Bangladesh: बांग्लादेश में फिर से भड़क रहा आक्रोश, यूनुस के आवास के बाहर छात्रों की पुलिस से झड़प; 50 घायल
बांग्लादेश में पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त के दौरान जिस तरह से छात्रों का आक्रोश सड़कों पर दिखा था और नतीजन शेख हसीना की अगुआई वाली अवामी लीग सरकार अपदस्थ हुई थी। अब उसी तरह का आक्रोश बांग्लादेश में फिर से भड़क रहा है। इसकी शुरुआत इंजीनियरिंग के छात्रों से हो रही है। उनमें मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ नाराजगी है।
आइएएनएस, ढाका। बांग्लादेश में पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त के दौरान जिस तरह से छात्रों का आक्रोश सड़कों पर दिखा था और नतीजन शेख हसीना की अगुआई वाली अवामी लीग सरकार अपदस्थ हुई थी। अब उसी तरह का आक्रोश बांग्लादेश में फिर से भड़क रहा है।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ नाराजगी
इसकी शुरुआत इंजीनियरिंग के छात्रों से हो रही है। उनमें मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के खिलाफ नाराजगी है। वे अपनी मांगों के पूरा नहीं होने पर जब राजधानी ढाका में यूनुस के आवास की तरफ बढ़े तो उसी दौरान पुलिस के साथ हिंसक झड़प हो गई, जिसमें 50 लोग घायल हो गए।
आठ पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी पुष्टि
स्थानीय मीडिया में गुरुवार को प्रकाशित खबर के अनुसार, गृह मंत्रालय ने झड़प में उपायुक्त मसूद आलम समेत आठ पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी पुष्टि की है। इनमें से दो की हालत गंभीर है।
छात्रों ने अपनी तीन मांगों को लेकर किया प्रदर्शन
यह घटना बुधवार को उसम समय हुई, जब बांग्लादेश यूनिवर्सिटी ऑफ इंजीरियरिंग एंड टेक्नोलॉजी समेत कई इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्रों ने अपनी तीन मांगों को लेकर ढाका में शाहबाग चौराहे को अवरुद्ध कर दिया।
उनकी मांगों में डिप्लोमा इंजीनियरों के 'इंजीनियर' की उपाधि का उपयोग करने से रोकना, डिप्लोमा इंजीरियरों को नौवीं ग्रेड में पदोन्नति से प्रतिबंधित करना और स्नातक इंजीनियरों को दसवीं ग्रेड की प्राथमिकता देना शामिल है।
देशभर में इंजीनियरिंग विश्वविद्यालयों को बंद करने की घोषणा
पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों को यूनुस के आवास की तरफ बढ़ने से रोकने के लिए आंसू गैस, साउंड ग्रेनेड और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। इस घटना के विरोध में छात्र समूहों ने गुरुवार को देशभर में इंजीनियरिंग विश्वविद्यालयों को बंद करने की घोषणा की।
इससे पहले 11 सदस्यीय छात्र प्रतिनिधिमंडल के साथ अंतरिम सरकार के सलाहकारों की बैठक हुई, लेकिन बातचीत बेनतीजा रही। यह घटना ऐसे समय हुई है, जब देश में अंतरिम सरकार के प्रति नाराजगी बढ़ रही है।
पांच अगस्त, 2024 को हसीना सरकार का पतन हो गया था
उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष जुलाई-अगस्त में आरक्षण को लेकर शुरू हुआ छात्र आंदोलन सरकार विरोधी हो गया था। इस दौरान खूब हिंसा हुई थी। हिंसक छात्र आंदोलन के चलते पांच अगस्त, 2024 को हसीना सरकार का पतन हो गया था। इसके बाद अंतरिम सरकार गठित हुई, लेकिन देश में हालात अब तक सुधर नहीं पाए हैं।
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