Russia Ukraine Crisis: फेकन्यूज पर कानून बनने से दिग्गज मीडिया संस्थानों का रूस से किनारा, पसंद नहीं है पहरेदारी
Russia Ukraine Crisis रूस और यूक्रेन युद्ध के बीच मास्को ने बीबीसी और ब्लूमबर्ग समेत कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया कंपनियों पर यूक्रेन के पक्ष में रिपोर्टिंग करने का आरोप लगाया है। रूसी सरकार ने हाल ही में वायस आफ अमेरिका समेत कई अन्य वेबसाइटों को प्रतिबंधित कर दिया है।

कीव, एजेंसियां। रूस द्वारा शुक्रवार को फेसबुक, ट्विटर और बीबीसी, वायस आफ अमेरिका समेत कुछ दिग्गज न्यूज वेबसाइट पर रोक लगाने के साथ ही फेक न्यूज को लेकर कानून पास करने के बाद बीबीसी, सीबीसी, ब्लूमबर्ग और सीएनएन जैसे दिग्गज मीडिया संस्थानों ने रूस में काम करना बंद कर दिया है। उल्लेखनीय है रूस के प्रति विदेशी मीडिया के रख से खिन्न पुतिन सरकार ने शिकंजा कस दिया है। सरकार ने शुक्रवार को फेसबुक पर रोक लगाने के साथ अब ट्विटर व इंस्टाग्राम को भी प्रतिबंधित कर दिया है। इसके साथ ही उसने बीबीसी, वायस आफ अमेरिका और ड्यूश वेल की न्यूज वेबसाइट भी प्रतिबंधित कर दी थीं।
वहीं, शुक्रवार को ही रूसी संसद ड्यूमा ने फर्जी खबरें फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कानून पारित कर दिया। इसमें दोषी सिद्ध होने वाले को 15 साल तक की सजा की व्यवस्था की गई है। रूसी सरकार के कड़े रख के विरोध में पश्चिमी मीडिया में भी प्रतिक्रिया हुई। कई संस्थानों ने कहा कि वे रूस स्थित अपने रिपोर्टरों की बाइलाइन बंद कर रहे हैं।
रूसी कानून पत्रकारिता के लिए बड़ी बाधा : टिम डेवी
लंदन से मिली खबर के अनुसार बीबीसी के महानिदेशक टिम डेवी ने कहा कि रूस द्वारा बनाया गया कानून स्वतंत्र पत्रकारिता में बहुत बड़ी बाधा साबित होगा। इस घटनाक्रम के बाद हमारे पास रूस में अस्थायी रूप से समाचार संकलन का काम निलंबित करने के अलावा और कोई चारा नहीं है। हम हालात का जायजा लेने के बाद ही आगे कोई फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि रूसी लोगों के लिए बीबीसी की समाचार सेवा रूस के बाहर से जारी रहेगी।
बीबीसी के अंतरिम निदेशक जोनाथन मुनरो ने कहा कि हम अपने संवाददाताओं को रूस से नहीं हटा रहे हैं। हम अभी हालात पर नजर रखेंगे। उधर कनाडा की सरकारी मीडिया संस्थान सीबीसी ने कहा कि अभी वह अस्थायी रूप से रूस में काम बंद कर रहा है। नए कानून का जायजा लेने के बाद ही हम वहां दोबारा काम शुरू करेंगे।
ब्लूमबर्ग के प्रधान संपादक जान मिकेल्थवेट ने एक बयान में कहा कि रूस का नया कानून किसी भी पत्रकार को अपराधी साबित करने में सक्षम है। इस कानून के रहते सामान्य पत्रकारिता करना भी संभव नहीं है। ऐसे में हम रूस के अंदर अपना काम फिलहाल बंद कर रहे हैं। उधर एक अन्य खबर के अनुसार पश्चिमी देशों ने रूस के आरटी न्यूज नेटवर्क को यूक्रेन संकट पर सूचनाओं को गलत तरीके से पेश करने पर प्रतिबंधित कर दिया है।
रूसी समाचार स्रोतों को ब्लाक नहीं करेगा स्टारलिंक : मस्क
सैन फ्रांसिस्को से मिली खबर के अनुसार टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने शनिवार को कहा कि उनकी राकेट कंपनी स्पेसएक्स का सैटेलाइट इंटरनेट डिवीजन स्टारलिंक रूसी समाचार स्रोतों को ब्लाक नहीं करेगा। मस्क ने ट्विटर पर लिखा कि वे यह काम तब तक नहीं करेंगे जब तक कोई उन्हें बंदूक का भय नहीं दिखाएगा। उन्होंने कहा कि स्टारलिंक को कुछ सरकारों (यूक्रेन नहीं) ने रूसी समाचार स्रोतों को ब्लाक करने के लिए कहा है लेकिन हम ऐसा नहीं करने जा रहे हैं।
रूसी चैनल के पूरे स्टाफ ने आन एयर दिया इस्तीफा
रूस के न्यूज चैनल रेन टीवी के पूरे स्टाफ ने आन एयर (सजीव प्रसारण के दौरान) इस्तीफा दे दिया। यूक्रेन युद्ध की कवेरज से नाराज रूसी प्रशासन द्वारा चैनल के खिलाफ प्रसारण निलंबित किए जाने के बाद स्टाफ ने यह कदम उठाया है। चैनल के संस्थापकों में से एक, नतालिया सिंधेवा ने अपने आखिरी प्रसारण में 'नो टू वार' कहकर इस्तीफा देने की घोषणा की। इसके बाद वे और अन्य कर्मचारी स्टूडियो से वाकआउट कर गए। चैनल ने बाद में एक बयान में कहा कि उसने अपना आपरेशन अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर दिया है।
सामूहिक इस्तीफे का वीडियो लेखक डेनियल अब्राहम ने लिंक्डइन पर साझा किया है। स्टाफ के नाटकीय रूप से बाहर निकलने के बाद, चैनल ने 'स्वान लेक' बैले का वीडियो चलाया, जिसे 1991 में सोवियत संघ के पतन के समय रूस में सरकारी टीवी चैनलों पर दिखाया गया था।
यह वीडियो इंटरनेट मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। रूस के लिबरल मीडिया आउटलेट में से एक, एको मोस्किवी (मास्को की गूंज) रेडियो स्टेशन को भी यूक्रेन में युद्ध की कवरेज को लेकर प्रशासन के दबाव में अपना बोर्ड भंग करना पड़ है। यह जानकारी एको मोस्किवी संपादक ने गुरूवार को दी।
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