UNHRC में मानवाधिकारों पर पाकिस्तान के दावों की हवा निकालेगा भारतीय दल
जेनेवा में चल रहे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42 वां सत्र के ठीक सामने एक तम्बू लगाया गया है जिसमें बलूच नरसंहार पर विशेष डाक्यूमेंट्री प्रदर ...और पढ़ें

जिनेवा, एएनआइ। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42वें सत्र में कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन के पाकिस्तानी दावों की हवा निकालने के लिए उच्चस्तरीय भारतीय प्रतिनिधिमंडल जिनेवा में है। यह प्रतिनिधिमंडल विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों और समूहों के साथ बातचीत करके उन्हें पाकिस्तानी दुष्प्रचार से अवगत करा रहा है।पाकिस्तान में भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। पाकिस्तान ने राजनयिक संबंधों को डाउनग्रेड करते हुए उन्हें वापस भेज दिया था। प्रतिनिधिमंडल में सचिव पूर्व विजय ठाकुर भी शामिल हैं। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने हाल में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की उच्चायुक्त मिशेल बैशेलट से मुलाकात करके उन्हें अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर के हालात से अवगत कराया था।
कश्मीरियों के मानवाधिकारों का सम्मान करें भारत-पाक
बैशेलेट प्रेट्र के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42वें सत्र के उद्घाटन भाषण में बैशेलेट ने सोमवार को कहा कि उनके कार्यालय को नियंत्रण रेखा के दोनों तरफ मानवाधिकारों की स्थिति पर लगातार रिपोर्टे मिल रही हैं। उन्होंने आगे कहा, 'कश्मीरियों के मानवाधिकारों पर भारत सरकार की हालिया कार्रवाई के प्रभाव से मैं बेहद चिंतित हूं, इसमें इंटरनेट संचार व लोगों की शांतिपूर्ण सभा पर प्रतिबंध और स्थानीय राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं की हिरासत शामिल है।
मैं भारत और पाकिस्तान की सरकारों से फिर अनुरोध करती हूं कि मानवाधिकारों का सम्मान और संरक्षण सुनिश्चित करें। मैं भारत से विशेष तौर पर अपील करती हूं कि वह वर्तमान प्रतिबंधों या कफ्र्यू में ढील दे, लोगों को बुनियादी सुविधाएं सुनिश्चित करे और जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है उनके उचित अधिकारों का सम्मान करे।' असम के राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर बैशेलेट ने भारत सरकार से अपील की कि वह अपील प्रक्रिया का समुचित पालन सुनिश्चित करे, लोगों को वापस भेजने या उन्हें हिरासत में लेने से बचे और लोगों को राज्यविहीन होने से बचाए।
पाक बोला, हमारे रुख के मुताबिक है बैशेलेट का बयान
प्रेट्र के मुताबिक, इस्लामाबाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बैशेलेट के बयान को अपने देश के रुख के मुताबिक करार दिया। इसके बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ट्वीट कर कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय, वैश्विक नेताओं, संयुक्त राष्ट्र महासचिव और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख द्वारा भारत से कश्मीर में प्रतिबंध हटाने की मांग करने और उनकी बढ़ती चिंता का वह स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि अब कार्रवाई का समय है। भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा मानवाधिकार हनन पर अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय उदासीन नहीं रह सकता।
दुनिया के सामने पाकिस्तान की खुलेगी पोल
जेनेवा में चल रहे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 42 वां सत्र के ठीक सामने पाकिस्तान में बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा में मानवाधिकारों के उल्लंघन को उजागर करने वाले पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं। वहां एक तम्बू भी लगाया गया है जिसमें बलूच नरसंहार पर विशेष डाक्यूमेंट्री को प्रदर्शित किया जाएगा। तम्बू में कई बैठकें भी आयोजित की जाएंगी, जिसमें मानवाधिकार कार्यकर्ता, यूरोपीय संसद के सदस्य और अन्य गैर सरकारी संगठन भाग लेंगे।

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