राष्ट्रपति मुर्मू दो देशों की राजकीय यात्रा के तहत अंगोला पहुंचीं, क्या है एजेंडा?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी छह दिवसीय विदेश यात्रा के पहले चरण में अंगोला पहुंचीं। विदेश मंत्रालय के अनुसार, यह दौरा भारत के अफ्रीकी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है। राष्ट्रपति मुर्मू अंगोला के राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगी और संसद को संबोधित करेंगी। यह दौरा भारत और अंगोला के बीच राजनयिक संबंधों की 40वीं वर्षगांठ पर हो रहा है।
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अंगोला में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को अफ्रीकी देश अंगोला पहुंचीं। यह उनकी छह दिन की अफ्रीकी यात्रा का पहला पड़ाव है, जिसके बाद वह पड़ोसी देश बोत्सवाना जाएंगी।
विदेश मंत्रालय (MEA) ने 8 से 13 नवंबर तक होने वाली इस दो देशों की यात्रा को अफ्रीकी क्षेत्र के इन दोनों देशों के साथ सहयोग के नए रास्ते खोलने और पार्टनरशिप बढ़ाने की भारत की कोशिशों का हिस्सा बताया है।
राष्ट्रपति मुर्मू का हुआ जोरदार स्वागत
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इन देशों में किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष का यह पहला दौरा है। अंगोला की राजधानी लुआंडा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर राष्ट्रपति मुर्मू का स्वागत विदेश मंत्री टेट एंटोनियो और दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने किया।
क्या है राष्ट्रपति मुर्मू का कार्यक्रम?
अगले तीन दिनों तक राष्ट्रपति यहां उच्च स्तरीय बैठक करेंगी, जिसमें उनके अंगोलन समकक्ष जोआओ मैनुअल गोनकाल्वेस लौरेंको के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी शामिल है और वह अफ्रीकी देश की आजादी की 50वीं सालगिरह के जश्न में भी शामिल होंगी।
राष्ट्रपति अंगोला की संसद को भी संबोधित करेंगी और भारतीय समुदाय के सदस्यों से बातचीत करेंगी। विदेश मंत्रालय में सचिव (इकोनॉमिक रिलेशंस) सुधाकर दलेला ने गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, 'भारत और अंगोला के बीच दोस्ती और सहयोग के बहुत करीबी रिश्ते हैं जो सभी सेक्टरों में बढ़ रहे हैं। अंगोला के साथ हमारी एक मजबूत एनर्जी पार्टनरशिप है।'
क्यों है यह दौरा अहम?
उन्होंने कहा कि इस दौरे से दोनों देशों के बीच सभी तरह के रिश्तों की समीक्षा करने और एग्रीकल्चर, हेल्थ, एनर्जी, ट्रेड और इन्वेस्टमेंट, टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट, डिफेंस और लोगों के बीच आपसी संबंधों जैसे सेक्टर्स में आपसी फायदे वाले सहयोग को बढ़ाने का मौका मिलेगा। सचिव ने यह भी कहा कि यह दौरा 'अहम' है, क्योंकि दोनों देश इस साल अपने राजनयिक संबंधों की 40वीं सालगिरह मना रहे हैं।
11 नवंबर को शुरू होगा यात्रा का दूसरा चरण
राष्ट्रपति मुर्मू 11 नवंबर को अपनी यात्रा का दूसरा चरण शुरू करेंगी और बोत्सवाना की राजधानी गैबोरोन जाएंगी। वहां अपने कार्यक्रमों के तहत, वह अपने समकक्ष डूमा गिदोन बोको से मिलेंगी, नेशनल असेंबली को संबोधित करेंगी और प्रोजेक्ट चीता के तहत भारत में चीतों को लाने से जुड़े एक कार्यक्रम में भी शामिल होंगी।
सचिव ने कहा, 'हमें पूरा भरोसा है कि माननीय राष्ट्रपति जी की यह यात्रा अंगोला और बोत्सवाना के साथ भारत के लंबे समय से चले आ रहे सहयोग के संबंधों को और मजबूत करेगी और सहयोग के नए रास्ते खोलेगी और हमारी पार्टनरशिप को बढ़ाएगी। जैसा कि मैंने पहले कहा, यह अफ्रीकी महाद्वीप के साथ अपनी कई तरह की साझेदारी को और मजबूत करने के लिए भारत की पक्की प्रतिबद्धता को भी दिखाता है।'

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