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    नेपाल में एकजुट हुए सात वामदल, 5 नवंबर को होगा पार्टी का एलान

    Updated: Mon, 03 Nov 2025 06:00 AM (IST)

    नेपाल में सात वामपंथी दल एकजुट होकर 5 नवंबर को नई पार्टी बनाने का एलान करेंगे। इस एकता का उद्देश्य वामपंथी विचारधारा को मजबूत करना है। एकजुट होने वाले दलों में प्रमुख हैं नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) और नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एकीकृत समाजवादी)। यह एकता नेपाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।

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    नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की। (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नेपाल में जेनरेशन-जी के आंदोलन और मार्च में होने वाले चुनावों के मद्देनजर एक अहम घटनाक्रम में पूर्व पीएम प्रचंड के नेतृत्व वाली सीपीएन (माओवादी सेंटर) सहित सात कम्युनिस्ट पार्टियां एकजुट हो गईं। इन दलों के बीच 18-बिंदुओं वाला यह समझौता रविवार की शाम काठमांडू में हुआ।

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    समझौते के अनुसार पांच नवंबर को एक राष्ट्रीय एकता सम्मेलन आयोजित किया जाएगा, जिसमें एकीकृत पार्टी की औपचारिक घोषणा की जाएगी। एक घोषणापत्र और अंतरिम संविधान अपनाया जाएगा और केंद्रीय समिति का गठन किया जाएगा।

    नेपाल में एकजुट हुए सात वामदल

    इस समझौते पर सीपीएन (माओवादी केंद्र), सीपीएन (एकीकृत समाजवादी), नेपाल समाजवादी पार्टी, सीपीएन (सोशलिस्ट), जन समाजवादी पार्टी, नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी-समाजवादी) और सीपीएन (साम्यवादी) ने हस्ताक्षर किए। बिप्लव के नेतृत्व वाली कम्युनिस्ट पार्टी से अलग हुए चिरन के गुट ने भी इस नए गठबंधन में शामिल होने का निर्णय लिया है।

    समझौते के एक बिंदु में कहा गया है- ''पार्टी का मार्गदर्शक सिद्धांत मा‌र्क्सवाद-लेनिनवाद होगा और इसकी तात्कालिक रणनीति जनतांत्रिक क्रांति की उपलब्धियों की रक्षा करने और समाजवाद की नींव रखने पर केंद्रित होगी। इसमें भाग लेने वाली पार्टियों ने संघीय लोकतांत्रिक गणतंत्र, राष्ट्रीय संप्रभुता, अच्छे शासन, सामाजिक न्याय और सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की उपलब्धियों की रक्षा करने का संकल्प लिया है।

    नेपाल की पीएम ने आम चुनाव की तैयारियों को लेकर मुख्यमंत्रियों के साथ किया मंथन

    नेपाल की प्रधानमंत्री सुशीला कार्की ने रविवार को पांच मार्च को होने वाले आम चुनाव की तैयारियों के सिलसिले में सभी सात प्रांतों के मुख्यमंत्रियों के साथ एक संयुक्त बैठक की। प्रधानमंत्री के प्रेस समन्वयक राम बहादुर रावल ने कहा कि यह बैठक बदले हुए राजनीतिक संदर्भ में केंद्र और प्रांतीय सरकारों के बीच संवाद और समन्वय को मजबूत करने के लिए बुलाई गई थी।

    73 वर्ष कार्की 12 सितंबर को पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के पद से हटने के बाद नेपाल की पहली महिला प्रधानमंत्री बनी थीं। ओली को भ्रष्टाचार और इंटरनेट मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ युवाओं के नेतृत्व वाले 'जेन जी' के विरोध प्रदर्शनों के कारण सत्ता से बेदखल होना पड़ा था।

    कार्की ने शनिवार को नेपाली कांग्रेस (एनसी) के महासचिव गगन थापा और विश्व प्रकाश शर्मा से मुलाकात की थी। एक घंटे तक चली यह बैठक सरकार की चुनावी तैयारियों, कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार और चुनाव से पहले पूरे किए जाने वाले अन्य कार्यों पर केंद्रित रही।

    शीर्ष कोर्ट ने 11 राजदूतों को वापस बुलाने के सरकार के फैसले पर लगाई रोक

    नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को चीन और अमेरिका समेत 11 देशों में तैनात अपने राजदूतों को वापस बुलाने के सरकार के फैसले पर रोक लगा दी। मंत्रिमंडल की छह अक्टूबर की बैठक में चीन, जर्मनी, इजरायल, मलेशिया, कतर, रूस, सऊदी अरब, स्पेन, ब्रिटेन, अमेरिका और जापान के राजदूतों को छह नवंबर तक वापस बुलाने का फैसला किया गया।

    न्यायमूर्ति शारंगा सुबेदी और न्यायमूर्ति श्रीकांत पौडेल की संयुक्त पीठ ने राजदूतों को वापस बुलाने के सरकार के फैसले पर रोक लगाते हुए एक अंतरिम आदेश जारी किया। इनमें से अधिकतर राजदूत नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मा‌र्क्सवादी और नेपाली कांग्रेस गठबंधन के तहत गठित पिछली सरकार द्वारा नियुक्त राजनीतिक व्यक्ति थे। सरकार के इस फैसले के जवाब में संबंधित राजदूतों ने अंतरिम आदेश की मांग करते हुए शीर्ष कोर्ट का रुख किया था।

    (समाचार एजेंसी एएनआई/ पीटीआई के इनपुट के साथ)

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