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    बांग्लादेश में पाकिस्तान ने स्थापित किए कई आतंकी शिविर, कट्टरपंथी युवाओं को प्रशिक्षित कर रही पाक खुफिया एजेंसी

    Updated: Fri, 24 Oct 2025 05:47 AM (IST)

    आज, बांग्लादेश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने कई आतंकी शिविर स्थापित कर दिए हैं जहां बड़ी संख्या में कट्टरपंथी युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। हालांकि, बांग्लादेश में अधिकांश आतंकी संगठन आइएसआइ के इशारे पर चलते हैं, मगर एक संगठन ऐसा भी है जो पाकिस्तान के लिए समस्या पैदा कर रहा है।

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    बांग्लादेश में टीटीपी जैसी नई समस्या पैदा कर रहा पाक का दोहरा रवैया (सांकेतिक तस्वीर)

    आइएएनएस,नई दिल्लीजमात-ए-इस्लामी समर्थित मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाला बांग्लादेश आज कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के दबदबे के कारण बुरी स्थिति में है। यूनुस के सत्ता में आने के बाद पूरी विदेश नीति पाकिस्तान की ओर मुड़ गई और यह भारत के लिए चिंता का विषय रहा है।

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    बांग्लादेश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने कई आतंकी शिविर स्थापित किए

    आज, बांग्लादेश में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने कई आतंकी शिविर स्थापित कर दिए हैं जहां बड़ी संख्या में कट्टरपंथी युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है। हालांकि, बांग्लादेश में अधिकांश आतंकी संगठन आइएसआइ के इशारे पर चलते हैं, मगर एक संगठन ऐसा भी है जो पाकिस्तान के लिए समस्या पैदा कर रहा है।

    फलस्तीन एवं तालिबान पर पाकिस्तान का दोहरा रवैया

    हिज्ब-उत-तहरीर (एचयूटी) एक ऐसा कट्टरपंथी इस्लामी संगठन है जिसको पाकिस्तान से समस्या है क्योंकि इस्लामाबाद का इजरायल के प्रति रुख और तालिबान के खिलाफ उसकी लड़ाई एचयूटी को रास नहीं आई है। फलस्तीन और तालिबान पर पाकिस्तान के दोहरे रवैये से बांग्लादेश में तहरीक-ए-तालिबान, पाकिस्तान (टीटीपी) जैसी नई समस्या पैदा हो रही है।

    खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों का कहना है कि एचयूटी, आइएसआइ द्वारा बांग्लादेश में संचालित किसी भी गतिविधि का हिस्सा नहीं रहा है। यह स्वतंत्र रहा है और केवल बांग्लादेश में खिलाफत की स्थापना पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। यूनुस सरकार के साथ एचयूटी के संबंध कभी तल्ख तो कभी मधुर रहे हैं।

    बांग्लादेश में दबदबा बनाने की पाक की कोशिश

    बांग्लादेश में दबदबा बनाने की पाक की कोशिश से एचयूटी बेहद नाराज शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने और यूनुस के सत्ता में आने के बाद एचयूटी की गतिविधियां ज्यादा सामने आने लगीं। इसने एक सेमिनार भी आयोजित किया जिसमें चर्चा बांग्लादेश में भारत के प्रभुत्व पर केंद्रित थी। इसने खिलाफत की स्थापना की आवश्यकता पर भी बात की।

    हालांकि, यूनुस के नेतृत्व में पाकिस्तान जिस तरह से बांग्लादेश पर अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहा है, उससे एचयूटी खुश नहीं है। उसे लगता है कि पाकिस्तान एक पश्चिम प्रायोजित ताकत है और वह एचयूटी के मकसद को लेकर पूरी तरह से गंभीर नहीं है।

    पाकिस्तान काफी हद तक अमेरिका के नक्शेकदम पर चल रहा है

    बहरहाल, हमास के हमले के बाद इजरायल की जवाबी कार्रवाई के उपरांत एचयूटी के लिए बहुत कुछ बदलने लगा। हाल के दिनों में पाकिस्तान काफी हद तक अमेरिका के नक्शेकदम पर चल रहा है। एचयूटी का फोकस पाकिस्तान के इसी दोहरे रवैये पर केंद्रित रहा है।

     हिज्ब-उत-तहरीर ने साल 2000 में पहली बार बांग्लादेश में प्रवेश किया

    हिज्ब-उत-तहरीर ने साल 2000 में पहली बार बांग्लादेश में प्रवेश किया एक ओर, आइएसआइ ने हमास के कई गुर्गों को हिज्बुल मुजाहिदीन, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के साथ मंच साझा करने में मदद की।

    दूसरी ओर, जब इजरायल ने हमास पर अपने हमले तेज कर दिए तो पाकिस्तान ने अमेरिका की राह पर चलना शुरू कर दिया। इजरायल के मामले में पाकिस्तान के रुख पर एचयूटी का कड़ा विरोध होना स्वाभाविक था।

    एचयूटी एक कट्टर इस्लामी संगठन

    एचयूटी एक कट्टर इस्लामी संगठन है जिसकी स्थापना 1953 में यरुशलम में इस्लामी खिलाफत की स्थापना के एकमात्र उद्देश्य से की गई थी। वर्ष 2000 में एचयूटी ने पहली बार बांग्लादेश में प्रवेश किया। अपने उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए वह हमेशा से ही इस क्षेत्र का हिस्सा बनना चाहता था।

    तालिबान पर पाकिस्तानी वायुसेना के हमले की एचयूटी ने निंदा की

    इजरायल-फलस्तीन मुद्दे के अलावा एचयूटी ने अफगान तालिबान के मामले में भी पाकिस्तान के रुख पर नाराजगी जताई है। तालिबान और पाकिस्तान के बीच तनाव अपने चरम पर है। हालांकि लड़ाई भले ही रुक गई हो, लेकिन यह संघर्ष विराम बेहद नाजुक है। जब पाकिस्तान ने अपनी वायुसेना के जरिये तालिबान पर हमला किया, तो एचयूटी ने कड़ी चेतावनी जारी की और उसकी निंदा भी की।

    एचयूटी ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान की यह कार्रवाई दुस्साहसिक है और यह पाकिस्तानी नेतृत्व की अमेरिका के साथ अस्थायी नजदीकी का नतीजा है। शेख हसीना सरकार के गिरने पर एचयूटी ने भले ही खुशी मनाई हो, लेकिन उसे जल्द ही यह एहसास हो गया कि यूनुस तो बस इस्लामाबाद की एक कठपुतली है।

    पाक की शह पर यूनुस सरकार कर रही है एचयूटी पर कार्रवाई

    पाकिस्तान की शह पर यूनुस सरकार एचयूटी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। अंतरिम सरकार ने पाकिस्तान की शह पर एचयूटी के एक शीर्ष नेता इम्तियाज सलीम को गिरफ्तार कर लिया है।

    विश्लेषकों का कहना है कि आगे चलकर एचयूटी बांग्लादेश और पाकिस्तान दोनों जगहों पर सत्ता प्रतिष्ठान के लिए एक बड़ी समस्या पैदा कर सकता है। अधिकारियों का यह भी कहना है कि बांग्लादेश में एचयूटी स्पष्ट रूप से आइएसआइ के लिए अगला तहरीक-ए-तालिबान, पाकिस्तान (टीटीपी) बन सकता है।