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    Nepal protests: पड़ोसी देशों में तख्तापलट... जान बचाने के लिए कहां भागे नेता और अब क्‍या कर रहे हैं?

    Updated: Wed, 10 Sep 2025 10:24 PM (IST)

    नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शनों के बाद राष्ट्रपति राम चंद्र पौडेल सहित कई नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। के पी शर्मा ओली सेना के हेलीकॉप्टर से अज्ञात जगह चले गए। क्‍या आप जानते हैं कि भारत के अन्‍य पड़ोसी देशों में तख्तापलट के बाद जान बचाने को भागे नेता अभी कहां हैं और क्या कर रहे हैं?

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    नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल पड़ोसी देशों के भागे हुए नेता कहां हैं?

    डिजिटल डेस्‍क, नई दिल्‍ली।  नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद मंगलवार को राष्‍ट्रपति राम चंद्र पौडेल, प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली व  गृह मंत्री रमेश लेखक  समेत कई मंत्रियों और सांसदों ने भी इस्‍तीफा दे दिया है। के पी शर्मा ओली सेना के हेलीकॉप्टर में बैठकर अज्ञात जगह चले गए।

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    के पी शर्मा ओली के बारे में कहा जा रहा है कि ओली और उनके करीबी नेता देश छोड़कर भाग गए हैं। ऐसे में सवाल यह है कि भारत के अन्य पड़ोसी देशों में तख्तापलट के बाद जान बचाने को भागे नेता अभी कहां हैं और क्या कर रहे हैं?

    बांग्लादेश: हसीना ने भारत में ली शरण, पार्टी खत्म

    पिछले साल बांग्लादेश में भी छात्रों ने आंदोलन किया था, जो बाद में हिंसक हो गया था। उनकी सरकार गिर गई।  प्रदर्शनकारियों ने ढाका स्थित उनके सरकारी आवास पर धावा बोल दिया और उन्हें किसी तरह जान बचाकर देश छोड़कर भागना पड़ा।  5 अगस्त 2024 को छात्र आंदोलन और सेना हस्तक्षेप के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना सेना के विमान में सवार होकर भारत के हिंडन एयरपोर्ट पहुंची थीं और भारत में शरण ली।  

    हसीना के साथ उनकी बहन शेख रेहाना को भी देश छोड़ना पड़ा था। हसीना जनता को संबोधित तक नहीं कर पाई थी। पांच बार बांग्‍लादेश की पीएम  रहीं शेख   हसीना अभी नई दिल्‍ली में शरणार्थी के तौर पर जीवन जी रही हैं।

    बांग्लादेश में उनकी पार्टी अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। हसीना पर वहां मानवता विरोधी अपराधों के आरोप में मुकदमा चल रहा है, जोकि जून 2025 से अंतरराष्ट्रीय अदालत में विचाराधीन है।

    श्रीलंका: गोटाबाया तीन देशों में ली शरण, फिर लौटे राजधानी

    सा 2022 में श्रीलंका में आर्थिक संकट इस कदर बढ़ गया कि लोगों को सरकार के विरोध में सड़क पर उतरना पड़ा। जल्‍द ही विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने नेपाल संसद भवन और पीएम हाउस में घुसकर लूटपाट मचाई थी।

    इसके बाद राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे इस्‍तीफा देकर मालदीव भाग गए और फिर वहां से सिंगापुर। श्रीलंका में भारी विरोध और जान को खतरे को देखते हुए वे हड़बड़ी में भागे थे। हालांकि बाद में थाईलैंड गए और आखिर में राजधानी कोलंबो लौट आए।

    इन दिनों राजपक्षे श्रीलंका में शांत जीवन जी रहे हैं। सार्वजनिक कार्यक्रमों में भी न के बराबर ही नजर आते हैं। गोटाबाया और उनके भाइयों पर भ्रष्टाचार के कई आरोप भी लगे। जिनकी जांच हुई, लेकिन अभी तक किसी भी मामले में कोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया है।

    अफगानिस्तानः अबू धाबी में हैं तालिबान से बचकर भागे गनी 

    अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी हुई तो देश पर तालिबान ने कब्जा कर लिया। अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी तालिबान के काबुल पर कब्जे के दिन यानी 15 अगस्त 2021 को हड़बड़ी में राष्ट्रपति भवन छोड़कर विमान से भाग निकले। पहले वे ताजिकिस्तान पहुंचे। वहां से उज्बेकिस्तान गए और बाद में यूएई ने उन्हें मानवीय आधार पर शरण दी।

    गनी के साथ उनकी पत्नी, कुछ सुरक्षा अधिकारी और करीबी सहयोगी थे। उस वक्‍त मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया था कि अशरफ गनी भारी मात्रा में नकदी और कीमती सामान लेकर भागे थे। हालांकि, अशरफ गनी ने इन सभी आरोपों को खारिज किया था। मौजूदा वक्‍त में गनी अबू धाबी में शांत तरीके शरणार्थी जीवन जी रहे हैं। उन पर कोई केस दर्ज नहीं हुआ।

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    पाकिस्तान: 2 साल से जेल में हैं इमरान, 150 से ज्यादा केस दर्ज

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को ल कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में 9 मई 2023 को गिरफ्तार किया। इमरान की गिरफ्तारी के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए।

    इमरान खान को 17 जनवरी, 2025 को अल कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में 14 साल कैद की सजा सुनाई गई, जबकि उसकी पत्नी बुशरा बीबी को सात साल की सजा हुईं।

    इमरान पर 150 से अधिक आपराधिक केस दर्ज हैं। उन्होंने पार्टी को आगामी उप-चुनावों में भाग नहीं लेने का फैसला किया है, क्योंकि चुनाव प्रक्रिया अन्यायपूर्ण है और इसमें हिस्सा लेने से अवैध अयोग्यताओं को कानूनी वैधता मिल जाएगी।

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