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    पृथ्वी पर तबाही लाएगा 'बेन्नू'! खत्म हो जाएगा खाना-पानी... आखिर वैज्ञानिकों ने किस बात पर चेताया?

    Updated: Sun, 09 Feb 2025 04:43 PM (IST)

    बेन्नू फिलहाल लगभग 186000 मील (299000 किमी) दूर हर छह साल में पृथ्वी के सबसे करीब पहुंचता है। एस्टेरॉयड बेन्नू धरती के साथ टकराने की संभावना है। वैज्ञानिक गणना के हिसाब से इसके सितंबर में साल 2182 में 2700 में से 1 बार इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना है। नासा के पास इसका सैंपल है जिसमें वैज्ञानिकों को जीवन के प्रमुख घटक मिले।

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    बेन्नू से पृथ्वी को खतरे की संभावना (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पृथ्वी के लिए सबसे बड़ा खतरा उल्कापिंड है। इस उल्कापिंड ने वैज्ञानिकों को भी चिंता में डाल दिया है। उल्कापिंड का नाम बेन्नू बताया जा रहा है, जो वर्तमान में लगभग 186,000 मील (299,000 किमी) दूर हर छह साल में पृथ्वी के सबसे करीब पहुंचता है।

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    एस्टेरॉयड बेन्नू धरती के साथ टकराने की संभावना है। वैज्ञानिक गणना के हिसाब से इसके सितंबर में साल 2182 में 2,700 में से 1 बार इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना है। इसकी चौड़ाई 500 मीटर है। वहीं नासा के पास इसका सैंपल है, जिसमें वैज्ञानिकों को जीवन के प्रमुख घटक मिले हैं।

    क्या होगा अगर बेन्नू हमारे ग्रह पर हमला कर दे? खैर, बेन्नू जैसे एक मील (500 मीटर) के लगभग तीन-दसवें व्यास वाले उल्कापिंड के प्रभाव के कंप्यूटर सिमुलेशन पर आधारित नए रिसर्च के अनुसार, यह सुंदर नहीं होगा।

    क्या होगा इसका असर?

    विनाश के अलावा, यह अनुमान लगाया गया कि इस तरह के प्रभाव से वायुमंडल में 100-400 मिलियन टन धूल चली जाएगी, जिससे जलवायु, वायुमंडलीय रसायन विज्ञान और वैश्विक प्रकाश संश्लेषण में तीन से चार सालों तक परेशानी आएगी।

    बारिश में कमी होने के संकेत

    दक्षिण कोरिया में पुसान नेशनल यूनिवर्सिटी में आईबीएस सेंटर फॉर क्लाइमेट फिजिक्स (आईसीसीपी) के पोस्टडॉक्टरल रिसर्च फेलो और साइंस एडवांसेज जर्नल में इस हफ्ते प्रकाशित अध्ययन के प्रमुख लेखक लैन दाई ने कहा, 'धूल के कारण सूर्य का घटना अचानक वैश्विक 'प्रभाव वाली सर्दियों' का कारण बनेगी, जिसमें सूरज की रोशनी में कमी, ठंडा तापमान और सतह पर बारिश में कमी शामिल होगी।'

    ओजोन परत को होगा नुकसान

    • सबसे खराब स्थिति में, रिर्सचर ने पाया कि पृथ्वी की औसत सतह के तापमान में लगभग 7 डिग्री फ़ारेनहाइट (4 डिग्री सेल्सियस) की कमी होगी,औसत वर्षा में 15% की कमी होगी,
    • पौधों के प्रकाश संश्लेषण में 20-30% तक की कमी होगी और ग्रह की ओजोन परत में 32% की कमी होगी जो हानिकारक सोलर रेडिएशन से बचाती है।

    वैज्ञानिकों ने किया अलर्ट

    रिसर्चर ने कहा कि बेन्नू आकार की वस्तु - एक मध्यम आकार का उल्कापिंड - के पृथ्वी की भूमि की सतह पर प्रभाव से एक शक्तिशाली शॉकवेव, भूकंप, जंगल की आग और थर्मल विकिरण उत्पन्न होगा, एक बड़ा गड्ढा बनेगा और भारी मात्रा में मलबा ऊपर की ओर निकलेगा।