कोरोना को लेकर ताइवान ने WHO पर लगाया अनदेखी का आरोप, कहा- इसके पीछे चीन का हाथ
संगठन का यह रवैया ताइवान के नागरिकों के जीवन को जोखिम में डालता है। ताइवान ने कहा कि संगठन ऐसा चीन के दबाव में आकर कर रहा है। ...और पढ़ें

ताइपे, एजेंसी। ताइवान ने विश्व स्वास्थ्य संगठन पर आरोप लगाते हुए कहा है कि उसने कोरोना वायरस को लेकर ताइवान के चिंताओं की अनदेखी की है। उसने कहा कि संगठन का यह रवैया ताइवान के नागरिकों के जीवन को जोखिम में डालता है। ताइवान ने कहा कि संगठन ऐसा चीन के दबाव में आकर कर रहा है, क्योंकि उस पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बाहर करने के लिए दबाव है। बता दें कि चीन के दबाव के कारण ही ताइवान को डब्ल्यूएचओ की सदस्यता नहीं मिल सकी थी। इसकी सदस्यता बनने पर रोक लगी थी। इसके कारण ताइवा को एक देश के बजाए चीन के एक राज्य के रूप में देखा जाता है।
राजनीति के तहत ही उसे डब्लूएचओ की सदस्यता नहीं मिली
ताइवान सरकार ने कहा कि चीन में महज दो मौत के बाद ही डब्लूएचओ ने मामले को संज्ञान में लिया था, लेकिन ताइवान के साथ राजनीति हो रही है। ताइवान का कहना है कि राजनीति के तहत ही उसे डब्लूएचओ की सदस्यता नहीं मिली और उसे संगठन से बाहर रखा गया। ताइवान ने कहा कि कोरोना महामारी को देखते हुए उसको डब्ल्यूएचओ और चीन दोनों की जरूरत है। ताइपे में संवाददाताओं से बात करते हुए द्वीप के रोग नियंत्रण प्रमुख चाउ जिह-हौ ने कहा कि इसने डब्ल्यूएचओ और चीन को 31 दिसंबर की शुरुआत में लिखा था, जिसमें चीन के वुहान प्रांत में वायरस के प्रकोप के बारे में जानकारी मांगी गई थी। चाउ ने कहा कि डब्ल्यूएचओ ने पुष्टि की कि इसे पत्र मिला है लेकिन उसने इसका जवाब नहीं दिया।
वुहान से उड़ान भरने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू करने का फैसला
ताइवान केस्वास्थ्य मंत्री चेन शिह-चुंग ने कहा कि ताइवान ने संयोग से उसी दिन वुहान से उड़ान भरने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग शुरू करने का फैसला किया था। इसके अलावा ताइवान ने 2 जनवरी को अपने आपातकालीन संचालन केंद्र को भी सक्रिय किया था। चेन ने कहा कि जब ताइवान ने जनवरी में विशेषज्ञों को चीन भेजा था, तो उन्हें किसी भी मरीज़ को देखने या उस बाज़ार में जाने की अनुमति नहीं दी गई थी, जहांं वायरस की उत्पत्ति हुई हो। इस यात्रा के बाद ताइवान के अधिकारियों को एहसास हुआ था कि उन्हें जल्द ही करना होगा।
डब्ल्यूएचओ और चीन ने दी सधी प्रतिक्रिया
रायटर को दिए एक बयान में डब्ल्यूएचओ ने ताइवान के मुद्दे को सीधे तौर पर नजरअंदाज करने की बात नहीं कही, लेकिन कहा कि चीन के अपने कार्यालय को 31 दिसंबर को अज्ञात कारण निमोनिया की सूचना दी थी। उस समय से अब तक डब्ल्यूएचओ ने इस घटना को बहुत गंभीर माना था। बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने ताइवान के इस बात की निंदा की और कहा यह राजीनतिक रूप से हेराफेरी करने का प्रयास है। डब्ल्यूएचओ का पक्ष लेते हुए चीन ने कहा कि एक चीन सिद्धांत के तहत ताइवान की बात को निपटा दिया।
कोरोना के 3 लाख 86 हजार 932 केस सामने आए
बता देंं कि दुनियाभर में अब तक कोरोना के 3 लाख 86 हजार 932 केस सामने आ चुके हैं। संक्रमण से मरने वालों की संख्या 16 हजार 748 तक पहुंच गई है। वर्तमान में दुनिया के तमाम इलाकों में दो लाख 67 हजार 791 लोग संक्रमित हैं। दुनियाभर के मृतकों की कुल संख्या का ज्यादातर हिस्सा चीन, इटली और ईरान से है। चीन से इस वायरस की शुरुआत ही हुई थी। अब इटली और ईरान इस बीमारी के दो बड़े केंद्र बिंदु बन गए हैं, यहां पर मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।

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