तापी परियोजना पर तालिबान के प्रधानमंत्री और तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री के बीच हुई चर्चा
Tapi Project तालिबान व तुर्कमेनिस्तान ने अफगानिस्तान-तुर्कमेनिस्तान संयुक्त परियोजनाओं फाइबर आप्टिक और रेलवे परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की। तापी परियोजना से अफगानिस्तान को हर साल 50 करोड़ डालर राजस्व के रूप में मिलने हैं।

काबुल (एजेंसी)। तालिबान के प्रधानमंत्री मुल्ला हसन अखुंद ने शनिवार को तुर्कमेनिस्तान के विदेश मंत्री राशिद मेरेदोव के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने मेरेदोव के साथ तुर्कमेनिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान-भारत (TAPI, तापी) गैस पाइपलाइन परियोजना के निर्माण पर चर्चा की। बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान-तुर्कमेनिस्तान संयुक्त परियोजनाओं, फाइबर आप्टिक और रेलवे परियोजनाओं से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा की।
बता दें कि तापी परियोजना से अफगानिस्तान को हर साल 50 करोड़ डालर राजस्व के रूप में मिलने हैं। इसके अलावा अफगानिस्तान में बड़ी संख्या में रोजगार भी पैदा हो सकता है। वहीं, मेरेदोव ने कहा कि तुर्कमेनिस्तान अफगानिस्तान को मानवीय सहायता प्रदान करने और आर्थिक परियोजनाओं के क्रियान्वयन में मदद करने को तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त परियोजनाओं का क्रियान्वयन अफगानिस्तान और तुर्कमेनिस्तान के लोगों के लिए मददगार होगा और क्षेत्रीय सहयोग को आगे बढ़ाएगा।
तालिबान ने लगातार कहा है कि TAPI प्राकृतिक गैस पाइपलाइन परियोजना उसके लिए काफी अहम है। तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने भी इसपर जोर दिया है कि TAPI प्रोजेक्ट तालिबान के बेहद महत्वपूर्ण है।अफगानिस्तान पर जब से तालिबान का कब्जा हुआ है तभी से TAPI प्रोजेक्ट अटका पड़ा है। उल्लेखनीय है कि हाल में ही तालिबान के एक प्रतिनिधिमंडल ने तुर्कमेनिस्तान का दौरा भी किया था। यह दौरा तुर्कमेनिस्तान सरकार को भरोसा देने के लिए था कि तालिबान शासन के दौरान पाइपलाइन परियोजना सुरक्षित रहेगी लेकिन बात नहीं बनी।
सुहैल शाहीन ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि अफगानिस्तान, मध्य एशिया और दक्षिण एशिया के बीच एक पुल है और हमारी सरकार इन क्षेत्रों के बीच कनेक्टिविटी को सक्षम करने के लिए काम करेगी। हमारा लक्ष्य अफगानिस्तान के लोगों को समृद्ध करना है और TAPI प्रोजेक्ट इसके लिए अहम है। तालिबान के लिए, TAPI पाइपलाइन को सुरक्षित करना अफगानिस्तान में सत्ता के लिए उनके अभियान का एक प्रमुख हिस्सा रहा है। TAPI न केवल अफगानिस्तान को ऊर्जा संसाधन उपलब्ध कराएगा, बल्कि ट्रांजिट फीस के रूप में राजस्व भी प्रदान करेगा।
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