'NAM के मंच का भारत के विरुद्ध इस्तेमाल कर रहा पाकिस्तान', देश के आंतरिक मामले में हस्तक्षेप अस्वीकार्य
जी-77 और नाम दोनों की अध्यक्षता कर रहे यूगांडा का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा भारत की अध्यक्षता के दौरान जी-20 में अफ्रीकी यूनियन के शामिल होने के ठीक बाद एक अफ्रीकी देश द्वारा दो महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठनों की अगुआई करना महाद्वीप की सामूहिक ताकत को प्रतिबंबित करता है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से अफ्रीका का समय है।

पीटीआई, कंपाला। विदेश राज्यमंत्री राजकुमार रंजन सिंह ने गुटनिरपेक्ष आंदोलन (नाम) के सदस्य देशों से कहा है कि पाकिस्तान, भारत के विरुद्ध झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए इस मंच का खुलेआम दुरुपयोग कर रहा है। यूगांडा की राजधानी में 'नाम' की 19वीं मंत्री स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए सिंह ने यह टिप्पणी की। यूगांडा ने 2024-27 की अवधि के लिए 'नाम' की अध्यक्षता संभाली है।
विदेश राज्यमंत्री ने कहा, 'हमारा ध्यान नाम को सामूहिक रूप से मजबूत करने के लिए एक साथ आने पर है, लेकिन हमने पाकिस्तान द्वारा इस प्रतिष्ठित मंच के दुर्भाग्यपूर्ण, गलत एवं जबर्दस्त दुरुपयोग को देखा है क्योंकि वह मेरे देश के विरुद्ध गलत और दुर्भावनापूर्ण प्रचार करता है।' उन्होंने कड़े शब्दों में कहा, 'भारत के आंतरिक मामले में किसी भी तरह का हस्तक्षेप पूरी तरह अस्वीकार्य है और हम उसे पूरी तरह खारिज करते हैं।'
जी-77 और 'नाम' दोनों की अध्यक्षता कर रहे यूगांडा का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा भारत की अध्यक्षता के दौरान जी-20 में अफ्रीकी यूनियन के शामिल होने के ठीक बाद एक अफ्रीकी देश द्वारा दो महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संगठनों की अगुआई करना महाद्वीप की सामूहिक ताकत को प्रतिबंबित करता है। उन्होंने कहा कि यह स्पष्ट रूप से अफ्रीका का समय है। उन्होंने कहा कि एक संस्थापक सदस्य के रूप में भारत का 'नाम' में निवेश है और उम्मीद करता है कि यह युवाओं की आशाओं व आकांक्षाओं की आवाज बनेगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणी कि दुनिया एक दूसरे से जुड़ी हुई है एवं एक दूसरे पर निर्भर है और हम बहुपक्षवाद के युग में रह रहे हैं, का जिक्र करते हुए सिंह ने कहा कि 'नाम' ग्लोबल साउथ के लिए समर्थन जुटाने वाले दुनिया के सबसे बड़े बहुपक्षीय मंचों में से एक है।इस दौरान उन्होंने गाजा पट्टी में मानवीय संकट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए सीधी एवं सार्थक वार्ता की जल्द से जल्द बहाली की जरूरत को दोहराया।
विदेश राज्यमंत्री ने कहा कि हर प्रयास इन वार्ताओं की बहाली के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए होना चाहिए। साथ ही कहा कि भारत ने इजरायल पर सात अक्टूबर के आतंकी हमलों की निंदा की है और बाकी बंधकों की तत्काल एवं बिना शर्त रिहाई का आह्वान किया है।

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