Sri Lanka Crisis: हिंसा की आग में झुलस रहा श्रीलंका... राष्ट्रपति देश छोड़कर भागे, प्रदर्शनकारियों ने फूंका पीएम विक्रमसिंघे का घर
Sri Lanka Crisis कोलंबो के पाश फोर्ट इलाके में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए थे। इसी इलाके में राष्ट्रपति भवन भी है। प्रदर्शनकारियों को रोकने ...और पढ़ें

कोलंबो, एजेंसियां। पिछले कई महीनों से भीषण आर्थिक संकट और आवश्यक वस्तुओं की कमी का सामना कर रहे श्रीलंका के लोगों का शनिवार को धैर्य जवाब दे गया। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच कई जगह झपड़ हुई।
लेकिन प्रदर्शनकारी सारे बैरिकेड्स तोड़ते हुए मध्य कोलंबो में स्थित राष्ट्रपति भवन में घुस गए और उस पर कब्जा जमा लिया। राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे राष्ट्रपति भवन छोड़कर भाग गए हैं। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे के निजी आवास को आग के हवाले भी कर दिया है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार श्रीलंका के संसदीय अध्यक्ष का कहना है कि राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे 13 जुलाई को इस्तीफा देने पर सहमत हुए हैं।
#WATCH | Sri Lanka: Amid massive unrest in the country, protestors set ablaze the private residence of Sri Lankan PM Ranil Wickremesinghe#SriLankaCrisis pic.twitter.com/BDkyScWpui
— ANI (@ANI) July 9, 2022
अपनी स्वतंत्रता के बाद से सबसे खराब आर्थिक और राजनीतिक संकट से गुजर रहे दो करोड़ से अधिक आबादी वाले श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने हंगामे के बीच सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इसमें विपक्षी दलों ने सर्वदलीय सरकार के लिए प्रधानमंत्री के साथ ही राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग की।
विक्रमसिंघे ने विपक्ष की मांग मानते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी। उनकी तरफ से कहा गया कि सर्वदलीय सरकार के गठन और संसद में उसके बहुमत साबित करने के बाद वह अपना पद छोड़ देंगे।
कोलंबो के पाश फोर्ट इलाके में बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जमा हुए थे। इसी इलाके में राष्ट्रपति भवन भी है। प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस के साथ ही सेना और विशेष सुरक्षा बलों को भी लगाया गया था।
लेकिन मार्च से ही गोटाबाया के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारी सारे अवरोधों तोड़ते हुए राष्ट्रपति भवन में घुस गए। इस दौरान हुई झड़प में कम से कम 45 लोगों के घायल होने की खबर है, जिनमें कई सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं।
गोटाबाया के किसी द्वीप पर जाने की खबर
सूत्रों के मुताबिक खुफिया रिपोर्ट में शनिवार को प्रस्तावित प्रदर्शन के उग्र होने की जानकारी के बाद 73 वर्षीय गोटाबाया शुक्रवार की रात को ही राष्ट्रपति भवन छोड़कर सेना मुख्यालय चले गए थे। उनके काफिले को जाते हुए भी देखा गया था।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार को वह नौसेना के जहाज से किसी सुरक्षित द्वीप पर चले गए। कुछ लोगों द्वारा जल्दबाजी में जहाज पर सामान पहुंचाते हुए भी देखा गया। माना जा रहा है कि ये सामान गोटाबाया का ही था।
मई में प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे को भी छोड़ना पड़ा था पद
लिट्टे के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने वाले पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को भी मई में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद भागना पड़ा था। उसके बाद ही बिगड़ते हालात को संभालने के लिए राष्ट्रपति गोटाबाया ने विपक्ष के नेता रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया था। बाद में वह संसद के लिए मनोनीत किए गए थे।
श्रीलंका की बदहाली का दुष्चक्र
- कोरोना महामारी से पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ, जो विदेशी मुद्रा का मुख्य साधन है।
- कोरोना लाकडाउन के चलते असंगठित क्षेत्र पर भी बुरा असर पड़ा, जिसमें 60 प्रतिशत लोग काम करते थे।
- पिछले दो साल में विदेशी मुद्रा भंडार 70 प्रतिशत गिरकर 2.31 अरब डालर पर आ गया, जिससे खाद्य वस्तुओं व ईंधन के आयात का संकट गहराया।
- विदेशी कर्ज बढ़कर 51 अरब डालर तक पहुंच गया, विदेशी मुद्रा नहीं होने से कर्ज का भुगतान बंद करना पड़ा।
- मई में महंगाई दर 54.6 प्रतिशत पर पहुंच गई थी, जिसके आगामी महीने में 70 प्रतिशत तक होने की आशंका है।
- पेट्रोल, डीजल, घरेलू गैस और खाद्य वस्तुओं की कमी के साथ ही बिजली और रोजगार का संकट भी बढ़ा।
- लाकडाउन के दौरान सरकार ने 50 लाख गरीब परिवारों को पांच हजार रुपये की मदद दी, इससे अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा।
- रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से भी नकदी का संकट गहराया।
- इस साल से अब तक पेट्रोल की कीमत में 92 प्रतिशत और डीजल की कीमत में 76 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
राष्ट्रपति भवन में प्रदर्शनकारियों का वीडियो वायरल
इंटरनेट मीडिया पर वायरल वीडियो में प्रदर्शनकारियों के राष्ट्रपति भवन में बेडरूम से लेकर ड्राइंगरूम में कब्जा जमाए देखा जा रहा है। बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति भवन के स्वीमिंग पूल में नहाते और गोता लगाते भी देखे जा रहे हैं। कई प्रदर्शनकारियों को किचेन में भी खाने-पीने के सामान को ढूंढते हुए देखा गया।

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