'बड़ा दिल...', पीएम मोदी के दौरे से पहले चीन छोड़ भारत के गुण क्यों गाने लगा मालदीव? ये है वो वजह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू उनकी मेजबानी करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे और मुइज्जू के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे जिसमें हिंद महासागर क्षेत्र में देश की चिंताओं पर बात होगी। मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री ने भारत की उदारता और आपातकाल में मदद के लिए सराहना की।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मालदीव का दौरा करने वाले हैं। वह मालदीव के 60वें स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शिरकत करेंगे। पीएम मोदी के पहुंचने से पहले ही उनके दौरे की चर्चा वहां शुरू हो चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ये दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि एक साल पहले मालदीव के तीन मंत्रियों ने उनके बारे में कुछ ऐसी टिप्पणियां कर दी थीं, जिसके बाद भारी बवाल मचा और कूटनीतिक दूरियां भी आ गईं। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने चीन को प्यार दिखाया तो और कड़वाहट बढ़ गई। अब दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार होता दिख रहा है।
राष्ट्रपति मुइज्जू करेंगे पीएम मोदी की मेजबानी
पीएम मोदी 25 और 26 जुलाई को माले में रहेंगे। राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की ओर से मेजबानी करने वाले वह पहले विदेशी राष्ट्राध्यक्ष होंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिसका फंड भारत ने दिया है। वह मालदीव का स्वतंत्रता दिवस भी मनाएंगे और मुइज्जू के साथ द्विपक्षीय बातचीत भी करेंगे, जिसमें निश्चित रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में देश की चिंताओं के बारे में मुइज्जू को अवगत कराएंगे। इससे पहले भारत सरकार की ओर से 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के राजकोषीय बिल को एक साल के लिए बढ़ा दिया है।
मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री ने की भारत की तारीफ
मालदीव के पूर्व विदेश मंत्री अब्दुल्ला शाहिद ने दोनों देशों के बीच अतीत के संबंधों और आपातकाल के समय साथ देने के लिए भारत की सराहना की। उन्होंने कहा, "मालदीव और भारत के संबंधों ने हमेशा यही दर्शाया है कि भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देता है। जब भी हम अंतर्राष्ट्रीय लाइन पर बात करते हैं तो भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देता है।"
उन्होंने आगे कहा, "इसके कई कारण हैं। सबसे पहला और महत्वपूर्ण कारण यही है कि भारतीयों का दिल बहुत बड़ा है... वे बहुत उदार हैं। दूसरा, भौगोलिक दृष्टि से भारत मालदीव के बहुत करीब है। जब भी मालदीव में कोई जरूरी और संकटपूर्ण घटना घटती है तो भारत ने हमें कभी निराश नहीं किया है।"
उन्होंने कहा, "राजनयिक तनाव के बावजूद भारत ने निर्णय लिया है कि उसके रिश्ते (मालदीव के साथ) लोगों के बीच के हैं... सरकारें आती-जाती रहती हैं और राजनीतिक दल बदलते रहते हैं, लेकिन हमारे दोनों देशों के लोगों के बीच संबंध मजबूत आधार पर हैं और उनमें कभी कोई बदलाव नहीं आया है।"
पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने इस तरह की तारीफ
इसी तरह पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भी तारीफ की। उन्होंने अपने देश की हालिया आर्थिक चिंताओं की ओर इशारा करते हुए कहा, "अगर भारत न होता तो हम डिफॉल्ट की स्थिति में पहुंच जाते।" उन्होंने आगे कहा, "हमने हमेशा इंडिया फर्स्ट विदेश नीति को अपनाए रखा है, लेकिन अतीत में चुनाव चक्रों ने हमें चीन समर्थित रुख और भारत समर्थक रुख के बीच झूलने पर मजबूर किया।"
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