाने में विफलता की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देते तो उन्हें राजनयिक बनाकर विदेश भेज दिया जाता। लेकिन राष्ट्रपति का यह प्रस्ताव मानने से उन्होंने इन्कार कर दिया। खुफिया एजेंसी के विफलता को अपने सिर लेने से मना कर दिया। याचिका में जयसुंदरा ने कहा है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के बीच अक्टूबर 2018 में छिड़ी राजनीतिक लड़ाई के बाद उन्हें साजिश के तहत दरकिनार किया गया।

कुछ दिन पहले ही खुफिया अधिकारी शिशिर मेंडिस ने भी संसदीय जांच दल को बताया था कि भारत से मिली खुफिया सूचना के प्रति गंभीरता दिखाई जाती तो ईस्टर को हुए धमाके रोके जा सकते थे। इसके बाद दाखिल हुई जयसुंदरा की याचिका से राष्ट्रपति सिरिसेन की लोकप्रियता पर नकारात्मक असर पड़ा है।

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.