तख्तापलट के दिन दुनिया को चकमा देकर दिल्ली कैसे पहुंची Sheikh Hasina? पढ़ें क्या था कोलकाता वाला झूठा खेल
पिछले साल बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद शेख हसीना (Sheikh Hasina) को छात्रों के विरोध के कारण सत्ता से बेदखल होना पड़ा और भारत में शरण लेनी पड़ी। एक रिपोर्ट के अनुसार शेख हसीना अपनी बहन के साथ मिलिट्री विमान से भारत आईं। उन्होंने कोलकाता जाने की झूठी खबर फैलाई लेकिन उनका विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरा।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पिछले साल बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ था। छात्रों के नेतृत्व में चलाए गए विरोध आंदोलन की वजह से शेख हसीना (Sheikh Hasina) को न सिर्फ सत्ता से बेदखल होना पड़ा बल्कि उन्हें देश से भागकर भारत में शरण भी लेनी पड़ी। बांग्लादेश की मिलिट्री विमान लेकर शेख हसीना अपनी बहन के साथ भारत आईं।
बांग्लादेश की एक अखबार ने सिलसिलेवार तरीके से बताया कि कैसे शेख हसीना पूरी प्लानिंग के साथ बांग्लादेश से भारत आईं। रिपोर्ट में बताया गया है कि आखिर कैसे शेख हसीना ने बांग्लादेश से एग्जिट किया और वो भारत पहुंची।
रिपोर्ट में बताया गया कि सबसे पहले ये झूठी खबरें फैलाई गई कि उनका विमान कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस हवाई अड्डे पर उतरेगा, लेकिन उनका विमान गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर उतरा।
कोलकाता की जानकारी देकर दिल्ली क्यों आईं शेख हसीना?
रिपोर्ट में बताया गया कि शेख हसीना जानती थी कि अगर उनका वो बतातीं कि वो दिल्ली जाएंगी तो उनके विमान को बांग्लादेश की एअरस्पेस में ज्यादा समय तक रहना पड़ता। वहीं, कोलकाता आने के लिए उनके विमान को ज्यादा देर तक बांग्लादेश की एअरस्पेस में नहीं रहना पड़ता।
यह जानकारी पूरी तरह गोपनीय रखी गई कि उनका विमान आखिर कहां लैंड करेगा। शेख हसीना के जिस प्लेन ने गाजियाबाद के लिए उड़ान भरी थी, उसे स्क्वैड कोड नाम दिया गया था। उड़ान भरने के बाद ढाका से कोलकाता के लिए जानकारी दी गई थी कि वह ट्रेनिंग वाला प्लेन है। एअर ट्रैफिक कंट्रोल को ये खबर ताकि यह पुष्टि न होने पाए कि विमान में शेख हसीना सवार हैं।
5 अगस्त को क्या हुआ?
दोपहर 3 बजे के बाद बांग्लादेश वायु सेना के बंगबंधु बेस से विमान ने उड़ान भरी। विमान को 4131 का 'स्क्वाक कोड' दिया गया था। हालांकि, ढाका से उड़ान भरने के बाद विमान ने अपने ट्रांसपोंडर बंद कर दिए, जो विमान के 'स्क्वाक कोड', ऊंचाई, गति और स्थान जैसी पहचान संबंधी जानकारी भेजते थे। अब यह एटीसी राडारों के लिए 'अदृश्य' हो गया था, चाहे वह ढाका, कोलकाता या कहीं और हो, हालांकि विमान की सुरक्षित उड़ान सुनिश्चित करने के लिए ग्राउंड कंट्रोल के साथ बातचीत बनाए रखा गया था। विमान में शेख हसीना, उनकी बहन और अन्य लोग सवार थे।
शेख हसीना की ओर से भारत ये इजाजत मांगी गई कि वो उन्हें भारत में शरण मिले क्योंकि बांग्लादेश में उनकी जान को खतरा है। ढाका से विमान के उड़ान भरने के कुछ ही घंटों बाद पूर्व प्रधानमंत्री गाजियाबाद पहुंच गईं।
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