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    डीपफेक और आतंकवाद में AI के इस्तेमाल पर PM मोदी ने जताई चिंता, G-20 सम्मेलन में दुनिया के सामने रखी बात

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 11:30 PM (IST)

    प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के गलत इस्तेमाल को रोकने के लिए वैश्विक समझौते की बात कही। उन्होंने डीपफेक और आतंकवाद में AI के इस्तेमाल पर चिंता जताई। मोदी ने कहा कि तकनीक मानव केंद्रित होनी चाहिए और AI के दुरुपयोग पर रोक लगानी चाहिए। भारत फरवरी 2026 में AI इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

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    डीपफेक और आतंकवाद में AI के इस्तेमाल पर PM मोदी ने जताई चिंता (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का गलत इस्तेमाल रोकने के लिए एक वैश्विक समझौते की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि महत्वपूर्ण तकनीकों को वित्त केंद्रित नहीं, बल्कि मानव केंद्रित होना चाहिए।

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    जी-20 शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र को संबोधित करते हुए मोदी ने यह भी कहा कि डीपफेक और आतंकवाद में एआइ के इस्तेमाल पर रोक जरूरी है। उन्होंने कहा-तकनीक की उपयोगिता राष्ट्रीय के बजाय वैश्विक होनी चाहिए। इसे ओपन सोर्स के आधार पर विकसित किया जाना चाहिए, न कि विशेष माडल के आधार पर।

    पीएम मोदी का आतंकवाद पर प्रहार

    इसी दृष्टिकोण के आधार पर भारत का तकनीकी इकोसिस्टम बनाया गया है। इसके परिणामस्वरूप महत्वपूर्ण लाभ हुए हैं, चाहे वह अंतरिक्ष क्षेत्र हो, एआई हो या डिजिटल भुगतान, जहां हम विश्व में अग्रणी हैं।इससे एक दिन पहले शिखर सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम ने ड्रग्स तस्करी और आतंकवाद के बीच गठजोड़ को दुनिया के लिए खतरा बताया था और इसके खिलाफ एक नया वैश्विक अभियान शुरू करने का प्रस्ताव रखा था।

    प्रधानमंत्री ने कहा था कि मादक पदार्थों की तस्करी सिर्फ सार्वजनिक स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि सामाजिक स्थिरता और वैश्विक सुरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती बन गई है। शिखर सम्मेलन के तीसरे सत्र में पीएम ने कहा-हम सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि एआई का उपयोग वैश्विक हित में हो और इसका दुरुपयोग रोका जाए।

    ऐसा करने के लिए हमें एक वैश्विक संधि बनानी होगी। इसमें प्रभावी मानवीय निगरानी, डिजाइन के जरिये सुरक्षा और पारदर्शिता को शामिल किया जाना चाहिए। इसके साथ ही डीपफेक, अपराध और आतंकी गतिविधियों में एआइ के दुरुपयोग पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।

    एआई के इस युग में हमें अपना दृष्टिकोण बदलना होगा

    पीएम मोदी ने कहा कि एआई के इस युग में हमें अपने दृष्टिकोण को तेजी से बदलना होगा। हमें 'आज की नौकरियों' से 'कल की क्षमताओं' की ओर बढ़ना होगा। तेज नवाचार के लिए प्रतिभा को बढ़ावा देना जरूरी है। हमने दिल्ली जी-20 सम्मेलन में इस विषय पर प्रगति की थी। हमें उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में जी-20 प्रतिभा में गतिशीलता के लिए एक वैश्विक ढांचा विकसित करेगा।

    फरवरी में AI पर समिट की मेजबानी करेगा भारत

    पीएम ने कहा कि भारत-एआई मिशन के तहत सभी लोगों तक एआइ का लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से हाई-परफार्मेंस कंप्यू¨टग क्षमता का विकास किया जा रहा है। भारत फरवरी 2026 में 'सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय' विषय पर एआइ इंपैक्ट शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा।

    उन्होंने सभी जी-20 देशों को इस मुहिम में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री ने वैश्विक कल्याण के लिए भारत की प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हुए कहा कि हम सतत विकास, विश्वसनीय व्यापार और सभी की समृद्धि के लिए प्रगति के पक्ष में हैं।

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