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    मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर ईयू की चिंताओं को दूर करेगा तालिबान, पहले पूरी करनी होंगी ये शर्तें

    By Neel RajputEdited By:
    Updated: Tue, 21 Sep 2021 09:19 AM (IST)

    मुजाहिद की यह टिप्पणी अफगानिस्तान में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख एंड्रियास वान ब्रांट के बयान के बाद आई है। टोलो न्यूज के मुताबिक रविवार को ब्रांट ने कहा था कि यूरोपीय संघ अफगानिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर चिंतित है।

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    नई इस्लामी सरकार की मान्यता के बाद ईयू की चिंताओं को दूर करेगा तालिबान

    काबुल, एएनआइ। अफगानिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर यूरोपीय संघ की चिंताओं पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए तालिबान ने सोमवार को कहा कि वे नई इस्लामी अमीरात सरकार की मान्यता के बाद यूरोपीय संघ की चिंताओं को दूर करेंगे।

    टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यवाहक कैबिनेट के सूचना और संस्कृति मंत्रालय के उप मंत्री जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय नई सरकार को मान्यता देता है, तो वे मानवाधिकारों के उल्लंघन के आरोपों पर चिंताओं को दूर करेंगे।

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    मुजाहिद ने कहा, 'हमें जाने बिना अधिकारों के उल्लंघन को लेकर हमारी आलोचना की जाती है। यह एकतरफा दृष्टिकोण है। यह उनके लिए अच्छा होगा कि वे हमारे साथ जिम्मेदारी से व्यवहार करें और हमारी वर्तमान सरकार को एक जिम्मेदार प्रशासन के रूप में मान्यता दें।' मुजाहिद ने आगे कहा, वे अपनी चिंताओं को हमारे साथ कानूनी रूप से साझा कर सकते हैं और हम उनकी चिंताओं का समाधान करेंगे।

    मुजाहिद की यह टिप्पणी अफगानिस्तान में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख एंड्रियास वान ब्रांट के बयान के बाद आई है। टोलो न्यूज के मुताबिक, रविवार को ब्रांट ने कहा था कि यूरोपीय संघ अफगानिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर चिंतित है। उन्होंने कहा कि ईयू विशेष रूप से महिलाओं और लड़कियों के शिक्षा और काम के अधिकार के उल्लंघन को लेकर ज्यादा चिंतित है।

    अफगानिस्तान के स्वतंत्र मानवाधिकार आयोग (एआइएचआरसी) ने रविवार को एक बयान जारी कर कहा कि 15 अगस्त को अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद से तालिबान अपने कर्तव्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं है। आयोग ने यह भी कहा कि तालिबानी बलों ने आयोग के कार्यालयों पर कब्जा कर लिया है और वहां के उपकरणों का उपयोग कर रहे हैं।

    टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एआइएचआरसी ने तालिबान से एआइएचआरसी की स्वतंत्रता का सम्मान करने का भी आह्वान किया और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद से अफगानिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र निकाय स्थापित करने का आह्वान किया।

    बयान में कहा गया है, एआइएचआरसी तालिबान से आयोग और उसके कर्मचारियों और सभी अफगान मानवाधिकार रक्षकों की स्वतंत्रता का सम्मान करने का आह्वान करता है।

    इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, मुजाहिद ने कहा कि एआइएचआरसी एक अंतरराष्ट्रीय निकाय नहीं है और उन्होंने कहा कि एआइएचआरसी के भवनों पर कब्जे के आरोपों की जांच शुरू कर दी गई है। मुजाहिद ने कहा, एआइएचआरसी पूर्व काबुल प्रशासन से संबंधित है, और यह उस समय एक आधिकारिक निकाय था और यह एक अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार निकाय नहीं है। हालांकि, हम देखेंगे कि किसने और कैसे आयोग के कार्यालय का इस्तेमाल किया है। जांच जारी है।

    इससे पहले, ह्यूमन राइट्स वाच और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने तालिबान बलों द्वारा मानवाधिकारों के कथित उल्लंघन पर अपनी चिंता व्यक्त की थी, लेकिन तालिबान ने हमेशा आरोपों को खारिज किया है।

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