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    Turkey Earthquake Waste : तुर्की में लोगों के रहने-खाने के प्रबंधों के बीच मलबे को हटाना बना बड़ी चुनौती

    तुर्की में 14 मई को चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में जनमत जीतने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोगन ने वादा किया है कि एक साल के भीतर नए सिरे से घर बनाए जाएंगे विशेषज्ञों का कहना है कि पुनर्निर्माण में तेजी के बजाय सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh RajputUpdated: Thu, 02 Mar 2023 10:51 PM (IST)
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    भूकंप के मलबे को हटाने के लिए तुर्की को 'समझ से परे' चुनौती का सामना करना पड़ रहा है

    तुर्की, रायटर। भूकंप से प्रभावित लोगों के लिए आवास-भोजन की व्यवस्था और बड़े पैमाने पर पुनर्निमाण कार्य के बीच हाल-फिलहाल में सबसे घातक भूकंप के बाद तुर्की के सामने यह भी बड़ी चुनौती है कि आखिर सैकड़ों मिलियन टन मलबे को कैसे हटाया जाए। इस मलबे में हानिकारक पदार्थ भी मिल रहे हैं।

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    बता दें कि तुर्की के अधिकारियों ने बताया कि 6 फरवरी के भूकंप और उसके बाद के झटकों से डेढ़ लाख से अधिक इमारतें ढह गईं हैं। संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) का कहना है कि इस तबाही से 116- 210 लाख टन मलबा बिखरा हुआ है। तुर्की में पूरे-पूरे शहर कंक्रीट और मलबे के ढेर में तबदील हो गए हैं।

    राष्ट्रपति ने एक साल में घर बनाने का वादा किया

    तुर्की में 14 मई को चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में जनमत जीतने के लिए तुर्की के राष्ट्रपति अर्दोगन ने वादा किया है कि एक साल के भीतर नए सिरे से घर बनाए जाएंगे, हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि पुनर्निर्माण में तेजी के बजाय सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। तुर्की के शहरों में अब बचावकर्मियों के बजाय मलबा हटाने वाले हजारों कर्मी काम में जुटे हुए हैं। फिर भी इस काम के जल्द खत्म होने की उम्मीद नहीं है।

    पर्यावरण में प्रदूषण फैलने का खतरा

    हाटे प्रांत के अंटाक्या शहर में श्रमिकों ने बताया कि एक इमारत के मलबे को हटाने में कई दिन लग जाते हैं। किए जाने वाले काम की गंभीरता को इंगित करते हुए यूएनडीपी का कहना है कि तुर्की में 1999 में पिछली बार आए बड़े भूकंप की तुलना में इस बार 10 गुणा अधिक मलबा उत्पन्न हुआ है। मलबे को हटाने के साथ-साथ इसका प्रबंधन भी बड़ी चुनौती है। अभी तक हटाया गया अधिकांश मलबा आसपास के अस्थायी डंप में डाल दिया गया है। ऐसे में आशंकाएं हैं कि पुरानी निर्माण सामग्री में कैंसर कारक एसबेस्टर्स जैसी सामग्रियां हो सकती हैं और ये पर्यावरण में फैल सकती हैं।

    हालांकि सरकार इन सामग्रियों को सुरक्षित तरीके से हटाने के वादे कर रही है लेकिन मलबे की भारी मात्रा के कारण ऐसा संभव नहीं लगता है। मलबे को ज्यादातर आसपास या सुविधाजनक स्थानों पर डंप किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें सावधानी बरती जानी चाहिए। कई पर्यावरण कार्यकर्ताओं और विपक्षी नेताओं ने चेतावनी दी है कि मलबे को गैर-जिम्मेदार तरीके से हटाने से पर्यावरण को खतरा हो सकता है।