श्रीलंका के सामूहिक कब्र से मिला बच्ची का कंकाल, अब तेज होगी खुदाई; जाफना में अब तक 65 मानव अवशेष मिले
श्रीलंका के जाफना जिले के चेम्मानी सामूहिक कब्र से निकाले गए 65 मानव अवशेषों में चार से पांच वर्ष की एक बच्ची के कंकाल का पता चला है। चेम्मानी स्थल ने पहली बार 1998 में अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया था जब एक श्रीलंकाई सैनिक ने वहां सामूहिक कब्रों के अस्तित्व के बारे में जानकारी दी थी। बच्चे के अवशेष स्कूल बैग और खिलौनों के साथ मिले हैं।

पीटीआई, कोलंबो। श्रीलंका के जाफना जिले के चेम्मानी सामूहिक कब्र से निकाले गए 65 मानव अवशेषों में चार से पांच वर्ष की एक बच्ची के कंकाल का पता चला है।
चेम्मानी स्थल ने पहली बार 1998 में अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया था, जब एक श्रीलंकाई सैनिक ने वहां सामूहिक कब्रों के अस्तित्व के बारे में जानकारी दी थी। इसमें लिट्टे और श्रीलंकाई सरकार के बीच संघर्ष के दौरान कथित तौर पर मारे गए सैकड़ों नागरिकों की कब्रें थीं। इस साल की शुरुआत में सामूहिक कब्र में मानव कंकाल मिलने के बाद अदालत ने कानूनी निगरानी में खोदाई का आदेश दिया था।
बच्चे के अवशेष स्कूल बैग और खिलौनों के साथ मिले
वकील जगनाथन तथपरन ने गुरुवार को बताया कि सामूहिक कब्र पर खोदाई के निष्कर्षों की रिपोर्ट 15 जुलाई को जाफना मजिस्ट्रेट की अदालत को फोरेंसिक पुरातत्वविद् राज सोमदेव ने दी थी। बच्चे के अवशेष स्कूल बैग और खिलौनों के साथ मिले हैं।
और भी बच्चों के मिल सकते हैं कंकाल
सोमदेव ने अदालत को बताया कि बच्ची 4-5 साल की उम्र की एक लड़की थी। वहीं, वकील ने कहा कि कपड़ों और शारीरिक विशेषताओं में समानता के आधार पर दो अतिरिक्त कंकालों के भी बच्चों के होने का संदेह है।
चेम्मानी स्थल ने पहली बार 1998 में अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया जब एक श्रीलंकाई सैनिक ने सामूहिक कब्रों के अस्तित्व के बारे में गवाही दी, जिनमें सैकड़ों नागरिक थे, जो कथित तौर पर 1990 के दशक के मध्य में लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम और श्रीलंकाई सरकार के बीच संघर्ष के दौरान मारे गए थे।
26 साल लंबे गृहयुद्ध में मारे गए हजारों लोग
1999 में प्रारंभिक खुदाई में 15 कंकाल मिले, लेकिन हाल ही में मिली खोजों तक कोई और कार्रवाई नहीं की गई। यह कब्र स्थल देश भर में खोजे गए दर्जनों स्थलों में से एक है। 2009 में समाप्त हुए 26 साल लंबे गृहयुद्ध के दौरान हजारों लोग मारे गए और लापता हो गए।
श्रीलंका में 60,000 से 100,000 लोग लापता हो चुके हैं
एमनेस्टी इंटरनेशनल का अनुमान है कि 1980 के दशक के उत्तरार्ध से श्रीलंका में 60,000 से 100,000 लोग लापता हो चुके हैं। इस द्वीपीय राष्ट्र में तमिल समुदाय का दावा है कि गृहयुद्ध के अंतिम चरण में लगभग 1,70,000 लोग मारे गए थे, जबकि संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार यह संख्या 40,000 है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।