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    PM Modi: रिश्तों को और ऊंचाई पर ले जाएंगे भारत और अर्जेंटीना, अब ब्राजील के लिए रवाना हुए पीएम मोदी

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Sun, 06 Jul 2025 02:12 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अर्जेंटीना से ब्राजील के लिए रवाना हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली ने शनिवार को दोनों देशों के बीच व्यापार में विविधता लाने पर सहमति जताई। साथ ही दोनों नेताओं ने रक्षा सुरक्षा ऊर्जा कृषि और खनिज जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। पीएम मोदी शुक्रवार शाम ब्यूनस आयर्स पहुंचे थे।

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    अब ब्राजील के लिए रवाना हुए पीएम मोदी (फोटो- एक्स)

    पीटीआई, ब्यूनस आयर्स। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर माइली ने शनिवार को दोनों देशों के बीच व्यापार में विविधता लाने पर सहमति जताई। साथ ही दोनों नेताओं ने रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा, कृषि और खनिज जैसे कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।

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    पीएम ने कहा, फार्मास्युटिकल्स और खेल जैसे क्षेत्रों में भी अपार संभावनाएं

    पीएम मोदी ने दोनों देशों के बीच संबंधों को ''और अधिक ऊंचाई'' पर ले जाने पर जोर दिया। मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के तीसरे चरण में दो दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार शाम ब्यूनस आयर्स पहुंचे थे। हालांकि मोदी ने 2018 में जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अर्जेंटीना की यात्रा की थी, लेकिन 57 वर्षों के अंतराल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यह इस देश की पहली द्विपक्षीय यात्रा है।

    रक्षा, सुरक्षा, ऊर्जा और खनिज जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएंगे दोनों देश

    राष्ट्रपति माइली के साथ बैठक में प्रधानमंत्री ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत को मजबूत समर्थन देने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया तथा इस कठिन समय में अर्जेंटीना की एकजुटता की सराहना की। इंटरनेट मीडिया पोस्ट में मोदी ने यह भी कहा कि दोनों देशों के बीच फार्मास्युटिकल्स और खेल जैसे क्षेत्रों में अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने माइली के साथ अपनी बैठक को ''उत्कृष्ट'' बताया।

    पीएम मोदी ने कहा, ''हम भारत-अर्जेंटीना राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे होने और अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी में बदलने के पांच वर्ष पूरे होने का जश्न मना रहे हैं। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, लेकिन हम इस बात पर सहमत हैं कि आगे की यात्रा और भी अधिक आशाजनक है।''

    ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा

    विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) पेरियासामी कुमारन ने कहा, ''दोनों नेताओं ने ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा की। प्रधानमंत्री ने भारत की बढ़ती ऊर्जा और औद्योगिक जरूरतों को रेखांकित किया और इस बात पर जोर दिया कि अर्जेंटीना भारत की विकास यात्रा में एक विश्वसनीय भागीदार बन सकता है।''

    उन्होंने कहा, ''अर्जेंटीना के लिथियम, तांबा और रेयर अर्थ सहित महत्वपूर्ण खनिजों के समृद्ध भंडार भारत की स्वच्छ ऊर्जा ट्रांजिशन और औद्योगिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए सुरक्षित व टिकाऊ संसाधनों की जरूरतों के अनुरूप हैं।''

    अर्जेंटीना चौथा सबसे बड़ा शेल तेल का भंडार

    कुमारन ने बताया कि अर्जेंटीना में दूसरा सबसे बड़ा शेल गैस और चौथा सबसे बड़ा शेल तेल का भंडार है, लिहाजा वह भारत के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा भागीदार बन सकता है। कुमारन के अनुसार, प्रधानमंत्री ने भारत-एमईआरसीओएसयूआर व्यापार समझौते के विस्तार में अर्जेंटीना का समर्थन भी मांगा और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध भी गहरे हो सकते हैं।

    दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के बाजारों में कृषि उत्पादों की पहुंच बढ़ाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया और संबंधित अधिकारियों को कृषि पर एक संयुक्त कार्य समूह बनाने के निर्देश जारी किए। साथ ही ड्रोन सेक्टर में संभावित सहयोग पर भी चर्चा की।

    2019 में दिया था रणनीतिक साझेदारी का दर्जा

    फरवरी, 2019 में अर्जेंटीना के तत्कालीन राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों को रणनीतिक साझेदारी का दर्जा दिया गया था। दोनों देश व्यापार, रक्षा, महत्वपूर्ण खनिजों, तेल और गैस, परमाणु ऊर्जा, कृषि, संस्कृति और प्रौद्योगिकी जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं।

    भारत और अर्जेंटीना खनिज संसाधन क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग कर रहे हैं, खासकर भारत की हरित ऊर्जा के लिए जरूरी लिथियम के क्षेत्र में। अगस्त, 2022 में दोनों देशों में खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग पर एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए थे।

    राष्ट्रीय नायक की समाधि पर अर्पित की पुष्पांजलि

    प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को अर्जेंटीना के राष्ट्रीय नायक जनरल जोस डी सैन मार्टिन की समाधि पर जाकर पुष्पांजलि अर्पित की। जोस फ्रांसिस्को डी सैन मार्टिन वाई मटोरस को दक्षिण अमेरिकी देशों अर्जेंटीना, चिली और पेरू के मुक्तिदाता के रूप में भी जाना जाता है। इस स्मारक का निर्माण 1862 में फ्रांसीसी मूर्तिकार लुइस जोसेफ डौमास ने किया था।

    इसके बाद राष्ट्रपति माइली ने द्विपक्षीय वार्ता के लिए प्रधानमंत्री मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को गले लगाया, जो भारत और अर्जेंटीना के बीच बढ़ते संबंधों को दर्शाता है। वार्ता के बाद प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मिली ने राष्ट्रपति भवन के बाहर एकत्रित विशाल जनसमूह का अभिवादन किया। इसके बाद राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री के सम्मान में दोपहर के भोज का आयोजन किया।

    सांस्कृतिक संबंधों में दूरी कोई बाधा नहीं : मोदी

    त्रिनिनाद एवं टोबैगो से ब्यूनस आयर्स पहुंचने पर प्रवासी भारतीयों ने प्रधानमंत्री मोदी का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया। मोदी ने एक्स पर लिखा, ''सांस्कृतिक संबंधों में दूरी कोई बाधा नहीं है! ब्यूनस आयर्स में भारतीय समुदाय द्वारा किए गए शानदार स्वागत से सम्मानित महसूस कर रहा हूं। यह देखना वाकई बहुत अच्छा है कि कैसे घर से हजारों किलोमीटर दूर हमारे भारतीय समुदाय के माध्यम से भारत की भावना जगमगाती है।''

    जोश में भरे भारतीय समुदाय ने मोदी-मोदी, जय हिंद और भारत माता की जय के नारे लगाकर प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस दौरान पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन भी किया गया। समुदाय के सदस्यों को प्रधानमंत्री मोदी से बातचीत का अवसर भी मिला, जिनमें से कई ने मोदी से ऑटोग्राफ भी लिए।