AI स्किन से लैस पहला रोबोट तैयार, अब अपने परिवेश और शरीर को भी महसूस कर सकेंगे रोबोट
जर्मनी की टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख के गार्डन चेंग और उनकी टीम द्वारा विकसित की गई कृत्रिम त्वचा में लगभग एक इंच के व्यास वाली हेक्सागोनल कोशिकाएं हैं।
बर्लिन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्किन से लैस रोबोट तैयार किया है। संवेदनशील सिंथेटिक स्किन रोबोट को अपने परिवेश और शरीर को महसूस करने में सक्षम बनाती है। ऐसे में रोबोट को पता होगा कि वे किस जगह पर और किसके संपर्क में हैं। जर्मनी की टेक्निकल यूनिवर्सिटी ऑफ म्यूनिख (टीयूएम) के गार्डन चेंग और उनकी टीम द्वारा विकसित की गई कृत्रिम त्वचा में लगभग एक इंच के व्यास वाली षट्कोणीय (हेक्सागोनल) कोशिकाएं हैं।
‘प्रोसीडिंग्स ऑफ द आइईईई’ जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, प्रत्येक कोशिका में माइक्रो प्रोसेसर और सेंसर लगाए गए हैं, जिसके माध्यम से रोबोट संपर्क, निकटता और तापमान का आसानी से पता लगा सकते हैं। ये कोशिकाएं टीयूएम में कांग्निटिव सिस्टम (संज्ञानात्मक प्रणाली) के प्रोफेसर चेंग ने दस साल पहले विकसित की थीं। इस तरह की कृत्रिम त्वचा रोबोट को अपने परिवेश को अधिक संवेदनशीलता के साथ अनुभव करने में सक्षम बनाती है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इस कृत्रिम त्वचा के माध्यम से रोबोट न केवल इधर-उधर आसानी से चल-फिर कर सकते हैं, बल्कि इसके आस-पास काम करने वाले लोग भी सुरक्षित रहेंगे।
शोधकर्ताओं ने बताया कि इसे विकसित करने में सबसे बड़ी बाधा हमेशा से कंप्यूटिंग क्षमता थी। मानव त्वचा में लगभग पचास लाख रिसेप्टर्स होते हैं, जो संवेदनाओं को तुरंत महसूस कराते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, कृत्रिम त्वचा में सेंसर से प्राप्त डाटा पर तुरंत प्रति उत्तर देना मुश्किल काम है। पुराने सिस्टम केवल कुछ सौ सेंसर के डाटा से ही ओवरलोड हो जाते थे। इस समस्या से निजात पाने के लिए शोधकर्ताओं ने त्वचा की कोशिकाओं की जांच की और इसकी प्रोसेसिंग को 90 फीसद तक कम कर दिया और जरूरी सूचनाओं को ही एकत्र कर ओवरलोडिंग की समस्या दूर की।
शोधकर्ताओं ने कहा, ‘इससे पहले तक लोग केवल अनळ्मान लगाते थे कि कृत्रिम त्वचा की मदद से रोबोट इंसानों की तरह संवेदनाओं को महसूस करेंगे, लेकिन अब यह अनळ्मान साकार होते देख रहे हैं। आने वाले समय में ऐसे रोबोट भी तैयार होंगे जो सेंसर की मदद से पता लगा सकते हैं कि उनके आस-पास कौन-कौन मौजूद हैं।’