ईंट-पत्थर फेंके गए, मच गई अफरा-तफरी... ढाका में छात्रों की हिंसक झड़प में पत्रकारों समेत कई लोग घायल
बांग्लादेश की राजधानी ढाका में सोमवार को ढाका विश्वविद्यालय और ढाका कॉलेज के छात्रों के बीच हिंसक झड़प हुई। इस घटना में पत्रकारों सहित कई लोग घायल हो गए। यह हिंसा शाहनवाज छात्रावास के सामने दुकानों को लेकर शुरू हुई, जिसके बाद स्थिति गंभीर हो गई। छात्रों ने सुरक्षा की मांग की और पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा। सरकार ने छावनी के अंदर एक इमारत को अस्थायी जेल घोषित किया है।

बांग्लादेश में छात्रों का बवाल।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बांग्लादेश में सोमवार को ढाका यूनिवर्सिटी (डीयू) और ढाका कॉलेज के छात्रों के बीच राजधानी के नीलखेत और न्यू मार्केट इलाकों में हुई हिंसक झड़प में पत्रकारों समेत कई लोग घायल हो गए। यह हिंसा डीयू के शाहनवाज हॉस्टल के सामने फुटपाथ पर दुकानें लगाने को लेकर हुए विवाद को लेकर शुरू हुई, जो बाद में दोनों पक्षों के बीच धक्का-मुक्की, पथराव और गोलीबारी में बदल गई।
अंग्रेजी दैनिक द बिजनेस स्टैंडर्ड ने प्रत्यक्षदर्शियों के हवाले से बताया कि दोनों समूहों ने ईंट-पत्थर फेंके जिससे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। रिपोर्टों से पता चलता है कि हिंसा के बीच विस्फोट भी हुए। डीयू के छात्र बेहतर सुरक्षा की मांग कर रहे थे। शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
डीयू के कुलपति के आवास पर इकट्ठे हो गए हॉस्टल के छात्र
ढाका मेट्रोपालिटन पुलिस (डीएमपी) के न्यू मार्केट जोन के सहायक आयुक्त मोहम्मद जहांगीर ने कहा कि यह पुष्टि नहीं हुई है कि विस्फोटक देसी बम थे या नहीं। घटना के बाद शाहनवाज हॉस्टल के छात्र डीयू के कुलपति के आवास के बाहर इकट्ठा हो गए और सुरक्षा की मांग करने लगे। रात में पुलिस की अपर्याप्त उपस्थिति के कारण अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा। स्थिति लगभग 2:30 बजे नियंत्रण में आई।
छावनी के अंदर की इमारत को अस्थायी 'जेल' घोषित किया
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने सोमवार को ढाका छावनी के अंदर एक इमारत को अस्थायी ''जेल'' घोषित कर दिया। यह कदम पिछली अवामी लीग सरकार के दौरान किए गए कथित अपराधों के लिए 16 सेवारत सैन्य अधिकारियों पर मुकदमा चलाने की अटकलों के बीच उठाया गया है।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है, ''ढाका छावनी के अंदर स्थित एमईएस बिल्डिंग संख्या 54 को दंड प्रक्रिया संहिता, 1898 की धारा 541 (1) और कारागार अधिनियम, 1894 की धारा 3(बी) के तहत अस्थायी जेल घोषित किया गया है।''
(न्यूज एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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