इमरजेंसी में प्लेन से अलग हो जाएगा पैसेंजर केबिन, यूक्रेनी इंजीनियर का डिजाइन फिर से वायरल; बच सकेगी हजारों लोगों की जान
Aircraft Emergency Design यूक्रेन के एयरोस्पेस इंजीनियर तातारेंको व्लादिमीर निकोलायेविच ने एक ऐसा विमान डिजाइन किया है जिसमें आपात स्थिति में यात्री केबिन को अलग किया जा सकता है जिससे यात्रियों की जान बचाई जा सके। तीन साल की मेहनत से बने इस डिजाइन में केबिन में पैराशूट और पानी में तैरने के लिए ट्यूब लगे हैं।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। 12 जून को अहमदाबाद में हुए प्लेन क्रैश में 250 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। टेक ऑफ से पहले विमान में 1.25 लाख लीटर फ्यूल भरा गया था, जिसमें क्रैश के वक्त विस्फोट हो गया और सब कुछ जलकर राख हो गया। वैसे तो हवाई यात्रा को सबसे सुरक्षित साधन माना जाता है, लेकिन आए दिन इसकी सेफ्टी को लेकर सवाल उठते रहते हैं।
अब यूक्रेन के एक एयरोस्पेस इंजीनियर तातारेंको व्लादिमीर निकोलायेविच ने प्लेन का एक ऐसा डिजाइन तैयार किया है, जिसमें इमरजेंसी की स्थिति में पैसेंजर केबिन को विमान से अलग किया जा सकेगा और लोगों की जान बच जाएगी।
3 साल की मेहनत से बनाया डिजाइन
तातारेंको ने इस डिजाइन को 3 साल से अधिक मेहनत के बाद तैयार किया था। इसे 2016 में लोगों के सामने पेश किया गया। उन्होंने एक कॉन्सेप्ट एयरक्राफ्ट तैयार किया है, जिसमें पैसेंजर केबिन डिटैचेबल है। इसके मुताबिक, टेक ऑफ, उड़ान के दौरान या लैंडिंग के वक्त प्लेन में अगर कोई इमरजेंसी हो जाए, तो पैसेंजर केबिन अलग हो जाएगा।
इस पैसेंजर केबिन में एक पैराशूट लगा होगा, तो अपने आप खुल जाएगा और पैसेंजर केबिन धीरे-धीरे नीच उतरने लगेगा। अगर ये केबिन पानी में गिरा, तो इसमें लगे इन्फ्लेटेबर ट्यूब इसे तैरते रहने में मदद करेंगे। पैसेंजर के सामान के लिए भी प्लेन में विशेष व्यवस्था की जाएगी।
बेहद हल्का, लेकिन मजबूत होगा केबिन
- यूक्रेनी आविष्कारक और एयरोस्पेस इंजीनियर तातारेंको व्लादिमीर निकोलाविच का तर्क है कि ह्यूमन एरर को कंट्रोल नहीं कर सकते, लेकिन इसके लिए तैयारी तो की जा सकती है। ये केबिन केवलर और कार्बन फाइबर से बनेगा, जो हल्का तो होगा ही, लेकिन काफी मजबूत भी होगा।
- अब इस डिजाइन ने एक नई बहस छेड़ दी है कि विमानों में ऐसी व्यवस्था की जानी चाहिए या नहीं। डिजाइन के आलोचकों का मानना है कि अलग हुए केबिन को कंट्रोल करने की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए यह पहाड़ों, आबादी या जंगलों में भी गिर सकता है। कुछ लोग पायलट की चिंता नहीं करने पर भी सवाल उठा रहे हैं।
डिजाइन को फिट करना पड़ेगा महंगा
हालांकि कई समर्थक इसे बेहतरीन डिजाइन बता रहे हैं और इसके लिए अधिक मूल्य के टिकट खरीदने के लिए भी राजी हैं। यह डिजाइन कितना प्रैक्टिकल होगा, यह भविष्य में पता चल पाएगा। एयरक्राफ्ट का निर्माण पहले से ही महंगा है। ऐसे में अगर इसमें इस सिस्टम को इंटीग्रेट किया गया, तो कीमत और बढ़ सकती है।
तातारेंको ने अपने डिजाइन का रियल प्रोटोटाइप बनाने के लिए इंवेस्टर की तलाश शुरू कर दी है। लेकिन एयरबस या बोइंग जैसी किसी बड़ी कंपनी के इसमें शामिल होने की संभावना कम ही है। तातारेंको का कहना है कि वह पायलट के लिए भी कुछ सॉल्यूशन सोच रहे हैं।
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