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    IS के खिलाफ लड़ी जंग, फिर स्वीडन में बना रिफ्यूजी… जानिए कौन है सलवान मोमिका, जिसने कुरान में लगा दी थी आग

    Updated: Thu, 30 Jan 2025 06:10 PM (IST)

    सलवान मोमिका इराक के उत्तरी प्रांत निनेवेह के अल-हमदानिया शहर का रहने वाला था। वैसे तो वह कैथोलिक धर्म में पैदा हुआ था लेकिन 2018 में जर्मनी भागने के बाद उसने ईसाई धर्म का त्याग कर दिया था। उसने स्वीडन में परमानेंट रेजिडेंसी के लिए एप्लीकेशन दाखिल की थी जिसे रिजेक्ट कर दिया गया था। कुरान की प्रति जलाने के कारण उस पर केस चल रहा था।

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    अप्रैल 2024 तक के लिए मिला था अस्थायी रेजिडेंस परमिट (फोटो: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कुरान की प्रति जलाने के कुख्यात इराकी नागरिक सलवान मोमिका की स्वीडन में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसने 2023 में कुरान की कई प्रतियां जलाई थीं, जिसके बाद पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हुई थी।

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    मोमिका के इस कदम की मुस्लिम देशों ने काफी आलोचना की थी। हालांकि उसने अपने कदम से पहले स्वीडिश पुलिस की परमिशन ली थी, लेकिन फिर भी उसके ऊपर मामले में केस दर्ज कर लिया गया था। इसी मामले की सुनवाई गुरुवार को होनी थी, जिसे मोमिका की हत्या के बाद टाल दिया गया।

    इस्लाम के खिलाफ था सलवान

    • सलवान मोमिका कोर्ट में अपनी दलील में कई बार कह चुका था कि उसका प्रदर्शन इस्लाम के खिलाफ था, न कि मुस्लिमों के खिलाफ। उसका कहना था कि वह स्वीडन के लोगों की कुरान में लिखे संदेशों से रक्षा करना चाहता है।
    • दूसरे धर्म के खिलाफ धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप के तहत सलवान मोमिका और उसके एक सहयोगी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। स्टॉकहोम कोर्ट में इसकी सुनवाई गुरुवार को होनी थी।
    • सलवान मोमिका के कृत्य के बाद स्वीडिश माइग्रेशन एजेंसी ने 2023 में उसके देश से निकालने का फैसला किया था, लेकिन इराक में उसे मिल रही धमकियों के कारण ऐसा नहीं किया गया। उसे अप्रैल 2024 तक के लिए स्वीडन में अस्थायी निवास दे दिया गया था।

    कैथोलिक था सलवान मोमिका

    सलवान मोमिका इराक के उत्तरी प्रांत निनेवेह के अल-हमदानिया शहर का रहने वाला था। वह एसीरियन कैथोलिक था। 2006 के सिविल वॉर में जब इस्लामिक स्टेट ने ईसाइयों के खिलाफ हिंसा शुरू की, तो उसने एसीरियन पैट्रिऑटिक पार्टी जॉइन कर ली ली।

    (फोटो: रॉयटर्स)

    वह पार्टी के मोसूल हेडक्वार्टर में सिक्योरिटी गार्ड के तौर पर काम करने लगा था। 2014 में जब आईएसआईएस ने मोसूल पर कब्जा किया, तब वह इस्लामिक स्टेट के खिलाफ बने पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्स में शामिल हो गया।

    2018 में भाग गया जर्मनी

    2018 में मोमिका शेंगेन वीजा पर जर्मनी भाग गया और वहां उसने ईसाई धर्म का त्याग कर दिया और खुद को नास्तिक घोषित किया। अप्रैल 2018 में उसने स्वीडन में शरणार्थी के तौर पर आवेदन किया और खुद को इराकी रिफ्यूजी के तौर पर रजिस्टर कर लिया।

    अप्रैल 2021 में उसे अस्थायी रेजिडेंस परमिट मिल गया। हालांकि परमानेंट रेजिडेंस की उसकी याचिका एप्लीकेशन में कई खामियों के कारण निरस्त कर दी गई। स्वीडन में उसे कई बार क्रिश्चियन डेमोक्रेट सांसद रॉबर्ट हालेफ और स्वीडन डेमाक्रेट जूलिया क्रॉनलिड के साथ देखा गया था।

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