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    जमात और यूनुस सरकार के कुछ सदस्य भारत विरोधी बयानबाजी को बढ़ावा दे रहे, दीपू दास के परिवार से मिले शिक्षा सलाहकार

    Updated: Wed, 24 Dec 2025 07:03 AM (IST)

    हाल के दिनों में जो बांग्लादेश में हुआ वह काफी निंदनीय था जिसकी कोई माफी नहीं हो सकती। बांग्लादेश में दीपू दास को इंसाफ मिलेगा कि नहीं कुछ नहीं कहा सक ...और पढ़ें

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    जमात और यूनुस सरकार के कुछ सदस्य भारत विरोधी बयानबाजी को बढ़ावा दे रहे (फोटो- रॉयटर)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हाल के दिनों में जो बांग्लादेश में हुआ वह काफी निंदनीय था जिसकी कोई माफी नहीं हो सकती। बांग्लादेश में दीपू दास को इंसाफ मिलेगा कि नहीं कुछ नहीं कहा सकता है। लेकिन बांग्लादेश में भारत का विरोध चरम पर है। कट्टरपंथी समूह बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश में भारत विरोधी भावना को भड़का रहा है।

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    सूत्रों ने एनडीटीवी को बताया है कि यूनुस प्रशासन और जमात के वरिष्ठ नेता भारत और बांग्लादेश के बीच फूट डालने के उद्देश्य से 1971 में बांग्लादेश की मुक्ति के प्रतीकों और विरासत को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

    उनका व्यापक लक्ष्य इस्लामी विचारधारा पर आधारित एक नए, स्वतंत्र बांग्लादेश का निर्माण करना प्रतीत होता है, जिसमें धर्मनिरपेक्ष आधारों और भारत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को हटा दिया जाएगा।

    एनसीपी भी जमात के कट्टरपंथी भारत-विरोधी विचारों का समर्थन कर रही है। खबरों के मुताबिक, कई छात्र नेताओं को भारत से खतरे का सामना करने की बात को बढ़ावा देने के लिए उच्च स्तरीय सुरक्षा मुहैया कराई गई है।

    14 दिसंबर को जब ढाका में बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारतीय उच्चायुक्त को तलब किया, तो बांग्लादेश सरकार ने भारत को सूचित किया कि उस्मान हादी के हत्यारे संभवतः भारत भाग गए हैं। भारत ने इस दावे का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि ऐसे व्यक्तियों के अवैध या वैध रूप से भारत में प्रवेश करने की कोई संभावना नहीं है।

    बांग्लादेश सरकार ने कहा, दीपू दास के परिवार की जिम्मेदारी लेंगे

    बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के शिक्षा सलाहकार सीआर अबरार ने मंगलवार को दीपू दास के शोक संतप्त परिवार से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि सरकार ईशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाले गए दीपू दास के परिवार की जिम्मेदारी लेगी। दीपू दास के परिवार से मिलने से पहले उन्होंने मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से बातचीत की थी। यूनुस ने उनसे परिवार से मिलकर सरकार की ओर से दुख और संवेदना व्यक्त करने के लिए कहा था।

    इंकलाब मंचो और यूनुस सरकार के बीच मतभेद गहराया

    इंकलाब मंचो और यूनुस सरकार के बीच मतभेद गहराता जा रहा है। सरकार द्वारा हादी मामले से भारत के संबंध न होने की पुष्टि के बाद, इंकलाब मंचो ने हत्यारों के खिलाफ कथित निष्क्रियता पर नाराजगी व्यक्त की है। संभावना है कि वे यूनुस प्रशासन पर दबाव बढ़ा सकते हैं, और संभवतः उसके इस्तीफे की मांग भी कर सकते हैं।

    बांग्लादेश के नेता ने कहा, भारत जैसे बड़े पड़ोसी के साथ कटु संबंध नहीं चाहते

    बांग्लादेश के वित्त सलाहकार डॉ. सालेहुद्दीन अहमद ने मंगलवार को कहा कि अंतरिम सरकार भारत जैसे बड़े पड़ोसी के साथ कड़वे संबंध नहीं चाहती है, बल्कि नई दिल्ली के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहती है।

    सचिवालय में बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए अहमद ने कहाकि वर्तमान अंतरिम सरकार भारत जैसे बड़े पड़ोसी के साथ किसी भी तरह के कटु संबंध नहीं चाहती है। बल्कि, सरकार का मुख्य लक्ष्य द्विपक्षीय संबंधों को और विकसित करना और आर्थिक स्थिरता बनाए रखना है।