PM Modi: "मोदी के हाथ में है करिश्मा..." जब ऑस्ट्रेलिया में पाकिस्तान के मुसलमानों ने की PM मोदी की तारीफ
मेलबर्न में आयोजित एक कार्यक्रम में मुसलमानों और ईसाइयों सहित कई धार्मिक समुदायों के लोगों ने पीएम मोदी की तारीफ की। कुछ लोगों ने कहा कि मोदी है तो मुमकिन है तो कुछ ने ये भी कहा की पीएम मोदी के हाथ में करिश्मा है।

मेलबर्न, एजेंसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरी दुनिया में सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक हैं। पाकिस्तान में भी आज के समय में लोग पीएम मोदी को काफी पसंद कर रहे हैं। रविवार को ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में आयोजित एक कार्यक्रम में मुसलमानों और ईसाइयों सहित विभिन्न धार्मिक समुदायों के सदस्यों ने पीएम मोदी की खूब तारीफ की है।
मेलबर्न के बंजिल पैलेस में भारतीय अल्पसंख्यक फाउंडेशन (आईएमएफ), एनआईडी फाउंडेशन (दिल्ली) और नामधारी सिख सोसाइटी की ओर से ये कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें दुनिया के कई धार्मिक नेता, बुद्धिजीवी, विद्वान, प्रचारक और शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया।
पाकिस्तान से अहमदिया मुस्लिम के साथ-साथ कई समुदाय के लोग जुड़े। दिलचस्प बात ये रही कि इन सभी लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी का नाम लेकर उनकी तारीफ की।
"मोदी है तो मुमकिन है..."
अहमदिया मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि मोदी जी सभी समुदाय का सम्मान करते हैं, जो कि हमें बेहद पसंद है। उनमें सबको साथ लेकर चलने की कुव्वत है। इसलिए हम उनकी प्रशंसा करते हैं। वहीं लाहौर से ताल्लुक रखने वाले अहमदिया मुस्लिम समुदाय के एक सदस्य डॉ. तारिक बट ने कहा, "मैं अपनी तरफ से व्यक्तिगत रूप से कहना चाहता हूं कि मेरे बहुत सारे भारतीय दोस्त हैं और मैंने उन्हें अब एकजुट होकर कई गतिविधियां करते देखा है। मैं उनकी गतिविधियों का भी हिस्सा रहा हूं।"
उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अब भारतीय मुसलमानों और पाकिस्तानी मुसलमानों के बीच पूरी तरह से अधिक पहुंच है। हम मतभेदों की तुलना में अधिक समानताएं लाना चाहते हैं। मोदी है तो मुमकिन है...
"मोदी के हाथ में है सबको लेकर चलने का करिश्मा"
यहां मौजूद कुछ लोगों ने ये भी कहा कि पीएम मोदी समुदायों में सद्भाव और शांति को बढ़ावा देने के लिए अन्य समुदायों के साथ जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करके सही काम कर रहे हैं। कुछ अन्य लोगों ने इस कार्यक्रम को हिंदू और मुस्लिम समुदायों को एक साथ जोड़ने के लिए एक प्लेटफॉर्म भी बताया। उन्होंने कहा, "पीएम मोदी के पास वह करिश्मा है जहां लोग उनके धार्मिक झुकाव की परवाह किए बिना उनका अनुसरण कर रहे हैं, दैट्स गुड!"
वहीं दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय के एक प्रतिनिधि ताहर शाकिर जो कि कराची से आए थे, उन्होंने कहा, "हमने हाल ही में एक कार्यक्रम किया था जहां हमारा एक नया चैप्टर था, इसमें मुंबई के मरोल में अलजामिया-तुस-सैफियाह और मोदीजी खुद आए थे। उस दौरान उन्होंने कहा था, "प्लीज मुझे इतना आदर देकर मत बुलाओ... मैं तुम्हारे घर का ही हिस्सा हूं।" मुझे उनकी ये बात बहुत अच्छी लगी थी।
सद्भावना कार्यक्रम के बारे में भी जानिए
दरअसल सद्भावना कार्यक्रम एनआईडी फाउंडेशन की तरफ से शुरू की गई पहल है। ये पीएम मोदी के 'वसुधैव कुटुम्बकम' के दृष्टिकोण को देखते हुए पूरी दुनिया को 'एक परिवार' के रूप में दुनिया के हर कोने में ले जाती है। कार्यक्रम में एनआईडी फाउंडेशन के मुख्य संरक्षक सतनाम सिंह संधू, ऑस्ट्रेलिया में भारत के उच्चायुक्त राजदूत मनप्रीत वोहरा, ऑस्ट्रेलिया के एंग्लिकन चर्च के बिशप फिलिप जेम्स हगिंस सहित कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया।
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