फिलीपींस की पीठ में भी चीन ने घोंपा खंजर, ड्रैगन से दोस्ती करना चाहते थे राष्ट्रपति दुतैर्ते
फिलीपींस में चीन जहाजों की मौजूदगी से अंतरराष्ट्रीय जगत में हलचल मची है। फिलीपींस को भी लगता है कि इस तरह से चीन उसके जल क्षेत्र को हड़पना चाहता है। इसलिए उसने जहाजों को वहां पर तैनात किया है।

नई दिल्ली (ऑनलाइन डेस्क)। फिलीपींस का चीन से दोस्ती करने का ख्वाब अब टूट सकता है। ऐसा असल में पिछले दिनों फिलीपींस के जलक्षेत्र में चीन के 200 जहाजों के घुसे जाने से हो सकता है। आगे बढ़ने से आपको बता दें कि पिछले वर्ष ही फिलीपींस के राष्ट्रपति रोड्रिगो दुतैर्ते ने अमेरिका से नाता तोड़कर चीन की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। लेकिन अब हालात पहले से काफी अलग हो चुके हैं। दरअसल, पिछले दिनों चीन के जहाज फिलीपींस के जल क्षेत्र का अतिक्रमण करने की कोशिश में दक्षिण चीन सागर में स्थित उसकी ईईजेड सीमा में आ पहुंचे थे।
फिलीपींस के लिए चीन से दोस्ती गढ़ने की मंशा पर ये एक जबरदस्त हमला था। चीन का दूसरे की सीमाओं में घुसने का ये पहला मामला नहीं है। यूं भी दक्षिण चीन सागर को वो अपना इलाका बताता आया है। यहां के कई द्वीपों पर उसका अवैध कब्जा है और इन पर चीन ने अपनी नौसेना के लिए बेस बनाया हुआ है। व्हिटसन रीफ जो की दक्षिण चीन सागर में है में पिछले दिनों चीन के 200 से अधिक जहाज दिखाई दिए थे। इसको जूलियन फेलिप रीफ के नाम से भी जाना जाता है। यह इलाका दक्षिण चीन सागर के स्प्रैटली द्वीप समूह में पड़ता है। यहां पर 200-नॉटिकल मील पर फिलीपींस का एक्सक्लूसिव इकनॉमिक जोन (ईईजेड) भी है।
इस घटना के बाद जब फिलीपींस ने इस घटना पर चीन के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की तो चीन ने जो जवाब दिया उसने फिलीपींस के सारे ख्वाब तोड़ दिए हैं। दरअसल, इस घटना के बाद फिलीपींस के रक्षा मंत्री डेलफिन लोरेंजाना ने चीन के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की थी। उनका कहना था कि चीन को अपने जहाजों को उसके क्षेत्र से वापस तुरंत बुला लेना चाहिए। फिलीपींस ने चीन के जहाजों की उसके जल क्षेत्र में मौजूदगी को फिलीपींस की संप्रभुता पर हमला बताया था।
वहीं चीन ने इस नाराजगी के जवाब में कहा कि दक्षिण चीन सागर में चीन के मछुआरों द्वारा मछली पकड़ने के लिए जाना कोई नई बात नहीं है। वह लंबे समय से ऐसा करते आए हैं। चीन ने ये भी कहा कुछ देशों द्वारा कानून बना लेने से इन पर अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। आपको बता दें कि चीन ने 1982 के यूनाइटेड नेशंस कंवेशन ऑन लॉ आफ द सी पर हस्ताक्षर किए हुए हैं नाइन-डैश लाइन पर वरीयता नहीं देता है।
अमेरिका ने भी चीन के इस क्षेत्र में होने पर आपत्ति जताई थी। इतना ही नहीं अमेरिका ने कहा कि यदि चीन के प्रति फिलीपींस को सैन्य मदद की भी जरूरत होगी तो अमेरिका इसके लिए भी तैयार है। वियतनाम ने भी चीन के जहाजों द्वारा इस तरह से दूसरे के जलक्षेत्र में घुसने पर नाराजगी जताई और कहा कि चीन क्षेत्रिय शांति बनाए रखने के लिनए दक्षिण चीन सागर में अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करना चाहिए। फिलीपींस ने चीन के जहाजों को जवाब देने के मकसद से इस क्षेत्र में अपनी नौसना के जहाजों को तैनात किया है। फिलीपींस को डर है कि चीन की मंशा इस द्वीप पर कब्जा करने की है।
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