पीएम मोदी ने बौद्ध बहुल देश में कहा- नई पीढ़ी के हाथ में है भूटान का भविष्य
भूटान के पीएम लोते शेरिंग ने मोदी के दौरे को सफल बताया। मोदी के भारत रवाना होने के बाद शेरिंग ने कहा हम जो चाहते थे और जो दे सकते थे उस लिहाज से मोदी का दौरा सफल रहा।
थिंपू, प्रेट्र। लोकतंत्र और शिक्षा दोनों का लक्ष्य होता है हमें आजाद करना। दोनों एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं और दोनों ही हमें अपना सर्वश्रेष्ठ पाने में सहायता करते हैं। भूटान के दौर के दूसरे दिन रविवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात कही। उन्होंने भारत और भूटान को प्राकृतिक सहयोगी बताते हुए दोनों देशों के संबंधों की तारीफ भी की।
मोदी ने कहा कि दोनों देश एक-दूसरे को जितना अच्छी तरह समझते हैं और एक-दूसरे से जितना कुछ साझा करते हैं, वैसा विश्व के किन्हीं दो देशों के बीच नहीं दिखता। दौरा पूरा कर रविवार देर शाम मोदी भारत पहुंच गए।
मोदी ने भूटान के प्रतिष्ठित रॉयल विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है कि भूटान और भारत के लोग एक-दूसरे से बहुत लगाव का अनुभव करते हैं। दोनों देशों के लोग न केवल अपनी भौगोलिक स्थिति के कारण करीब हैं, बल्कि इतिहास, संस्कृति और आध्यात्मिक परंपराओं ने यहां के लोगों के बीच अनोखे और गहरे बंधन बनाए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस बौद्ध बहुल देश में कहा, 'भारत भाग्यशाली भूमि है कि हमारे यहां के राजकुमार सिद्धार्थ गौतम बुद्ध बने। उनके आध्यात्मिक संदेशों और बौद्ध धर्म का प्रकाश पूरी दुनिया में फैला। भूटान में बौद्ध भिक्षुओं, आध्यात्मिक नेताओं, विद्वानों और साधकों की पीढि़यों ने उसी लौ को प्रज्वलित किया। इसी का नतीजा है कि दुनिया को देखने का हमारा नजरिया एक जैसा है। इस महान विरासत का वाहक होने का हमें गर्व है।'
प्राकृतिक सौंदर्य से प्रभावित
मोदी ने कहा कि भूटान आने वाला कोई भी व्यक्ति यहां के प्राकृतिक सौंदर्य से जितना प्रभावित होता है, उतना ही प्रभावित यहां के लोगों की गर्मजोशी, करुणा और सादगी से भी होता है।
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नई पीढ़ी के हाथ में है भूटान का भविष्य
छात्रों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, 'आज मैं भूटान के भविष्य के साथ यहां हूं। मैं इनकी गतिशीलता को देख सकता हूं और ऊर्जा को महसूस कर सकता हूं। मुझे विश्वास है कि ये इस महान देश और यहां के लोगों के भविष्य को आकार देंगे। गहरी आध्यात्मिकता और युवा शक्ति भूटान के अतीत, वर्तमान और भविष्य का स्थायी तत्व है। यही हमारे द्विपक्षीय संबंधों की शक्ति भी हैं।'
उन्होंने आगे कहा, 'आज मैं भूटान के सर्वश्रेष्ठ और प्रतिभाशाली युवाओं के समक्ष हूं। महामहिम (भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक) ने मुझे बताया कि वह आपसे नियमित बातचीत करते हैं। आप भूटान के भविष्य के नेता, नवप्रवर्तक हैं। आपमें से व्यवसायी, खिलाड़ी, कलाकार और वैज्ञानिक उभरेंगे।'
कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाना समय की जरूरत
मोदी ने भूटान के साथ कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की अपील की। उन्होंने कहा, 'भारत-भूटान के बीच पनबिजली और ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग अनुकरणीय है, लेकिन हमारे रिश्ते की असली शक्ति और ऊर्जा हमारे लोग हैं। इसीलिए, लोग पहले हैं और लोग ही हमेशा इस रिश्ते के केंद्र में रहेंगे।'
उन्होंने कहा कि सहयोग के पारंपरिक क्षेत्रों से परे जाकर दोनों देश स्कूल से अंतरिक्ष तक और डिजिटल भुगतान से आपदा प्रबंधन तक नए मोर्चो पर बड़े पैमाने पर सहयोग करना चाहते हैं। मोदी ने कहा कि भूटान में हर मोर्चे पर आगे बढ़ने की क्षमता है और 1.3 अरब भारतीय मित्र इस विकास यात्रा में केवल दर्शक या उत्साहवर्धक नहीं बल्कि साझेदार बनकर साथ देंगे।
'प्रसन्नता' है भूटान का संदेश
मोदी ने कहा कि भूटान ने प्रसन्नता के सार को समझ लिया है। इस हिमालयी देश ने 'ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस' की अपनी अवधारणा के चलते दुनिया में पहचान बनाई है। यहां विकास का पैमाना आंकड़े नहीं, बल्कि प्रसन्नता है। प्रधानमंत्री ने कहा, 'भूटान ने सद्भाव, एकजुटता और करुणा की भावना को समझा है। यह भावना मुझे उन बच्चों में दिखाई दी जो मेरा स्वागत करने के लिए सड़कों पर कतारबद्ध थे। उनकी मुस्कान मुझे हमेशा याद रहेगी।'
मजबूत हुए दिल के रिश्ते
भूटान के प्रधानमंत्री लोते शेरिंग ने मोदी के दौरे को सफल बताया। मोदी के भारत रवाना होने के बाद शेरिंग ने कहा, 'हम जो चाहते थे और जो दे सकते थे, विशेषतौर पर दिल के रिश्तों के मामले में, उस लिहाज से प्रधानमंत्री मोदी का दौरा सफल रहा। यद्यपि हमारी तरफ से यह आधिकारिक दौरा था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी की तरफ से यह बहुत आध्यात्मिक और दोस्ती भरा दौरा रहा।' शेरिंग ने दौरे को सफल बनाने के लिए सभी स्थानीय अधिकारियों का भी आभार जताया।