Russia-Ukraine War: जब फ्रांस ने दिया यूक्रेन का साथ, भारत ने बनाई दूरी; UN में फिर दिखाई कूटनीति
Russia Ukraine War एक प्रस्ताव यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी देशों ने प्रस्तुत किया था। जबकि शांति स्थापना के उद्देश्य वाला दूसरा प्रस्ताव अमेरिका की ओर से आया। दोनों ही प्रस्ताव आमसभा में पारित हुए। यूक्रेन के प्रस्ताव में तनाव कम करने लड़ाई को जल्द खत्म करने और यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध के शांतपूर्ण समाधान की मांग की गई थी।

पीटीआई, संयुक्त राष्ट्र। संयुक्त राष्ट्र आमसभा में सोमवार को यूक्रेन पर आए प्रस्ताव पर मतदान हुआ। इस मतदान में भारत सहित कुल 65 सदस्य देशों ने भाग नहीं लिया। प्रस्ताव के समर्थन में 93 वोट पड़े जबकि विरोध में 18 वोट पड़े।
यूक्रेन लाया था प्रस्ताव
यह प्रस्ताव यूक्रेन और उसके यूरोपीय सहयोगी देशों ने प्रस्तुत किया था। जबकि शांति स्थापना के उद्देश्य वाला दूसरा प्रस्ताव अमेरिका की ओर से आया। दोनों ही प्रस्ताव आमसभा में पारित हुए। यूक्रेन के प्रस्ताव में तनाव कम करने, लड़ाई को जल्द खत्म करने और यूक्रेन के विरुद्ध युद्ध के शांतपूर्ण समाधान की मांग की गई थी।
प्रस्ताव में ये की गई मांग
यूक्रेन में शांति स्थापित करने के उद्देश्य से यह प्रस्ताव लाया गया था। प्रस्ताव में कहा गया कि यह यूक्रेन के खिलाफ युद्ध है। युद्ध के चलते यूक्रेन में भारी बर्बादी हुई है। नागरिकों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए संयुक्त राष्ट्र की मान्यताओं के अनुसार युद्ध को खत्म किया जाए।
यूक्रेन से रूसी सैनिकों की वापसी की मांग
प्रस्ताव में यूक्रेन की धरती से सभी रूसी सैनिकों की वापसी की मांग की गई है। सभागार में शांति स्थापित करने के प्रस्ताव पर प्रसन्नता जताई गई लेकिन भारत सहित 65 देश मतदान से दूर रहे। इस दौरान संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस ने कहा कि यूक्रेन युद्ध ने वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा पैदा किया है।
साथ ही संयुक्त राष्ट्र के आधारभूत नियमों का उल्लंघन किया है। इस दौरान अमेरिका ने भी यूक्रेन पर एक प्रस्ताव पेश किया। इसमें रूस और यूक्रेन में हुई जनहानि पर दुख व्यक्त किया गया। इस प्रस्ताव में भी शांति की चाह व्यक्त की गई थी।
फ्रांस ने दिया यूक्रेन का साथ, भारत ने बनाई दूरी
इस प्रस्ताव पर फ्रांस ने रूस और यूक्रेन के युद्ध वाली पंक्ति पर आपत्ति जताई और संशोधन पेश कर इसे यूक्रेन पर रूस का हमला लिखे जाने का सुझाव दिया। संशोधन के साथ प्रस्ताव के समर्थन में 93 वोट पड़े जबकि विरोध में आठ वोट पड़े। भारत सहित 73 देशों ने मतदान में भाग नहीं लिया। विदित हो कि संयुक्त राष्ट्र आमसभा के 193 सदस्य हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।