Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Israel Hamas War: 'इजरायल पर क्रूर हमला लेकिन... ', हमास की क्रूरता पर बोले रूसी राष्ट्रपति पुतिन

    By AgencyEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Sat, 14 Oct 2023 05:32 AM (IST)

    रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि पश्चिम एशिया में खूनखराबा रुकना चाहिए। बदला लेने के नाम पर गाजा पट्टी में इजरायली सेना की जमीन पर कार्रवाई पूरी तरह से अस्वीकार्य होगी। इससे बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की मौत होगी।

    Hero Image
    पश्चिम एशिया में खूनखराबा रुकना चाहिए: व्लादिमीर पुतिन

    रायटर्स, बिश्केक। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि पश्चिम एशिया में खूनखराबा रुकना चाहिए। बदला लेने के नाम पर गाजा पट्टी में इजरायली सेना की जमीन पर कार्रवाई पूरी तरह से अस्वीकार्य होगी। इससे बड़ी संख्या में निर्दोष लोगों की मौत होगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इजरायल पर अप्रत्याशित क्रूर हमला हुआ: पुतिन

    किर्गिस्तान यात्रा पर गए पुतिन ने यह बात गाजा शहर से निकलने के लिए दस लाख नागरिकों को 24 घंटे का समय दिए जाने पर कही है। जमीनी कार्रवाई छेड़ने के लिए इजरायल ने फलस्तीनियों को घर छोड़ने के लिए कहा है। पुतिन ने कहा, इजरायल पर अप्रत्याशित क्रूर हमला हुआ है और उसे अपनी रक्षा का पूरा अधिकार है, लेकिन अब इजरायल भी क्रूरता कर रहा है।

    व्लादिमीर पुतिन ने खूनखराबा रोकने की वकालत की

    पुतिन ने कहा, विश्व के किसी भी हिस्से में अनावश्यक खूनखराबा नहीं होना चाहिए, क्योंकि इसके गंभीर दुष्परिणाम होते हैं। इस तरह के खूनखराबे में निर्दोष नागरिकों की मौत पूरी तरह से अस्वीकार्य है, इसलिए वह अविलंब रुकना चाहिए।

    उन्होंने कहा कि खूनखराबा रोकने के लिए रूस रचनात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार है। क्षेत्र में स्थायी शांति के लिए स्वतंत्र फलस्तीन राष्ट्र का गठन जरूरी है जिसकी राजधानी पूर्वी यरुशलम हो। विदित हो कि रूस के इजरायल, ईरान और क्षेत्र में सभी संबद्ध पक्षों-संगठनों से बेहतर रिश्ते हैं। पुतिन ने पश्चिमी एशिया की विस्फोटक स्थिति के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है।

    लेनिनग्राद की तरह घेरा है गाजा कोः पुतिन

    पुतिन ने कहा कि गाजा को इजरायली सेना ने वैसे ही घेरा है जैसे कि द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान जर्मन सेना ने रूसी शहर लेनिनग्राद को घेरकर आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति रोक दी थी। उल्लेखनीय है कि जर्मन सेना ने 900 दिनों तक लेनिनग्राद को घेरे रखा था जिसके कारण वहां पर 5,80,000 लोगों की मौत हुई थी।