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    पाकिस्तानी वीजा नियमों के तहत पश्तूनों का विरोध प्रदर्शन जारी, PTM के प्रतिनिधि ने कहा- यह अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन

    By Agency Edited By: Babli Kumari
    Updated: Sat, 29 Jun 2024 04:25 PM (IST)

    पाकिस्तानी वीजा नियमों के तहत पश्तूनों को पाकिस्तान में एंट्री नहीं मिल रही है। सभी पश्तून पिछले आठ महीनों से बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं अब पी.टी.एम. प्रतिनिधि ने पश्तूनों को पाकिस्तानी वीजा नियमों के तहत एंट्री न मिलने को लेकर संयुक्त राष्ट्र में इसे अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया है। साथ ही पश्तूनों के खिलाफ पाकिस्तानी सरकार और सेना की हिंसक प्रतिक्रियाओं पर भी प्रकाश डाला।

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    खैबर इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक और यूरोप में पश्तून तहफ्फुज मूवमेंट (पीटीएम) के प्रतिनिधि फजल उर रहमान अफरीदी (फोटो/ANI)

    एएनआई, जिनेवा [स्विट्जरलैंड]। खैबर इंस्टीट्यूट के कार्यकारी निदेशक और यूरोप में पश्तून तहफुज मूवमेंट (पीटीएम) के प्रतिनिधि फजल उर रहमान अफरीदी ने पाकिस्तानी सरकार द्वारा लगाए गए सख्त वीजा नियमों के खिलाफ पश्तूनों द्वारा चल रहे विरोध प्रदर्शन पर चिंता जताई है।

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    जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 56वें ​​नियमित सत्र में भाग लेने वाले अफरीदी ने कहा है कि ये नियम अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन करते हैं और पश्तून लोगों के सामाजिक, आर्थिक और वित्तीय कल्याण को गंभीर रूप से प्रभावित करते हैं। अफरीदी ने शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों पर पाकिस्तानी सरकार और सेना की हिंसक प्रतिक्रियाओं पर प्रकाश डाला।

    प्रतिबंध लगाने से पश्तून के लोगों पर पड़ेगा बुरा असर 

    अफरीदी ने कहा कि पिछले 8 महीनों से पश्तून पाकिस्तान सरकार के सख्त वीजा नियमों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। सीमावर्ती क्षेत्रों और विशेष रूप से आस-पास के विवादास्पद डूरंड रेखा के किनारे रहने वाले लोगों के दोनों तरफ परिवार, व्यवसाय और सामाजिक संबंध हैं। पश्तून कार्यकर्ता ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा, "ऐसे लोगों पर प्रतिबंध लगाने से पश्तून लोगों पर आर्थिक, सामाजिक और वित्तीय रूप से बहुत बुरा असर पड़ेगा।"

    'पाकिस्तानी सेना प्रदर्शनकारियों पर कर रही है हमला' 

    पी.टी.एम. प्रतिनिधि ने कहा, 'पिछले एक महीने से पश्तून विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और चमन में धरना आयोजित कर रहे हैं। लेकिन पश्तून लोगों, खासकर पी.टी.एम. की शिकायतों को सुनने के बजाय, पाकिस्तानी सरकार और उसकी सेना प्रदर्शनकारियों और नागरिकों पर हमला कर रही है। उन्होंने कई बार व्यवस्थित तरीके से धरना पर हमला किया है और हाल ही में एक 15 वर्षीय लड़के की हत्या कर दी है। पाकिस्तानी सैन्य बलों ने 200 से अधिक पश्तून नेताओं को जबरन गायब कर दिया है। इसमें 100 से अधिक घायल हुए हैं।'

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