Russia Ukraine War: यूक्रेन के 1,730 सैनिकों ने किया समर्पण, फैक्ट्री नहीं हुई खाली; डोनेस्क और लुहांस्क में कब्जे के लिए लड़ाई जारी
यूक्रेन ने साफ कर दिया है कि वह रूस की ओर से आने वाले युद्धविराम प्रस्ताव को तब स्वीकार करेगा जब रूसी सेना पूरी तरह से यूक्रेन से वापस जाने के लिए तैयार होगी। यूक्रेन 24 फरवरी से पूर्व की स्थिति में ही युद्धविराम स्वीकार करेगा।
कीव, रायटर। मारीपोल की अजोवस्टाल स्टील फैक्ट्री से अभी तक कुल 1,730 यूक्रेनी सैनिकों और लड़ाकों ने आत्मसमर्पण किया है। इनमें से 771 ने बीते 24 घंटों में हथियार डाले हैं। ये सब फिलहाल रूसी सेना की हिरासत में हैं। घायलों का अस्पताल में इलाज हो रहा है। रूस समर्थित अलगाववादियों के अनुसार फैक्ट्री में अभी और लड़ाके बाकी हैं लेकिन संघर्ष शांत हो चुका है। यूक्रेन फिलहाल मामले पर चुप है।
क्षेत्र में संघर्षविराम के बाद तीन दिनों में 1,730 यूक्रेनी सैनिकों- लड़ाकों ने समर्पण किया है। मारीपोल पर नियंत्रण किए रूस समर्थित अलगाववादी नेता डेनिस पुशिलिन ने कहा है कि करीब इतने ही लड़ाके फैक्ट्री के भीतर हो सकते हैं। वे फैक्ट्री के नीचे बने बंकरों और सुरंगों में छिपे हो सकते हैं। बाकी बचे लोगों को भी समर्पण करना होगा और उसके बाद उन पर ईमानदारी से युद्ध अपराध का मुकदमा चलेगा। समर्पण करने वाले सभी लड़ाकों के साथ उचित व्यवहार किया जा रहा है। रूस ने इन लड़ाकों को अदलाबदली में रिहा किए जाने की संभावना से इन्कार किया है। जबकि यूक्रेन सरकार ने कहा है कि लड़ाकों के भविष्य के बारे में वार्ता चल रही है। इसे सार्वजनिक करना उचित नहीं होगा।
पूर्वी यूक्रेन में स्थित डोनेस्क और लुहांस्क में रूस और यूक्रेन की सेनाओं के बीच लड़ाई जारी है। सीविएरोडोनेस्क कस्बे पर कब्जे के लिए भीषण लड़ाई छिड़ी हुई है। रूसी गोलाबारी में वहां पर चार लोग मारे गए हैं और तीन घायल हुए हैं।
रूसी सेना वापस जाए तभी युद्धविराम
यूक्रेन ने साफ कर दिया है कि वह रूस की ओर से आने वाले युद्धविराम प्रस्ताव को तब स्वीकार करेगा जब रूसी सेना पूरी तरह से यूक्रेन से वापस जाने के लिए तैयार होगी। यूक्रेन 24 फरवरी से पूर्व की स्थिति में ही युद्धविराम स्वीकार करेगा। रूस में खार्कीव पर कब्जा करने में नाकाम रहने के आरोप में टैंक आर्मी के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल सेरही किसेल को निलंबित कर दिया गया है। काला सागर में नौसेना की कार्रवाई के प्रमुख वाइस एडमिरल इगोर ओसिपोव के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। काला सागर में मस्कवा युद्धपोत के हमले का शिकार होने के परिप्रेक्ष्य में यह कार्रवाई की गई है।