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जानें- कैसा दिखता है किम जोंग उन का बसाया बर्फ की चादर से ढका Samjiyon शहर

किम जोंग उन ने देश की पवित्र चोटी के नजदीक हजारों एकड़ में एक नया शहर बसाया है। उन्‍होंने बर्फ की सफेद चादर से ढके इस शहर का उद्घाटन किया।

By Kamal VermaEdited By: Published: Wed, 04 Dec 2019 05:24 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 12:13 AM (IST)
जानें- कैसा दिखता है किम जोंग उन का बसाया बर्फ की चादर से ढका Samjiyon शहर
जानें- कैसा दिखता है किम जोंग उन का बसाया बर्फ की चादर से ढका Samjiyon शहर

प्‍योंगयांग (एजेंसी)। उत्‍तर कोरिया के प्रमुख और तानाशाह किम जोंग उन ने ऊंची पहाडि़यों के बीच एक नया शहर बसाया है। बताया जा रहा है इस जगह से उनके परिवार की जड़ें जुड़ी हुई हैं और किम के पिता किम जोंग इल का जन्‍म 1941 में यहां पर ही हुआ था। उत्‍तर कोरिया की मीडिया ने इसको 'epitome of modern civilization' आधुनिक सभ्यता का प्रतीक का नाम दिया है। इस शहर के उद्घाटन के मौके पर यहां पर जबरदस्‍त आतिशबाजी और रंगारंग कार्यक्रम हुए। इस अवसर पर किम ने लाल रंग का रीबन काट इसे जनता को समर्पित कर दिया। 

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आपको बता दें कि यह शहर माउंट पाएक्‍टू के नजदीक बनाया गया है जिसे इस देश की सबसे पवित्र चोटी कहा जाता है। किम की पार्टी के मुखपत्र रोडॉन्‍ग सिनमुन के किम की रीबन काटते फोटो छापी है। इस मौके पर हजारों की तादाद में लोग मौजूद थे। इसका प्रसारण टीवी पर भी किया गया था। इस मौके पर बर्फ से ढकी इमारतों को कई रंगों से सजाया गया था। 

किम ने इस शहर को सामजियोन का नाम दिया है। यहां पर बनाई गइ्र इमारतों में होटल, अपार्टमेंट, स्‍की रिसॉर्ट्स,  कमर्शियल और कल्‍चरल एक्टिविटी के लिए जगह और अस्‍पताल शामिल हैं। उत्‍तर कोरिया की समाचार एजेंसी ने कहा है कि यह शहर मौजूदा दौर में मॉर्डन सिटी का यह सबसे अच्‍छा उदाहरण है। यहां पर चार हजार परिवार रह सकते हैं। हजारों एकड़ में बनाए गए इस शहर में पब्लिक और इंडस्‍ट्रीयल बिल्डिंग भी मौजूद हैं। 

गौरतलब है कि कुछ समय पहले किम की एक तस्‍वीर काफी वायरल हुई थी। इसमें वह एक सफेद घोड़े पर बैठे हुए थे। कोरियाई मीडिया ने उस वक्‍त कहा था कि वो पवित्र चोटी की तरफ जा रहे थे जब ये फोटो खींची गई थी। कहा यहां तक गया था कि किम किसी भी बड़ी चीज की शुरुआत करने से पहले यहां पर जरूर आते हैं। लेकिन उस वक्‍त इसके मायने उनके न्‍यूक्लियर प्रोग्राम से लगाए गए थे। 

इस शहर को लेकर कहा जा रहा है कि यह देश की अर्थव्‍यवस्‍था को मजबूती देने में कारगर साबित होगा और देश को अपने पांव पर खड़ा कर सकेगा। आपको बता दें कि अमेरिका ने उत्‍तर कोरिया पर कई तरह के प्रतिबंध लगा रखे हैं। अमेरिका से हुई वार्ताओं पर किम ने बार-बार राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप से इन प्रतिबंधों को खत्‍म करने की अपील की है। इन्‍हीं प्रतिबंधों का असर इस शहर पर भी हुआ है। दरअसल, इस शहर का काम कुछ देर से खत्‍म हुआ। इसकी वजह थी कि पाबंदियों के चलते यहां पर इमारतों का कंंस्‍ट्रक्‍शन तय समय पर पूरा नहीं हो सका था।

किम जहां इसको आधुनिक शहर बता रहे हैं वहीं मानवाधिकार से जुड़े लोग इस शहर को बंधुआ मजदूर का गढ़ बता हैं। इनका कहना है कि सरकार यहां के युवाओं को मजदूरों की सेना के तौर पर इस्‍तेमाल कर रही है। उत्‍तर कोरिया में मजदूरों को जबरदस्‍ती 12 घंटे तक काम करवाया जाता है। उनको तनख्‍वाह तक नहीं दी जाती है। खाना और पीने का पानी भी मुश्किल से मजदूरों को मिल पाता है।  


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