Move to Jagran APP

श्रीलंका के नए राष्‍ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के भारत कनेक्‍शन के बारे में जानें, पीएम मोदी ने दी बधाई

श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने गए पूर्व सैन्य अफसर गोतबाया राजपक्षे का भारत से पुराना नाता रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 05:31 PM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 07:25 PM (IST)
श्रीलंका के नए राष्‍ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के भारत कनेक्‍शन के बारे में जानें, पीएम मोदी ने दी बधाई
श्रीलंका के नए राष्‍ट्रपति गोतबाया राजपक्षे के भारत कनेक्‍शन के बारे में जानें, पीएम मोदी ने दी बधाई

कोलंबो, प्रेट्र। श्रीलंका के राष्ट्रपति चुने गए पूर्व सैन्य अफसर गोतबाया राजपक्षे का भारत से पुराना नाता रहा है। उन्होंने 1980 में असम में उग्रवाद निरोधी अभ्यास में हिस्सा लिया था और 1983 में मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में मास्टर्स की डिग्री हासिल की थी। बतौर रक्षा मंत्री वह 2012 और 2013 में भारत की यात्रा पर भी आए थे। उधर, पीएम नरेंद्र मोदी ने कल श्रीलंका में हुए राष्ट्रपति चुनावों में गोतबाया राजपक्षे की जीत पर उन्‍हें बधाई दी।  

loksabha election banner

श्रीलंका के प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से आते हैं गोतबाया

गोतबाया का जन्म 20 जून, 1949 को मतारा जिले के पलटूवा में हुआ था। नौ भाई-बहनों में पांचवें नंबर के गोतबाया श्रीलंका के प्रतिष्ठित राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता डीके राजपक्षे प्रतिष्ठित राजनेता होने के साथ ही श्रीलंका फ्रीडम पार्टी के संस्थापक सदस्य भी थे। गोतबाया 1971 में बतौर कैडेट अफसर सीलोन आर्मी में शामिल हुए थे। 1991 में उन्हें सर जॉन कोटेवाला डिफेंस अकादमी का डिप्टी कमांडेंट नियुक्त किया गया। इस पद पर वह अपनी सेवानिवृत्ति (1992) तक रहे।

बीस वर्षों की सैन्य सेवा के दौरान उन्हें श्रीलंका के तीन राष्ट्रपति जेआर जयवर्धने, रणसिंघे प्रेमदासा और डीबी विजेतुंगा से वीरता पुरस्कार प्राप्त हुए। सेना से रिटायर होने के बाद 1992 में गोतबाया ने कोलंबो विश्वविद्यालय से सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) में परास्नातक की डिग्री हासिल की।

लिट्टे के खिलाफ चले सैन्‍य अभियान का किया नेतृत्‍व

इसके बाद वह कोलंबो स्थित एक आइटी कंपनी में मार्केटिंग मैनेजर हो गए। यहां कुछ दिन काम करने के बाद वह 1998 में अमेरिका चले गए और लॉस एंजिलिस के लोयोला लॉ स्कूल में काम करने लगे। 2005 में वह अपने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे के राष्ट्रपति चुनाव में मदद करने के लिहाज से श्रीलंका लौट आए। उस समय उनके पास दोहरी नागरिकता थी। बड़े भाई के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद गोतबाया को नवंबर, 2005 में रक्षा मंत्री नियुक्त किया गया। उन्होंने ही 2009 में कुख्‍यात आतंकी संगठन लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (एलटीटीई) के खिलाफ चले सैन्य अभियान का सफल नेतृत्व किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.